December 22, 2024

संचार का दो-चरण प्रवाह का सिद्धांत   Theory of two-step flow of communication

Two steps flow of communication is a media theory which emphasize the role of opinion leader in communication .
संचार का जो दो चरण प्रवाह सिद्धांत प्रस्तुत किया गया है, उसके अनुसार अंतरव्यक्ति या आपस में जो हम बातचीत करते हैं, उसके द्वारा जो प्रभाव एक दूसरे पर पड़ता है, वह जनमाध्यमों द्वारा डाले गए प्रभाव से कहीं अधिक है होता है ।
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सिद्धांत की उत्पत्ति Origins of two-step flow of communication Theory


दो चरण के संचार के प्रवाह का सिद्धांत Hazel Gaudet] Bernard Berelson and Paul Lazarsfeld ने प्रस्तुत किया । इस संदर्भ में उन्होंने पीपुल्स चॉइस नामक पुस्तक को प्रस्तुत किया । इसमें 1940 में अमेरिका में राष्ट्रपति का जो चुनाव हुआ था, उस दौरान आम जनता द्वारा मतदान के निर्णय की प्रक्रिया का अध्ययन करके उसके बारे में बताया। चुनाव के दौरान किए गए उस अध्ययन के पश्चात यह पाया कि मास मीडिया और उसमें दी गयी विषय सामग्री सबसे पहले समाज के उन लोगों तक पहुंचती है जो कि काफी अधिक सक्रिय रहते हैं और विभिन्न प्रकार के क्रियाकलापों को जानने एवं समझने में अधिक रूचि रखते हैं और समाज में अपनी एक विशेष पहचान रखते हैं। वे जन माध्यमों के विषय को सुनने जानने तथा विश्लेषण करने के बाद इसे फिर उन लोगों तक पहुंचाते हैं जो कि जनमाध्यमों का अपेक्षाकृत कम इस्तेमाल करते हैं।

Development of Two steps flow of communication theory
इस सिद्धांत को देने वाले संचार वैज्ञानिकों ने 1940 के अपने अध्ययन में यह पाया था कि चुनाव के दौरान अधिकतर जनता चुनाव संबंधी बातों को सीधे जनमाध्यमों से जानने के बजाय उन लोगों से जान सकी जो कि चुनाव के दौरान समाचारपत्र पढ़ते थे। अर्थात कुछ लोग जनमाध्यमों से मिली जानकारी को पहले प्राप्त किया । फिर उन्न्होने उसे अपने अन्य लोगों को बताया । किंतु इस देने के दौरान वे उसमें अपने ढंग से उसका विश्लेषण भी किए जिससे कि जनमाध्यम में जो बातें कही गई थी, वे उसी रूप में न पहुंच करके, इनके द्वारा एक नए रूप में उन तक पहुंचाया गया। इन्हे आपीनियन लीडर का नाम दिया गया। इस प्रकार माध्यमों से कही बातों की तुलना में ओपिनीयन लीडर की बातों पर लोग अधिक विश्वास किए। अतः ऐसे व्यक्ति जो कि ओपीनियन लीडर की भूमिका में रहे, वे आम जन के बीच कहीं अधिक प्रभावी रहे। इस प्रकार संचार आमजन तक दो चरणों में पहॅुचता है। पहले चरण में वह कुछ लोगों तक पहुॅंचती है। दूसरे चरण में वह इन लोगों से आम जन तक पहुॅंचती है।

ओपिनियन लीडर in two-step flow of communication


द्वि चरणीय संचार के मॉडल में यह कहा जाता है कि वह व्यक्ति जो जनमाध्यमों में कही बातों से सीधे प्रभावित होते हैं, वे बाद में उन्हें समाज के अन्य वर्गो के बीच में अपने तरीके से ले जाते हैं और उनके विचारों को प्रभावित करते हैं किंतु जब वे अपने तरफ से मीडिया के बातों को ले जाते हैं तो वह सिर्फ वही बातों को नहीं ले जाते हैं , वरन उसके साथ साथ वह अपने तरीके से उसका विश्लेषण करते हैं।


समाज विभिन्न समूहों में विभाजित रहता है प्रत्येक समूह के अपने-अपने विशेषताएं होती हैं उनकी आवश्यकताएं होती हैं । उनकी सूचना संबंधी आवश्यकताएं भी अलग-अलग प्रकार की होती हैं । इसलिए समाज के विभिन्न समूहों के जो ओपिनियन लीडर होते हैं, वे भी अलग-अलग होते है। उदाहरण के लिए यदि राजनीतिक विषयों की चर्चा की जा रही है, तो उस अंदर में जन माध्यमों की द्वारा जो कुछ भी बातें बताई जाती है, तो उस के संदर्भ में समाज के ओपिनियन लीडर अलग होते हैं । इसी प्रकार से धार्मिक, सांस्कृतिक तौर पर अगर कोई बात बताई जा रही है, तो उस के संदर्भ में ओपिनियन लीडर अलग होते हैं ।


इस प्रकार से संचार के संदर्भ में पूर्व में दिए गए बुलेट थिअरी के विपरीत संचार के दो चरण प्रवाह सिद्धांत में यह कहा गया है कि कुछ व्यक्ति जो संचार माध्यमों से सीधे सम्पर्क में रहते हुए इन माध्यमों से प्रेषित सभी बातों को पहले देखते सुनते हैं और फिर वे बाद में समाज के अन्य लोगों के बीच में उन बातों एवं विचारों को अपने तरीके से प्रभावित करते हुए प्रस्तुत करते हैं। किंतु इस दौरान वे उसे एक ऐसा रूप देते हैं जो जरूरी नहीं है कि संचार में जो बातें कही गई है उसी की तरह हो । इस प्रकार से इस सिद्धांत में जो बात कही गई वह इसके पूर्व प्रस्तुत बुलेट के सिद्धांत में जो बातें कही गई थी, उसके बिल्कुल विपरीत है। मीडिया के बुलेट सिद्धांत में यह कहा गया था कि जो कुछ भी संचार माध्यमों से बातें कहीं जाती हैं, बताई जाती हैं और दिखाई जाती हैं ,उन्हे जनसामान्य सीधे ग्रहण कर लेते हैं और इसमें बीच में किसी तरह का कोई और व्यक्ति शामिल नहीं रहता है । अर्थात जनमाध्यम ही सीधे अपनी बातों को आमजन तक पहुंचा करके उसको प्रभावित करते हैं और आमजन जो होते हैं वह उन बातों को सीधे विश्वास कर लेते हैं और उन पर उसका सीधा प्रभाव पड़ता है ।


किंतु संचार के दो चरण सिद्धांत यह कहा गया है कि जनमाध्यम से जो कुछ भी बातें कही जाती है , वह आम जन तक सीधे न जाकर के ओपिनियन लीडर के माध्यम से पहुंचती है और ओपिनियन लीडर जो होता है, वह उन बातों को उसी रूप में न रख करकेे उसे अपने तरीके से उसका स्पष्टीकरण करता है , उसमें अन्य बातों को भी शामिल करता है । वह उसका विश्लेषण करता है और फिर वह लोगों तक उस बात को पहुंचाता है। यह बुलेट सिद्धांत के विपरीत है।

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