Selfie photography सेल्फी फोटोग्राफी में बरतें सावधानी
फोटोग्राफी कभी बहुत ही मॅंहगा शौक माना जाता रहा है। पहले घर,परिवार एवं समाज में बहुत ही सीमित अवसर पर फोटोग्राफी की जाती रही और आम जन तो इस प्रकार के कार्य से काफी दूर होते थे। फोटोग्राफी का कार्य करने वाले विशेष रूप से प्रशिक्षण पाये तकनीकी व्यक्ति होते थे। इन्हे फोटोग्राफर के रूप में जाना जाता है। किन्तु डिजिटल तकनीक ने आम जन को फोटोग्राफी करने की सुविधा दी है और मोबाइल में फोटोग्राफी करने की जो सुविधा प्राप्त हुई है, उसने तो अब सभी व्यक्तियों को फोटोग्राफर बना दिया है। हालाॅंकि फोटोग्राफ लेने के सन्दर्भ में सभी प्रकार की बारीकियों के बारे में उन्हे जानकारी नही होती है।
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वर्तमान में सेल्फी फोटोग्राफी युवाओं में एक बहुत ही लोकप्रिय शौक बन चुका है। सोशल मीडिया ने इसे काफी बढ़ावा दिया है। ऐसा अनुमान है कि प्रतिदिन दस लाख से भी अधिक सेल्फी लिए जाते हैं। स्मार्टफोन की मदद से कोई भी व्यक्ति दूसरे व्यक्ति, वस्तुु, स्थान के साथ या उसे बैकग्राउंड और फाॅरग्राउंड में स्वयं को शामिल करते हुए सेल्फी ले सकता है। इसके अन्तर्गत वह किसी भी स्थान को बैकग्राउंड में रखते हुए स्वयं का फोटो लेता है। सामान्य ढंग से किसी के साथ अथवा किसी स्थिति में फोटो लेने में किसी प्रकार की कोई समस्या नही होती हैं, किन्तु लोगों को प्रभावित करने के प्रयास में विचित्र ढंग से सेल्फी फोटो लेने का तरीका बहुत ही जान लेवा साबित होता जा रहा है। आज इसके बारे में जागरूकता उत्पन्न करने की सख्त आवश्यकता है।
सेल्फी का शौक किसी प्रकार से खराब नही माना जा सकता है। किन्तु अजीबोगरीब परिस्थिति में सेल्फी लेने के कारण न केवल समस्या उत्पन्न होती है, वरन् काफी दुर्घटनाएं भी होती हैं। पिछले वर्षो में सेल्फी सम्बन्धी दुर्घटनाओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। आंकड़े तो यही बताते है कि वर्तमान में भारत में सेल्फी फोटोग्राफी में मरने वालों की संख्या सर्वाधिक रही है। इसके बाद रूस, अमेरिका एवं पाकिस्तान जैसे देश आते हैं। कई वर्ष पहले यू एस लाइब्रेरी आफ मेडिसिन द्वारा गये अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि 2011 से 2017 के बीच सेल्फी लेते समय दुनिया भर में 259 लोगों की जो मृत्यु हुई थी, उसमें से मरने वाले बड़ी संख्या व्यक्ति भारत से ही थे। यह तो मरने वालों की संख्या रही है। किन्तु बहुत बड़ी संख्या में लोग घायल भी होते हैं। हाॅंलाकि यह आॅंकड़ा माध्यमों में प्रकाशित समाचार के आधार पर ही है , किन्तु जनमाध्यमों में ऐसे सभी मामले नही आते हैं। कई सड़क दुर्घटनाएं सेल्फी की चजह से ही होती हैं, हालाॅंकि इसकी जानकारी सामने नही आती है।
Dangerous methods for Selfie photography
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सेल्फी फोटोग्राफी लेने के लिए लोग भिन्न भिन्न प्रकार की स्थितियों में स्वयं को रखते हुए फोटोग्राफी करते हैं। इसी में होने वाली दुर्घटनाए फिर उनके मौत का कारण बनती है। चलती ट्रेन के सामने आकर फोटो लेने के चक्कर में तो काफी लोगों की जाने जा रही है। विभिन्न अजीबोगरीब स्थिति में रख करके फोटो लेने के प्रयास में कम उम्र के युवा एवं बच्चे ही दुर्घटना के विशेष रूप से शिकार हो रहे है। यदि विभिन्न समाचारों एवं न्यूजपोर्टल का अध्ययन किया जाये तो समाचारपत्रों एवं समाचारपोर्टल पर इसके बारे में नियमित तौर पर काफी समाचार निकलते रहते हैं। इसमें भिन्न भिन्न प्रकार के अजीबोगरीब स्थिति में फोटो लेने के प्रयास में मरने की खबरें प्रकाशित होती रहती हैं।
How to Protect accidents in Selfie photography
