Silence in communication plays various role and gives different messages. This article discusses some important aspects of silence communication
मौन संचार
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संचार के जो विभिन्न स्वरूप हैं, उसमें से एक बहुत ही महत्वपूर्ण तरीका मौन संचार का भी है। इसे अंग्रेजी में साइलेंस कम्युनिकेशन कह सकते हैं। साइलेंस संचार अपने ढंग से संदेश को देता है। इसका कई प्रकार से उपयोग भी किया जाता है। आगे हम मौन संचार के बारे में ही विशेष रूप से चर्चा करेंगे ।
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2 मौन का आशय Meaning of silence in communication
संचार का मौन स्वरूप संचार का एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्वरूप है। जिस प्रकार से लिखित और बोल करके हम संचार करते हैं। उसी तरीके से शांत अथवा मौन रह करके भी संचार किया जाता है। जब इस रूप में संचार किया जाता है तो फिर इसके माध्यम से कई प्रकार के भाव को संप्रेषित किया जाता है। इससे हम उन बातों को कह देते हैं या इससे हम उन मनोभावों को व्यक्त कर देते हैं जो कि हम शायद बोल कर के नहीं कर सकते हंै। किंतु मौन सदा एक ही प्रकार का संदेश है अथवा भाव नहीं व्यक्त करता है, भिन्न-भिन्न व्यक्ति एवं परिस्थितियों के अनुसार या भिन्न भिन्न प्रकार के भाव व्यक्त करता है ।
जब हम मौन संचार की बात करते हैं तो यह कई प्रकार से किया जाता है । व्यक्ति अकेले रह करके मौन रहता ही है, किंतु किसी व्यक्ति के साथ संचार प्रक्रिया के दौरान मौन होना अथवा किसी व्यक्ति के मिलने के दौरान मौन होना या फिर समूह में किसी व्यक्ति से भेंट मुलाकात के दौरान या किसी अन्य तरीके से मौन होने के अपने अलग-अलग अर्थ निकलते हैं । इसी प्रकार से भिन्न-भिन्न व्यक्तियों एवं स्थितियों में मौन होने के भी अपने अपने ढंग से संदेश संप्रेषित होते हैं
सोचने विचारने हेतु समय Silence in communication to think
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जब हम किसी व्यक्ति से बातचीत करते हैं, उस दौरान कुछ देर के लिए जब हम मौन रहते हैं, तो उसके माध्यम से हम सोचन,े विचारने एवं विश्लेषण करने का एक समय प्राप्त कर लेते हैं। इससे हमें अपने विचारों को तैयार करने और उसे एक व्यवस्थित रूप देने का एक अवसर मिलता है। संचार के दौरान सामान्य रूप में मौन उसका एक भाग होता है और यह संचार को एक सही रूप आकार भी प्रदान करता है । इसके माध्यम से और किसी विचार को स्पष्ट करने का भी मौका मिलता है। इसका इस्तेमाल दबे हुए रूप में प्यार को स्वीकार करने के संदर्भ में भी किया जाता है।
चोट पहुंचाने के लिए
संचार की प्रक्रिया में मौन अपने स्तर से विभिन्न प्रकार के क्रिया कलाप करता है अथवा भाव व्यक्त करता है। यह स्वयं शांत रह करके कई प्रकार के संदेश देता है। कई बार जब कोई व्यक्ति किसी के साथ रहते हुए मौन धारण किए रहता है तो वह संबंधित व्यक्ति के साथ एक प्रकार से भावनात्मक चोट पहुंचाता है। यह उसको यह दर्शाता है कि वह उसकी उपेक्षा कर रहा है। यह ऐसा व्यवहार है जो कि यह दर्शाता है कि किसी व्यक्ति की उपस्थिति का उसके लिए कोई मायने नहीं है या उसके उपस्थित को एक तरह से इनकार करता है । यह दूसरे व्यक्ति को चोट पहुंचाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि वह उसकी सत्ता को एक प्रकार से इनकार करता है। साइलेंस से व्यक्ति यह भी दिखाता है कि वह दूसरे व्यक्ति की उपस्थित से उसको कोई फर्क नहीं पड़ता है।
दूसरी तरफ, मौन रहने से एक संकेत यह भी है कि वह बात चीत के विषय सन्दर्भ से स्वयं को नही जोड़ पा रहा है या अपने को इस लायक नही समझता है कि वह भी अपने विचार को व्यक्त करे या उससे वह अन्य कारणों अलग है।
तनाव को कम करने हेतु Silence in communication reduces stress
कई बार कोई व्यक्ति अपने तनाव कम करने के उद्देश्य से भी मौन बना रहता है। उसको लगता है कि उसकी बात नहीं सुनी जाएगी या उसको इंकार कर दिया जाएगा तो उस स्थिति में वह शांत ही रहना पसंद करता है। ऐसी भी स्थितियां होती हैं जिसमें कि कोई व्यक्ति किसी प्रकार के विवाद को आगे बढ़ने से बचाने के लिए मौन हो जाता है। जब कोई व्यक्ति स्वयं को बहुत ही विवाद की स्थिति में पाता है और यह समझता है कि शांत ही रहना विवाद को खत्म करने का उपाय है, तो वह मौन धारण कर लेता है।
