December 23, 2024

                Radio magazine programme

Radio magazine is an important audio programme. It is very useful for common people. The present content discusses various aspects of radio magazine programme

  आज के लेक्चर में हम रेडियो पत्रिका के बारे में चर्चा करेंगे जिसके अंतर्गत रेडियो पत्रिका किसे कहते हैं किस प्रकार की पत्रिकाओं के उद्देश्य और विशिष्ट गुण क्या होते हैं। इसके बारे में बताया जाएगा। इसी के साथ एक रेडियो पत्रिका के तैयार करने और प्रस्तुत करने में किन बातों को ध्यान में रखते हैं इस पर भी चर्चा की जाएंगी। Radio Documentary Programme रेडियो डॉक्यूमेंट्री कार्यक्रम

Radio discussion Radio Talk Programme रेडियो वार्ता कार्यक्रम

      सबसे पहले हम यह देखते हैं कि रेडियो पत्रिका क्या है। प्रिंट माध्यम में जिस प्रकार से पत्रिकाओं का प्रकाशन किया जाता है , रेडियो पत्रिका को  उसी प्रकार की पत्रिका के रूप में देखा जा सकता है। अंतर सिर्फ यह है कि प्रिंट माध्यम में जो पत्रिकाएं प्रकाशित होती हैं वह पढ़ने के लिए होती हैं । रेडियो की पत्रिकाएं सुनने के लिए होती हैं ।

प्रिंट माध्यम में जो विविध प्रकार की सामग्री दी गई रहती है उसे हम पढ़ करके सूचनाएं प्राप्त करते हैं । वहीं पर रेडियो माध्यम पर जो पत्रिकाएं होती हैं उसकी में दी गई विभिन्न सामग्रियों को हम सुनकर के जानकारी प्राप्त करते हैं । जिस प्रकार से प्रिंट माध्यम के पत्रिकाओं में लेख विश्लेषण, इंटरव्यू आदि का प्रकाशन किया जाता है उसी प्रकार से रेडियो माध्यम की पत्रिकाओं में भी वार्ता, परिचर्चा, इंटरव्यू आदि रूप में कार्यक्रम ऑडियो फॉर्म दी गई रहती है । इस प्रकार से रेडियो पत्रिका रेडियो माध्यम पर प्रसारित होने वाले विभिन्न प्रकार के फॉर्मेट में जो कार्यक्रम प्रसारित होते हैं उसमें से एक विशिष्ट फॉर्मेट में प्रस्तुत किया गया कार्यक्रम है ।

Importance of radio magazine

 किंतु इस प्रकार के रेडियो पत्रिका का अपना एक अलग ही महत्व है।  प्रिंट माध्यम में प्रकाशित होने वाले पत्रिकाओं को  जहां खरीद करके पढ़ने की आवश्यकता होती है। वहीं पर रेडियो माध्यम पर प्रसारित होने वाले रेडियो पत्रिका सामान्य तौर पर सबको आसानी के साथ उपलब्ध होती है ।  यह इस प्रकार से प्रिंट पत्रिकाओं के भी एक अच्छा विकल्प के रूप में इसे देखा जा सकता है । इसमें बोलचाल की भाषा में सभी प्रकार की सामग्री दी गई रहती हैं। इसमें जनसामान्य द्वारा आसानी के साथ ग्रहण भी किया जा सकता है । इस प्रकार की पत्रिकाओं में विविध सामग्रियों को जितना ही क्रिएटिव तरीके से प्रस्तुत किया जाता है उतना ही इस प्रकार की पत्रिकाएं लोकप्रिय भी होती हैं।

Characteristics of radio magazine

  रेडियो माध्यम पर प्रसारित होने वाली पत्रिकाओं की अपने कुछ खास प्रकार की विशेषताएं भी होती हैं और प्रमुख विशेषता तो यही है कि यह ऑडियो फार्म में होता है। इसी के साथ यह विषय के अनुसार इसकी स्थिति और प्रारूप की होता है । यह एक निश्चित अवधि के पश्चात इस प्रकार के पत्रिकाओं का प्रसारण किया जाता है । इन पत्रिकाओं का प्रसारण की भी अपनी एक निश्चित अवधि अन्तराल होता है ।

