Vox pops is a short audio or video programme made up of recorded clips taken from interviews with common public. Such interviews investigate public opinion or seek information on any subject.
वाक्स पाॅप Vox pops
इस व्याख्यान में हम एक ऐसे विषय की चर्चा करने जा रहे हैं जिसे आप अक्सर सुनते हैं और जिसका उपयोग रेडियो एवं टीवी माध्यम हेतु कार्यक्रम तैयार करने में भी काफी अधिक संख्या में किया जाता है। इसे वाक्स पाॅप कहते हैं । यह एक ऐसा रेडियो एवं टीवी कार्यक्रम है जिसमें कि जनसामान्य से किसी विषय पर छोटे-छोटे इंटरव्यू लिए जाते है और फिर उसे सही प्रकार से संपादित करके प्रस्तुत किया जाता है । आपको यह स्पष्ट कर दें कि इसे कई और नामों से भी जाना जाता है। इसे वॉक्स पापुली वॉक्सेन आदि शब्द भी इसके लिए इस्तेमाल किया जाता है। ये सभी शब्द एवं पद भी लगभग इसके इर्द-गिर्द इस्तेमाल किए जाते हैं ।
Radio Interview रेडियो इंटरव्यू
वाक्स पाॅप कार्यक्रम का उद्देश्य -Objective of Vox pops वाक्स पाॅप कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसी विषय पर जनसामान्य के विचारों को सामने ले आना और उनकी किसी भी कार्यक्रम के संदर्भ में की भागीदारी सुनिश्चित करना होता है। इसमें ऐसे विषय लिये जाते हैं जिससे कि विषय के संदर्भ में रेडियो और उसके श्रोता एवं टीवी और उसके दर्शक के बीच में एक जुड़ाव भी हो। उन्हे एक दूसरे के करीब लाया जा सके। ऐसे कार्यक्रमों का एक उद्देश्य यह भी होता है कि माध्यमों के कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी दिखती रहे और उन्हे यह महसूस हो कि जो कार्यक्रम तैयार किए जाते हैं वह सिर्फ माध्यम के कुछ लोगों के द्वारा ही निर्धारित नहीं किए जाते हैं। इसमें आमजन की भी भागीदारी होती है। इसी प्रकार से किसी विषय पर जब हम आमजन के विचारों को सामने लाते हैं तो इससे वह ज्यादा सजीव और आकर्षक तरीके से प्रस्तुत होता है।
वाक्स पाॅप कार्यक्रम की विशेषताएं Characteristics of Vox pops
वाक्स पाॅप कार्यक्रम की कुछ खास विशेषताएं भी होती है। यह कार्यक्रम मुख्यतः साक्षात्कार पर आधारित होता है । किन्तु इसमें इंटरव्यू लेने के संदर्भ में सम्बन्धित व्यक्ति का कोई किसी प्रकार का कोई पूर्वाभ्यास नहीं किया जाता है। कार्यक्रम की रिकार्डिंग के दौरान कैमरे या माइक के सामने जो व्यक्ति सहज तरीके से उपलब्ध हो जाते है, उनका बिना किसी पूर्वाग्रह के चयन किया जाता है। अतः ऐसे कार्यक्रम के लिए गली, चैराहे में जो भी व्यक्ति मिलता जाता है, उसका इंटरव्यू लेते जाते हैं। इसीलिए इस कार्यक्रम को मैन आन दी स्ट्रीट भी कहते हैं। इस प्रकार से कार्यक्रम में लोगों का चयन करने से विषय की प्रस्तुति में काफी विविधता और विरोधाभास भी रहता है। यह चयन बहुत ही यादृच्छिक या बेतरतीब ढंग से किया जाता है ।
वाक्स पाॅप कार्यक्रम का निर्माण Production of Vox pops
वाक्स पाॅप कार्यक्रम के लिए सर्वप्रथम उस विषय या मुद्दे का निर्धारण किया जाता है जिस पर कार्यक्रम बनाया जाता है। इसके लिए प्रायः ऐसे विषय से लिए जाते हैं जिन पर कि आम जनता अपने विचार व्यक्त कर सके, किंतु जब ऐसे विषय होते हैं जिन पर कि कुछ खास समूह के लोग हीं अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं, तो फिर भिन्न-भिन्न जगहों पर भिन्न-भिन्न व्यक्तियों का चयन करते समय हम उस समूह के ही व्यक्तियों को शामिल करते हैं जो उसके प्रश्नों का उत्तर दे सके ।
