December 22, 2024

Preproduction is beginning stage of any video programme production. This article describes important points of pre production stage वीडियो कार्यक्रम निर्माण का प्री प्रोडक्शन स्टेज Preproduction stage in production of video programme

वीडियो कार्यक्रम एक सामूहिक कार्य है। कार्यक्रम निर्माण की यह प्रक्रिया कई चरणों से होकर के गुजरती है । इसमें आरंभिक चरण प्री प्रोडक्शन स्टेज का कहलाता है। इसके अंतर्गत कार्यक्रम निर्माण के संदर्भ में वे सभी आरंभिक तैयारियां होती हैं, जिसके पूर्ण होने के पश्चात कैमरे से रिकॉर्डिंग का कार्य किया जाता है । अतः प्री प्रोडक्शन Preproduction चरण के बारे में किसी भी कार्यक्रम निर्माता को हर प्रकार की जानकारी रखना और उसकी तैयारी करना आवश्यक होता है । यहां पर प्री प्रोडक्शन Preproduction stage स्टेज के संदर्भ में उन कार्यो की चर्चा की गई है, जिन्हें इस दौरान तैयार किया जाता है।

शोध कार्य Research in preproduction stage
टीवी कार्यक्रम निर्माण का एक बहुत ही महत्वपूर्ण शोध का भी होता है । यह कार्य प्री प्रोडक्शन Pre production स्टेज के अंतर्गत किया जाता है । शोध कार्य कार्यक्रम निर्माण के उद्देश्य को ध्यान में रखकर के किया जाता है। इसके अंतर्गत दर्शक से लेकर के विषय दोनों के संदर्भ में शोध करने की आवश्यकता होती है। जो दर्शक होते हैं उनकी रूचि, रुझान, चाह क्या है, उसके बारे में पता लगाया जाता है । सामान्य तौर पर वे किस प्रकार के कार्यक्रम देखते हैं, जिससे कि जो भी कार्यक्रम बनाया जाए, वह इस रूप में हो कि निर्धारित बजट में वह उनके बीच में प्रभावी रूप में अपने संदेश को दे सकें।


योजना बनाना Planning


जिस किसी विषय पर वीडियो कार्यक्रम निर्माण किया जा रहा हो और उसका जो भी उद्देश्य हो, उसको ध्यान में रखकर के कार्यक्रम निर्माण के संदर्भ में योजना बनाने और इसको लिखने की आवश्यकता होती है। स्क्रिप्ट में क्या-क्या बातें शामिल किया जाएगा और कार्यक्रम निर्माण के संदर्भ में कौन-कौन लोग किस रूप में उपयोग किए जाएंगे, इसका भी निर्धारण किया जाता है। स्क्रिप्ट में क्या, कहाॅ एवं कब एवं कितना शामिल करना है, यह भी उसमें निर्धारित किया जाता है। सही शॉट को पाने के लिए जब, जहां, जिन लोगों की और स्थानों और वस्तुओं की आवश्यकता होती है, उसकी भी एक सूची तैयार की जाती है । इसे प्रोडक्शन शेड्यूल में शामिल किया जाता है।


टैलेंट की खोज – Search for talent

वीडियो कार्यक्रम निर्माण के संदर्भ में जिस प्रकार की स्क्रिप्ट होती है, उसके अनुसार विभिन्न प्रकार के कलाकारों की भी आवश्यकता होती है। वीडियो कार्यक्रम निर्माण की भाषा में इसे टैलेन्ट कहते है। अतः उनको पता लगाना प्री प्रोडक्शन स्टेज का एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है। उन्हीं पर कार्यक्रम की सफलता का दारोमदार काफी हद तक निर्भर करता है। यदि कोई फिल्म प्रस्तुत की जा रही है तो उस संदर्भ में फिर कैसे कलाकारों की जरूरत है, उसका पता लगाया जाता है । वे इस प्रकार के होते हैं कि स्क्रिप्ट में वर्णित कथा को अधिकतम अच्छी तरीके से और इस फिल्म का जो भी उद्देश्य है उसे पूरा कर सके।
इसी चरण के अंतर्गत है उन कलाकारों को भी खोज की जाती है जो कि कार्यक्रम निर्माण के संदर्भ में विभिन्न प्रकार के संवाद एवं अन्य आवाज को सही तरीके से प्रस्तुत कर सके । साक्षात्कार के लिए लेने और देने वाले के भी तलाश होती हैं। यह सब कार्य में इस बात पर ध्यान दिया जाता है कि कार्यक्रम निर्माण का जो उद्देश्य है, वह सफलतापूर्वक पूरा करने वाले कलाकारों की सही पहचान करके उन्हें कार्यक्रम में शामिल किया जाए।