वर्तमान में इंटरनेट जैसे माध्यमों पर रेडियो पत्रिकाओं के पुराने संग्रह भी नये के साथ उपलब्ध होते हैं। इस प्रकार की पत्रिकाओं में प्रिंट माध्यम की पत्रिकाओं की तुलना में कहीं अधिक जीवंतता होती है क्योंकि इसमें हम वास्तविक व्यक्तियों के आवाज को देने का अवसर प्राप्त होता है । इसी के साथ इसे जितना ही बोलचाल अंदाज में प्रस्तुत किया गया रहता है वह उतना ही सुनने में सहज सरल और  ग्राहय होते हैं।

  रेडियो माध्यम पर प्रसारित होने वाले पत्रिकाओं की  एक विशेषता यह भी है कि इसके सभी कार्यक्रमों को विभिन्न प्रारूपों में प्रस्तुत किया जा सकता है। इसके विषय और स्थिति के अनुसार जो भी प्रारूप  होता है, उतना उसे उस प्रारूप में ऑडियो के साथ में प्रस्तुत किया जाता है। इस प्रकार से अच्छी तरीके से चयन किए गए प्रारूप कार्यक्रम को प्रभावी बनाता है। रेडियो पत्रिका के अंतर्गत श्रोताओं को हम वार्ता, इंटरव्यू , परिचर्चा, समाचार एवं अन्य प्रारूप में प्रस्तुत करते हैं । कार्यक्रम के प्रारूप का चयन जितना ही सही तरीके से किया गया रहता है, विषयवस्तु को प्रस्तुत करने में उतना ही अधिक सहजता एवं सरलता होती है।

Kinds of radio magazine

रेडियो पत्रिकाएं विभिन्न प्रकार की होती हैं । इसे कई भागों में विभाजित किया जा सकता है । मुख्य तौर पर यह दो भागों में विभाजित हैं । प्रथम वर्ग के अंतर्गत सामान्य रेडियो पत्रिका आती है । दूसरे वर्ग के अंतर्गत विशेष एक रेडियो पत्रिकाएं आती हैं । सामान्य रेडियो पत्रिका के अंतर्गत समसामयिक विषयों पर सूचना, लेख, इंटरव्यू , आदि दिए गए रहते हैं । इसमें कोई भी चर्चित और महत्वपूर्ण विषय हो सकते हैं । इन्हें  श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत किए जाने की आवश्यकता होती है । दूसरी तरफ यदि विशेष रेडियो पत्रिका की बात करें तो यह किसी एक ही विषय पर विशेष रूप से केंद्रित होकर के सामग्री प्रस्तुत करती है । इसके अंतर्गत कला, साहित्य, खेल, विज्ञान आदि विषय लिए जा सकते हैं। 

  रेडियो माध्यम पर कार्यक्रम को एक निश्चित अवधि के भीतर ही प्रसारित किया जाना रहता है । इसलिए सामान्य तौर पर विषेषीकृत रेडियो पत्रिकाएं ही अधिकतर प्रसारित की जाती है । इसमें किसी एक विषय पर केंद्रित होकरके समाचार से लेकर के लेख, समीक्षा, साक्षात्कार आदि रूपों में कार्यक्रमों को किया जाता है।

समसामयिक विषयों पर आधारित रेडियो पत्रिका  Radio magazine

  यदि रेडियो माध्यम पर समसामयिक विषयों पर आधारित समाचार पत्रिका का प्रकाशन प्रसारण किया जा रहा है तो इसके अंतर्गत विभिन्न घटनाओं की समीक्षा, रिपोर्ट, विश्लेषण आदि दिए जाने के साथ ही उन पर लेख एवं इंटरव्यू , परिचर्चा जैसे फॉर्मेट में कार्यक्रमों को प्रस्तुत किया जाता है । विषय के महत्व और कार्यक्रम के संदर्भ में उपलब्ध सामग्री एवं व्यक्ति विशेषज्ञों की उपलब्धता को ध्यान में रखकर के कार्यक्रम के संपूर्ण स्वरूप का निर्धारण किया जाता है।

यदि किसी विषय के संदर्भ में कोई विशेषज्ञ व्यक्ति  आसानी के साथ उपलब्ध हो जाते हैं तो उसी स्थिति में उस विषय पर इंटरव्यू लिया जा सकता है । वही यदि कई विशेषज्ञ आसानी के साथ उपलब्ध हो जाते हैं तो फिर यदि आवश्यक हुआ तो फिर उस पर पर चर्चा जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं । घटनाओं के संदर्भ में प्रत्यक्षदर्शियों के बयान इंटरव्यू ,रिपोर्ट कार्यक्रम को प्रभावी रूप देते हैं ।