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वाक्स पाॅप कार्यक्रमों को तैयार करने के संदर्भ में यह ध्यान में रखना चाहिए कि इसके लिए कितने इंटरव्यू लिए जाना है। इस पर एक समझ बना लिया जाता है। कहीं पर भी हर एक व्यक्ति का इंटरव्यू लिया जाना संभव नहीं है। इसमें काफी समय और श्रम की आवश्यकता पड़ती है। किंतु पर्याप्त संख्या में लोगों का इंटरव्यू रहना चाहिए। बहुत कम इंटरव्यू लेने पर कार्यक्रम प्रभावी नही होता है। ऐसे कार्यक्रम पर्याप्त सहभागीपूर्ण नहीं बन पाता है। उसमें विविधता भी नहीं रहती है। वह कुछ लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाला इंटरव्यू लगता है। इसलिए पर्याप्त संख्या में लोगों का इंटरव्यू लेने सेे कार्यक्रम संतुलित रूप में दिखता है ।
इंटरव्यू लेने से पहले इस बात का निर्धारण करना चाहिए कि यह इंटरव्यू किस प्रकार का है। इसी तरह से यह भी देखा जाता है कि जिस किसी भी विषय पर विचार प्राप्त करना है या स्पष्टीकरण प्राप्त करना है, उसी पैटर्न पर सवाल बना करके लोगों से सवाल पूछते हैं। फिर उसके संदर्भ में लोगों से जो विविध जवाब आते हैं, वही कार्यक्रम को रोचक बनाता है। सामान्य तौर पर इस प्रकार के कार्यक्रम हेतु भिन्न-भिन्न व्यक्तियों से एवं भिन्न भिन्न जगहों पर प्रश्न किया जाता है।
स्थान का चयन – Place for recording Vox pops
वक्स पाॅप हेतु इंटरव्यू लेने के लिए आवश्यक है कि हम ऐसे जगहों का चयन करें, जहां पर लोग आते जाते रहते हैं एवं लोग आसानी के साथ मिल सके और जहाॅं पर किसी तरह की प्रबंधन की समस्या न हो । कोलाहल वाले जगह से बचना चाहिए क्योकि ऐसी स्थिति में जो आवाज रिकार्ड की जा रही है, वह सही तरीके से नहीं रिकार्ड हो सकती है। बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन, टैक्सी स्टैंड आदि उपयोगी स्थान होते हैं। टीवी जैसे माध्यमों के लिए अगर रिकार्डिंग की जा रहा है तो उसमें बैकग्राउंड का ध्यान दिया जाता है ।
वाक्स पाॅप का आरंभ Beginning of Vox pops- इस प्रकार के जब कार्यक्रम लिए जाते हैं तो उसमें कुछ बातें आरंभ में ही बता देनी चाहिए। जो व्यक्ति इंटरव्यू ले रहा है, उसे इन्टरव्यू लेने वाले को इस बात दी सूचना देनी चाहिए कि वह कौन हैं और कहां से आए हैं और क्या करना चाहता हैं। यदि उनको किसी तरह की असुविधा है तो उसके लिए क्षमा याचना के साथ धन्यवाद देना चाहिए। उनको अपनी बातों को कहने में हर तरह से मदद करना चाहिए। उनके सहयोग के लिए उनकी प्रशंसा करनी चाहिए और यह कोई व्यक्ति किसी विषय पर तुरंत विचार नहीं व्यक्त करता था, उसके लिए आवश्यक समय भी दिया जाना चाहिए पहले से बात करके लोगों को मानसिक रूप से तैयार करना चाहिए जिससे कि उनमें आत्मविश्वास उत्पन्न हो ।
बातचीत के लिए कुछ लोग माइक के सामने बहुत उत्सुकता के साथ आते हैं। वहीं पर कुछ लोग बचने की कोशिश करते हैं। वे संकोची या शर्मीले स्वभाव के होते है। ऐसे लोगों को यदि बचाया जायेगा तो फिर उस स्थिति में सब लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं होगा । इसलिए प्रयास करना चाहिए कि सभी लोगों का मिला जुला इन्टरव्यू हो। लोगों से बातचीत करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अनावश्यक बातें या विषय से हट करके बातें सामने न आए । इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कैसे अपने प्रश्न का उत्तर प्राप्त करें। प्रश्न के उत्तर से अतिरिक्त अनावश्यक बातें कोई कर रहा है तो उससे बचना चाहिए। जो भी रिकॉर्डिंग हो, वह छोटे रूप में हो और जो आवाज रिकार्ड की जा रही हैे, वह सुनने योग्य होनी चाहिए।