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फोटोग्राफी एक कला एवं तकनीक है, किन्तु इसी के साथ अब यह भी बताना आवश्यक है कि फोटोग्राफी करते समय अपनी सुरक्षा सबसे मुख्य है। यदि फोटोग्राफी करते समय अपनी सुरक्षा पर ध्यान नही दिया तो फिर दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है।
Government initiative in selfie photography
भारत के पर्यटन मंत्रालय द्वारा ऐसे स्थानों की पहचान करने का निर्देश दिया है जहाॅं पर सेल्फी लेते समय दुर्घटना की आशंका वाले स्थानों की पहचान करने एवं उसे बैरीकेड करने के लिए भी कहा है। इसे सेल्फी से होने वाली दुर्घटना से बचाव की तरफ सरकार द्वारा उठाया गया पहला कदम के तौर पर देखा जा सकता है। कई जगहों पर लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रख करके सेल्फी लेने पर रोक है। गुजरात में तो कुछ स्थानों पर सेल्फी लेने पर रोक लगी हुई है। यहाॅं पर पहाड़ी क्षेत्र के पर्यटक स्थल पर सेल्फी लेने में युवा किसी भी हद तक चले जाते रहे हैं और कई की नदी के समीप धारा उॅंची पहाड़ी से खाई में गिरने से या पानी के तेज बहाव से साथ बहने से मृत्यु हो चुकी है। इसी प्रकार से देश के कुछ अन्य भागों में भी लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सेल्फी लेने पर रोक लगी हुई है।
Awareness to avoid accidents in Selfie photography
सेल्फी लेने के सन्दर्भ में सावधानियों के बारे में लगातार लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए। इस प्रकार के विचित्र ढंग के फोटो लेने का शौक बच्चों एवं युवा वर्ग को काफी अधिक होता है। इसलिए अभिभावकों का यह परम् दायित्व है कि वे इसके बारे में अपने बच्चों को जागरूक करे और यह बतायें कि सेल्फी लेने के दौरान सुरक्षा सबसे पहले है। जब भी किसी प्रकार को कोई सेल्फी लिया जाना रहता है, तो सबसे पहले स्थान समय के सन्दर्भ में सुरक्षा को समझ लेना चाहिए। अक्सर यह होता है कि भौगोलिक स्थिति को समझे बगैर उस स्थिति में जा करके फोटोग्राफी करते है।
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विभिन्न प्रकार के सेल्फी फोटो लेने के लिए बहुत ही अजीबोगरीब जगह का चयन नही किया जाना चाहिए। यह देख लेना चाहिए कि आस पास कोई बिजली का तार तो नही है। कुछ खास प्रकार की स्थितियों में जा करके सेल्फी लेने से सदैव बचना चाहिए। जैसे जानवरों के साथ या फिर बहुत ऊॅंचाई पर जा करके एवं तेज चलते वाहन पर सेल्फी लेने से बचना चाहिए। इसी प्रकार से सेल्फी लेने के दौरान बहुत आगे पीछे झुकने से भी बचना चाहिए। ऐसी स्थिति में ही शरीर के सन्तुलन के बिगड़ने की आशंका होती है और व्यक्ति फिसल करके गिर सकता है। तेजी से चलते वाहन पर उसके आगे एवं पीछे हो करके भी फोटो नही लेना चाहिए। व्यक्ति को स्वयं गति का कोई आकलन नही रहता है और फिर वह दुर्घटना का शिकार हो सकता है। इसी प्रकार से हाईवे एवं रेल ट्रैक पर सेल्फी फोटो लेने का प्रयास नही करना चाहिए।
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पहले जब भी फोटोग्राफी की जाती रही है, तो इस प्रकार के अटपटे स्थिति का चयन तो कम से कम नही ही किया जाता रहा है। इसलिए किसी प्रकार की कोई दुर्घटना की कोई बात भी नही होती थी। किन्तु वर्तमान में अत्यन्त जोखिम में रख करके सेल्फी फोटोग्राफी की जाने लगी है। इसलिए इसमें काफी दुर्घटनाए भी होने लगी हैं। सेल्फी की संख्या तो कम नही होने वाली है,वरन् इस प्रवृत्ति में दिनों दिन बढ़ोत्तरी ही होती जायेगी। किन्तु सुरक्षा के मानकों को ध्यान में रख करके ही फोटोग्राफी की जानी चाहिए। यदि सुरक्षा सम्बन्धी पूर्व में वर्णित बातों को ध्यान में रखा जाये, तो फिर सेल्फी फोटोग्राफी में दुर्घटना नही होगी।