विशेषकृत रेडियो पत्रिका  Specialised radio magazine

  जैसा कि हम पहले बता चुके हैं यदि विषेषीकृत रेडियो पत्रिका कार्यक्रम का प्रसारण किया जा रहा है तो उस स्थिति में किसी एक ही विषय पर केंद्रित होकरके उस विषय के संदर्भ में विभिन्न प्रकार के सामग्रियों को विविध तरीके से प्रस्तुत किया जाता है. कई बार समाचार पत्रिका के अंतर्गत किसी एक घटना पर केंद्रित होकर के भी कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं । इस प्रकार के कार्यक्रम में घटनाओं से विश्लेषण उसके अंदर जाकर के उसके बारे में चर्चा की जाती है । किंतु इसमें उन पक्षों को विशेष रूप से लिया जाता है जिसका की आम जनजीवन से सरोकार रहता है ।

पत्रिकाओं के लिए  सूचना स्रोत सामग्री Information source material for radio magazine

  रेडियो पत्रिका के लिए हमें विभिन्न प्रकार की सूचना को सामग्री से जानकारी एकत्र करने की आवश्यकता होती है । इस संदर्भ में यह आवश्यक है कि हम सूचना सामग्री के लिए उन स्रोतों का इस्तेमाल करें जो प्रमाणिक और विश्वसनीय हैं । इसमें किसी भी तरीके से इसके संदर्भ में कोई दुविधा की बात नहीं होनी चाहिए । इस संदर्भ में यह भी महत्वपूर्ण है कि हम सामान्य तौर पर प्रिंट माध्यम पर उपलब्ध सामग्रियों का ही उपयोग करते हैं, किंतु वर्तमान में विभिन्न प्रकार के सामग्रियां ऑडियो वीडियो रूप में भी उपलब्ध हैं ।

इस माध्यम के लिए ऐसी सामग्री का उपयोग किया जा सकता है । वेब माध्यम  पर विभिन्न प्रकार की सूचनाओं के लिंक को भी आवश्यकता अनुसार दिया जा सकता है । इसी प्रकार से आवश्यक हुआ तो जहां कहीं भी जरूरत हो तो वहां पर सूचना का भी जिक्र किया जा सकता है।  सामग्री स्रोत के अंतर्गत पारंपरिक रूप से उपयोग किए जाने वाले सभी प्रकार के विश्वसनीय सूचना कानून का इस्तेमाल किया जा सकता है । किंतु इसके अंतर्गत यह भी ध्यान रखना है कि इस सूचनाओं को ऑडियो फॉर्म प्रस्तुत करने के लिए सही तरीके से लिखना आवश्यक है।

रेडियो पत्रिका कार्यक्रम का निर्माण  Production of radio magazine

 जिस किसी भी विषय पर रेडियो कार्यक्रम का निर्माण किया जाना उससे संबंधित है विभिन्न प्रकार के सामग्रियों का संकलन किया जाता है। इसके लिए जो कोई भी सूचना स्रोत है, और जहां कहीं से भी सूचना प्राप्त की जा सकती है, उसे एकत्र किया जाता है।

 जैसा कि निर्धारण किया गया रहता है उसके अनुसार जिन विषयों पर स्क्रिप्ट तैयार करनी रहती है उसके फार्म का भी निर्धारण किया जाता है ।  फिर उसके अनुसार रेडियो स्क्रिप्ट लिखा जाता है। जैसा कि हम जानते हैं कि रेडियो माध्यम पर प्रस्तुत किए जाने वाले किसी भी कार्यक्रम की विस्तृत बातचीत की अंदाज में लिखी जाती है । इसे हम स्पोकन लैंग्वेज कहते हैं । जिस किसी भी आइटम के लिए जितना समय दिया गया रहता है उसके अनुसार ही उस स्क्रिप्ट की लंबाई का निर्धारण किया जाता है ।