रिकॉर्डिंग के संदर्भ में अपने सभी उपकरणों को चेक कर लेना चाहिए। जहां कहीं भी रिकॉर्डिंग करना है वहाॅं पर पूरी तरीके से तैयार हो करके जाना चाहिए। प्रश्न पूछते समय एक बार में एक ही प्रश्न पूछना चाहिए। इस दौरान अपना तौर तरीका सौम्य बना करके रखना चाहिए। प्रश्न ऐसे हो, जिसका कि लोग उत्तर देना चाहते है। लोगों के उत्तर देते समय अच्छी तरीके से सुनने का ध्यान रखना चाहिए जिस व्यक्ति को महसूस हो कि उसकी बातों को सुना जा रहा है।
प्रश्न पूछने के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसे प्रश्न न पूछा जाये जिससे कि लोग उत्तेजित होते हैं । किसी भी प्रकार का व्यक्तिगत आक्षेप पूर्ण बातें नहीं करनी चाहिए । एकाएक प्रश्न उत्तर का सिलसिला तोड़ना नहीं चाहिए। इन्टरव्यू का समापन एक शालीन तरीके से करना चाहिए। कोई विचार या उत्तर इप्टरव्यू देने वाले पर इंपोज नहीं करना चाहिए।
प्रत्येक इंटरव्यू के लिए एक नया नोट प्रारंभ करना चाहिए। इसमें संबंधित व्यक्ति का नाम, उम्र आगे का विवरण करना चाहिए। उनको इस बात का कुछ संकेत देना चाहिए कि यह इंटरव्यू कहां पर एवं किस रूप में प्राप्त होगा। किन्तु कभी इस बात की बिल्कुल गारंटी नही देनी चाहिए कि यह निश्चित रूप से ही प्रसारित होगा। लोगों का फोटो भी लेना चाहिए। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि वाक्स पाॅप किसी प्रकार का कोई सर्वेक्षण नहीं है। हर एक व्यक्ति से एक ही प्रश्न पूछा जाता है और उसे विभिन्न प्रकार के उत्तर प्राप्त होते हैं। इसमें इस बात का अवश्य ध्यान दिया जाता है कि अधिक से अधिक लोगों के पास जा करके किसी विषय पर अपने प्रश्न पूछे। इसमें विभिन्न उम्र, सेक्स, समाज के लोगों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए, जिससे कि सत्य बात सामने आये।
इस प्रकार के इंटरव्यू यदि कोई खास प्रकार के परिणाम देते हैं तो सबसे अच्छा होगा। रिकॉर्डिंग किये गये सामग्री को बहुत ही संन्तुलित एवं टाइट रूप में संपादित किया जाता है। अपनी तरफ से किसी के पक्ष में कोई विचार देने का प्रयास नहीं करना चाहिए और सभी पत्रकारिता के आचार संहिता का पालन करना चाहिए।
वाक्स पाॅप कार्यक्रम निर्माण में समस्याएं -Problems in producing Vox pops
वाक्स पाॅप कार्यक्रम को तैयार करने में कठिनाइयां भी होती हैं । ऐसे कार्यक्रम को रिकार्ड करने में काफी समय लगते हैं। लोगों को विचार पाने में भी प्रयास करना पड़ता है। बहुत से लोग इस प्रकार के विचार व्यक्त करने से बचते हैं। कई बार उपस्थित पब्लिक का इसमें सहयोग नहीं मिल पाता है। पत्रकार अथवा जो भी व्यक्ति इस प्रकार के इंटरव्यू लेता है, उसको इस प्रकार के कार्यक्रमों में काफी व्यवस्था प्रबंधन की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। सभी लोगों के आसानी के साथ इंटरव्यू नहीं प्राप्त हो पाते हैं , अतः उसके लिए काफी प्रयास करना पड़ता है। इस प्रकार के इंटरव्यू में भाषा और तकनीकी की भी समस्या होती है। हम जो कुछ भी इस्तेमाल कर रहे होते हैं, वह सही तरीके से उपयोग करना भी आवश्यक होता है, अन्यथा जो व्यक्ति कुछ बोल रहा है, वह रिकॉर्ड नहीं हो पाता है। किन्तु जब कार्यक्रम का निर्माण करना रहता है तो फिर इन सभी समस्याओं से निपटते हुए कार्यक्रम का निर्माण किया जाता है।