उपकरण को एकत्र एवं तैयार करना Preparation and hiring of equipment


टीवी कार्यक्रम निर्माण के अंतर्गत उसमें किस प्रकार के उपकरणों की आवश्यकता होती है, उसको एकत्र करने का कार्य प्री प्रोडक्शन का एक दूसरा बहुत महत्वपूर्ण कार्य है। इस सन्दर्भ में इस बात का भी निर्धारण किया जाता है कि किस उपकरण को खरीदने की आवश्यकता है और किसे किराये पर लिया जा सकता है। कार्यक्रम निर्माण के संदर्भ में कैमरा, माइक, लाइट आदि की व्यवस्था सही प्रकार से होनी चाहिए। इसी के साथ कार्यक्रम निर्माण के संदर्भ में सेट डिजाइन हेतु विविध प्रकार के फर्नीचर, मेकअप एवं अन्य प्रकार के जिस सामग्री की जरूरत होती है, उसे उपकरण प्राप्त किया जाता है। इस प्रकार गुणवत्तापूर्ण कार्यक्रम बनाने के लिए आवश्यक उपकरण की सूची की जांच करके फिर उसको एकत्र किया जाता है ।

Characterization <strong>कहानी, नाटक, उपन्यास में चरित्र चित्रण</strong>


स्टॉक फुटेज का रिव्यु एवं चयन -Selection of stock footage in preproduction stage


बहुत से ऐसे कार्यक्रम होते हैं जिसमें कि शॉट होते हैं, जिनको दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। कारपोरेट प्रोडक्शन में इस प्रकार के स्टॉक शॉट अक्सर उपयोग में लाए जा सकते हैं । कुछ ऐसे दृश्य होते हैं जिन्हें बाद में दोबारा दिखाना होता है , ऐसे दूसरों को दिखाने के संदर्भ में स्टाक शॉट की मदद ली जा सकती आता है स्टाफ शर्ट का रिव्यू और उसमें से उपयोगी सदस्यों का चयन रिप्रोडक्शन स्टेज का एक महत्वपूर्ण कार्य होता है।

Video editing – Basic principles
स्थान का निरीक्षण करना Observation of places in preproduction stage


किसी भी प्रकार के वीडियो कार्यक्रम निर्माण के संदर्भ में बहुत सी शूटिंग स्टूडियो में किए जाते हैं वहीं पर शूटिंग के लिए स्क्रिप्ट के अनुसार विभिन्न प्रकार के स्थानों की आवश्यकता होती है। इसमें किस प्रकार के स्थान की आवश्यकता होती है, उसके लिए वीडियो की स्क्रिप्ट और उसमें जो स्टोरीबोर्ड बनाई गई है , उसका सहारा लिया जाता है। ऐसे स्थानों में कहां पर पूर्व परमिशन लेने की आवश्यकता होती है, उसको भी ध्यान रखना होता है। इस सन्दर्भ में सम्बन्धित अधिकारी से अनुमति प्राप्त किया जाता है। यदि विभिन्न प्रकार के मौसम की कोई समस्या है, तो उसके सन्दर्भ में भी रणनीति बनाई जाती है। सब स्थितियाॅं इस प्रकार की होनी चाहिए , जहां पर कि सही प्रकार से शूटिंग कार्य को किया जा सके। आवाज, रोशनी और दृश्य आदि तीनों बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे कि शूटिंग कार्य आसानी से किया जा सके।

शूटिंग शेड्यूल का निर्धारण – Determining Shooting schedule

प्रिप्रोडक्शन के अंतर्गत ही कार्यक्रम निर्माण के संदर्भ में शूटिंग शेड्यूल का निर्धारण किया जाता है। शूटिंग शेड्यूल का निर्धारण के संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना होता है । जिस किसी भी स्थान पर शूटिंग करना होता है, वहां पर कब शूटिंग करना उपयुक्त होगा, इस बात को ध्यान में रखना आवश्यक है। वहां पर सही तरीके से प्रकाश उपलब्ध हो एवं शूटिंग के लिए शांति वातावरण रहे इसका ध्यान रखना होता है यहां पर कलाकारों के सहूलियत को भी ध्यान में रखना होता है