उदाहरण के लिए यदि आधे घंटे के रेडियो पत्रिका कार्यक्रम में कोई वार्ता प्रस्तुति जानी है जिसकी अवधि 5 मिनट है तो 5 मिनट को ध्यान में रख कर के ही स्क्रिप्ट लिखी जाती है।  1 मिनट के अंतर्गत  120 से लेकर के 150 शब्द दिए जाते हैं इस प्रकार से इसके लिए 600 से लेकर के 750 शब्द लिखें जाते हैं । वार्ता की अंतर्गत  श्रोताओं की ध्यान में रखकर के ही रोचक ढंग से स्क्रिप्ट लिखी जाती है।

 स्क्रिप्ट का पुनर्लेखन एवं रिहर्सल Rehearsal and rewriting radio magazine script 

रेडियो कार्यक्रमों के स्क रिकॉर्डिंग एक तकनीकी कार्य हैं ।इसके लिए तकनीकी कुशलता आवश्यक होता है । किसी भी रेडियो पत्रिका के अंतर्गत जितने भी कार्यक्रम शामिल किए गए रहते हैं, उसकी स्क्रिप्ट का  रिकॉर्डिंग से पहले अभ्यास किया जाता है । इस अभ्यास के दौरान जब स्क्रिप्ट पढ़ी जाती है तो उसे इस बात की जानकारी मिलती है कि स्क्रिप्ट सही तरीके से लिखी गई है कि नहीं। बोलचाल की भाषा उसकी सही है कि नहीं । यह सबमें अगर किसी भी प्रकार की कोई त्रुटि पाई जाती है तो फिर उसे सही किया जाता है । इसलिए  स्क्रिप्ट का पुनर्लेखन एक बहुत ही महत्वपूर्ण चरण होता है । इसके अंतर्गत स्क्रिप्ट के सुधार करके उसे अंतिम रूप दिया जाता है। यदि सब कुछ सही रहता है तो फिर इसकी अंतिम रूप से रिकॉर्डिंग के लिए तैयार हो गई रहती है।

         रेडियो पत्रिका कार्यक्रम में कई प्रकार के कार्यक्रम में शामिल होते हैं । प्रत्येक कार्यक्रम के संदर्भ में स्क्रिप्ट भी लिखी गई रहती है । जब रिकॉर्डिंग की जाती है तो प्रत्येक स्क्रिप्ट को अलग-अलग रिकॉर्ड किया जाता है । कार्यक्रम के फॉर्मेट के अनुसार भिन्न भिन्न प्रकार के स्क्रिप्ट को प्रस्तुत करने के लिए एक या एक से अधिक व्यक्तियों की आवाज की आवश्यकता पड़ सकती हैं।

      Editing radio magazine programme

विविध कार्यक्रमों के रिकॉर्डिंग के बाद फिर उसकी संपादन की भी आवश्यकता होती है। रिकॉर्ड किए गए सामग्री के संपादन के अंतर्गत उसमें शामिल हुए प्रकार के न्वायज को हटाने और किसी प्रकार की सामग्री डालने के लिए किया जाता है। संपादन के अंतर्गत ही जहां कहीं भी आवश्यकता होती है वहां पर साउंड इफेक्ट और म्यूजिक आदि को इंसर्ट करते हैं । का म्यूजिक इस्तेमाल कार्यक्रम के आरंभ से लेकर अंत तक विभिन्न संदर्भों में किया जाता है । बैकग्राउंड म्यूजिक के रूप में भी उसका इस्तेमाल होता है । एक विषय से दूसरे विषय पर जाने के दौरान भी कार्यक्रम में विषयान्तर करने के लिए संगीत का इस्तेमाल किया जाता है।

        अंतिम रूप से संपादित किए गए रेडियो पत्रिका कार्यक्रम को प्रस्तुत करने के संदर्भ में प्रस्तुतकर्ता द्वारा एक स्क्रिप्ट तैयार की जाती है । कार्यक्रम के आरंभ में एवं विभिन्न कार्यक्रमों को प्रस्तुत करने के संदर्भ में आवश्यक विषय परिचय के लिए तैयार किया जाता है । रेडियो पत्रिका में जो भी कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए रहते हैं उनका इंट्रोडक्शन प्रभावी तरीके से किया जाना आवश्यक होता है। इसमें कार्यक्रम के बारे में संक्षेप में जानकारी श्रोताओं को दी जाती है । उसी के साथ साथ कार्यक्रम प्रस्तुतकर्ता पूरे कार्यक्रम के दौरान श्रोताओं को संबोधित करते हुए भी स्क्रिप्ट प्रस्तुत करता है।

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