संचार को रोकने या बंद करने हेतु Silence is used to prevent communication
कोई व्यक्ति यदि किसी से संचार को समाप्त करना चाहता है या नहीं करना चाहता है तो उस स्थिति में उस व्यक्ति के समक्ष मौन धारण कर लेता है। इसी प्रकार से कई बार किसी विषय के संदर्भ में व्यक्ति मौन धारण कर लेता है, तो वह इस बात का संकेत है कि उसके बारे में वह किसी प्रकार का कोई बात नहीं करना चाहता है। बहुत बार कुछ ऐसे विषय होते हैं जिस पर कि लोग बातचीत नहीं करना चाहते हैं। अगर जाने अनजाने में उस विषय का जिक्र छिड़़ गया तो लोग उस पर मौन धारण कर लेते हैं। जिससे किसी की प्रकार की और कोई विवाद की स्थिति न बने। जब किसी प्रकार की कोई बात कहने सुनने लायक नहीं रह जाती है तो व्यक्तियों के बीच में मौन की स्थिति बन जाती है। लोग उस समयं भी मौन ही रहते हैं, जब वे संवाद करने के लिए उचित स्थिति नहीं महसूस करते हैं। जब संवाद करने के लिए सही स्थान नहीं है या फिर वह अवसर नहीं बनता है तो फिर वे मौन रहना ही उचित समझते हैं।
भावनाओं के संप्रेषण हेतु Silence in communication shows feelings
जिस प्रकार से हम अपने आंख, चेहरे आदि द्वारा अपनी भावनाओं को संप्रेषित करते हैं, उसी तरीके से मौन भी भावनाओं को संप्रेषित करता है। मौन एक प्रकार से हमारे अनिच्छा को जाहिर करता है किसी काम में हम शामिल नहीं होना चाहते हैं। हम संचार में शामिल नहीं होना चाहते हैं, यह भाव भी मौन प्रेषित करता है। इसके माध्यम से हम किसी किसी की अथॉरिटी को भी चुनौती देते हैं। जब हम मौन धारण कर लेते हैं तो इसका आशय यह है कि हम आपको कुछ नहीं समझते हैं।
दूसरी तरफ, मौन के माध्यम से हम सामने वाले के सम्मान भी देते हैं। उसके सामने कुछ नहीं बोले, इसका मतलब है कि जो कुछ भी वह कह रहा है , उसे हम उसे स्वीकार कर रहे हैं। संचार के दौरान जब व्यक्ति मौन धारण कर लेता है, तो कई बार वह अपने झुंझलाहट को भी व्यक्त करता है। प्रश्न के उत्तर के दौरान व्यक्ति यदि मौन धारण करता है तो उसका आशय यह है कि वह इस प्रश्न का उत्तर नहीं देना चाहता है। यह भी कि उसे उसका उत्तर ज्ञात नहीं है। एक दूसरे को देखते हुए जब व्यक्ति मौन धारण करता है, तो एक तरह से वह उनके प्रत्येक आपस में लगाव जुड़ाव को भी व्यक्त करता है।
सक्रिय सुनने के दौरान मौन
व्यक्ति जब बहुत ही सक्रिय हो करके कोई बात सुन रहा होता है, और उसमें तल्लीन हो गया रहता है तो उस समय भी मौन रहता है। व्यक्ति समूह में रह करके कोई बात सुनता है तो मौन धारण किये रहता है। वही आपसी संचार के दौरान जब वह ध्यान दे करके कोई बात सुन रहा होता है, तो वह मौखिक अथवा अमौखिक तरीके से कुछ फीडबैक दे सकता है
मौन विषय संदर्भ की अनुपस्थित का प्रतीक Silence in communication gives absence of contents
जब किसी के साथ संवाद कर रहे होते उस दौरान कई बार मोैन इस बात का भी द्योतक है कि बातचीत के दौरान विषय संदर्भ समाप्त हो गए हैं। फिर अब नए विषय संदर्भ को ढूंढना है। फिर व्यक्ति जब कुछ नए विषय सोच लेता है तो फिर उस के संदर्भ में वह बातचीत आरंभ करता है । अतः संवाद को बनाए रखने के लिए व्यक्ति के पास पर्याप्त संदर्भ होने चाहिए।
मौन के लाभ Benefits of Silence
उनके उपयोग के तमाम पहलुओं के अतिरिक्त उसके कई प्रकार के लाभ भी हैं। लोग किसी प्रकार के विषय पर अनावश्यक बहस चर्चा से बचने के लिए मौन रहते हैं। मौन करके आदमी मानसिक शांति में भी रहता है। एक स्वस्थ तरीके से मौन शांति के लिए भी बहुत उपयोगी है । किसी विषय पर ध्यानपूर्वक बातों को सुनने के लिए भी मौन रहना आवश्यक होता है। यह स्वयं से संवाद करने के लिए भी किया जाता है। मौन में रह करके व्यक्ति चिन्तन भी करता है।
मौन का उपयोग Uses of Silence
मौन को हमें अपने जीवन में बहुत ही सकारात्मक तरीके से उपयोग करना चाहिए। सही तरीके से इसका उपयोग करने से हम बहुत तरीके के समस्याओं से बच सकते हैं। मानसिक रूप से शांति बनाए रख सकते हैं । किसी काम को ध्यानपूर्वक करने में सक्षम हो सकते हैं। इस प्रकार से हम यह भी पाते हैं कि मौन अपने आप में मौन नही होता है । वह अपने स्तर से विविध प्रकार के संदेश भाव को सम्प्रेषित करता है।