ब्लॉकिंग स्क्रिप्ट – Blocking script

जब सब तैयारी पूर्ण हो गई रहती है उसके पश्चात शूटिंग करने के पहले स्क्रिप्ट ब्लॉक करने की आवश्यकता होती है । इसके अंतर्गत कार्यक्रम निर्माता इस बात का निर्धारण करता है कि किसी भी कैमरे के सापेक्ष कलाकार के रूप में कार्य करने वाले व्यक्ति किस प्रकार से और कैसे मूवमेंट करेंगे जिससे कि सही तरीके से शूटिंग की जा सके, यह कार्य ब्लॉकिंग स्क्रिप्ट कहलाता है। इसे कई प्रकार से किया जा सकता है। बहुत से कार्यक्रम निर्माता इस कार्य के लिए स्टोरीबोर्ड की मदद लेते हैं । स्टोरी बोर्ड में दिखने वाले दृष्य की मदद से इस कार्य को करते है। इसी तरह से दूसरे इस केस की मदद लेते हैं जिसमें कैमरा और कलाकार की पोजीशन को दर्शाया गया है। फिलहाल चतम.चतवकनबजपवद स्टेज का यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है, जिसे सही ढंग से करने की आवश्यकता होती है।

https://blog.cg-wire.com/pre-production-in-animation-definition-process-challenges/


पूर्वाभ्यास अभ्यास Rehearsal in preproduction stage –

कार्यक्रम की शूटिंग करने से पहले उसका पर्याप्त रूप से अभ्यास अथवा रिहर्सल करना आवश्यक होता है । इसके कई प्रकार से लाभ हैं- इससे अन्तिम तौर पर प्रस्तुत किये जाने वाले कार्यक्रम को बेहतर कलात्मक एवं तकनीकी तौर पर प्रस्तुत करने की बेहतर होता जाता है। इसलिए इसे अधिक से अधिक करने की आवश्यकता होती है।

अभ्यास अथवा रिहर्सल के माध्यम से ही कार्यक्रम निर्माण के संदर्भ में और स्क्रिप्ट के संदर्भ में विभिन्न प्रकार के बातों की जानकारी मिलती है। स्क्रिप्ट के संवाद और उसके प्रस्तुत करने के तरीके के बारे में रिहर्सल के दौरान कुछ भी फीडबैक प्राप्त होता है। उसकी मदद से आवश्य सुधारों एवं बदलावों को किया जाता है। पूर्वाभ्यास के माध्यम से ही कलाकारों के बीच में एक तालमेल भी बन जाता है । इसका लाभ अंतिम रूप से तैयार किए जाने वाले कार्यक्रम में मिलता है किसी भी कार्यक्रम निर्माण के पूर्व कितना रिहर्सल करना है, यह काफी हद तक कार्यक्रम पर भी निर्भर करता है।
प्रिप्रोडक्शन मीटिंग करना –Meeting in preproduction stage

किसी भी कार्यक्रम निर्माण प्रक्रिया में शूटिंग करने से पहले मीटिंग करने आवश्यक होता है । इस मीटिंग में सभी बातें लोग जान समझ लेते हैं । जितनी ही अधिक तरीके की प्लॉट पर शूटिंग करनी रहती है, इन सब अवसरों पर मीटिंग भी करनी पड़ती है । शूटिंग से पहले इस प्रकार की मीटिंग से अंतिम रूप से सभी सब बातों का निर्धारण हो जाता है । कार्यक्रम निर्माता-निर्देशक एवं कार्यक्रम से जुड़े जितने भी व्यक्ति होते हैं वे सभी लोगों को प्रत्येक टीम के बारे में आवश्यक जानकारी देता है। जिससे कि सभी लोगों को सूटिंग से पहले इसके बारे में एक अच्छी समझ बन गई रहती है ।

प्रोडक्शन के संदर्भ में विभिन्न प्रकार की तैयारियां करनी पड़ सकती है यहां पर जो भी बातें बताई गई हैं इसके अलावा भी बहुत रखें ऐसे बातें होते हैं जिन्हें की pre-production के संदर्भ में तैयार किया जाता है अथवा किए जाने की आवश्यकता हो सकती है । अतः एक कार्यक्रम निर्माता को सभी बातों को ध्यान में रख कर के ही कार्यक्रम के दूसरे चरण में प्रवेश करना चाहिए।

इस प्रकार से उपर्युक्त सभी किया तलाब करने सही प्रकार से करने के पश्चात शूटिंग की प्रक्रिया आरंभ की जाती है।

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