Radio commentary is visual description of any event, programme in audio form. This article describes important aspects of radio commentary programme
रेडियो कमेन्टरी Radio commentary
रेडियो कमेन्टरी के अंतर्गत किसी प्रकार के आयोजित किये गये कार्यक्रम, समारोह या जो कोई अन्य प्रकार की घटना घटित हो रही होती है, उसका कमेन्टेटर द्वारा आंखों देखा हाल प्रस्तुत किया जाता है। यह वर्णन इस प्रकार से वर्णित किया जाता है जिससे कि वे लोग जो कि उस घटना को सीधे स्पष्ट तरीके से नहीं देख रहे हैं या उस कार्यक्रम में दर्षक आदि के तौर पर भागीदारी नही कर पा रहे है, उन्हे उसके बारे में जानकारी मिल सके । वह कमेन्टरी सुन करके देखने के रूप में उसका आनंद महसूस कर सकें।
किसी भी चर्चित या विवादित विषय अथवा मुद्दे पर विशेषज्ञ द्वारा अपने निजी राय व्यक्त करना भी कमेन्टरी के अंतर्गत ही कहलाता है। हम यह भी कह सकते हैं कि बोल करके अथवा लिख करके किसी विषय पर या किसी व्यक्ति के बारे में अपने विचार व्यक्त करना कमेन्टरी कहलाता है। इसी प्रकार से कमेन्टरी के अंतर्गत एक अन्य परिभाषा यह भी है कि लिखित रूप में किसी पुस्तक आदि के बारे में जो स्पष्टीकरण अथवा आलोचना प्रस्तुत किया जाता है, उसे भी कमेन्टरी कहते हैं। इस प्रकार से कमेन्टरी के कई अर्थ होते हैं। किंतु यहां पर रेडियो कमेन्टरी के अंतर्गत किसी घटना दृश्य के बारे में बोल करके उसका वर्णन करने कार्य को ही लिया गया है।
रेडियो कमेन्टरी कार्यक्रम का महत्व Importance of radio commentary programme
रेडियो कमेन्टरी एक बहुत ही रोचक कार्यक्रम है। यह एक घटना के बारे में दृश्य वर्णन प्रस्तुत करता है। इस प्रकार से घटना को देखे बगैर अथवा उसमें सम्मिलित हुए बगैर कोई व्यक्ति उसका ऑडियो रूप में वर्णन प्राप्त करता है। खेलों या अन्य आयोजनों को तो हम टीवी का एक वैकल्पिक व्यवस्था भी कह सकते हैं। यह उस समय बहुत ही अच्छा और महत्वपूर्ण हो जाता है जब कमेन्टरी करने वाला व्यक्ति इसे प्रभावी एवं सुन्दर तरीके से प्रस्तुत करता है।
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सामाजिक जीवन में अनेक ऐसे अवसर होते हैं जिस पर की कमेन्टरी प्रस्तुत की जाती है। विभिन्न प्रकार के पर्व एवं विभिन्न प्रकार के जो कार्यक्रमों आयोजन किए गए रहते हैं, उसको कमेन्टरी के माध्यम से दूर स्थित व्यक्तियों को सुनाया, बताया जाता है और जितनी अच्छी तरीके से प्रस्तुत किया जाता है। वह उस घटना का उतनी ही अच्छी प्रकार से आनंद भी लेते हैं । भारतीय प्रसारण के इतिहास का एक बहुत ही महत्वपूर्ण दौर वह भी रहा है जब कि ओलम्पिक एवं अन्य खेलों का आनन्द लोग कमेन्टरी के माध्यम से ही लेते थे।
कमेंटेटर के गुण Qualities of Radio commentator
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अच्छी तरीके से कमेन्टरी प्रस्तुत करने के लिए कमेन्टेटर में कुछ खास गुणों का होना आवश्यक है। बोलने में स्पष्ट उच्चारण तो अति आवष्यक है ही, किन्तु उन बातों को सही टोन में एवं घटनाओं के गति के अनुसार उसे उचित भाव एवं उतार चढ़ाव के साथ प्रस्तुत करने का भी गुण होना चाहिए। उसमें घटनाओं को प्रस्तुत करने की वर्णनात्मक शैली प्रस्तुत करने का गुण होना चाहिए जिससे कि वह किसी भी प्रकार के घटना का दृश्य का निरूपण कर सके।
कमेन्टेटर जिस किसी भी विषय पर कमेन्टरी कर रहा है, उससे जुडी विभिन्न प्रकार की घटनाओं की उसको एक अच्छी समझ भी होनी चाहिए। इसके लिए आवश्यक अध्ययन शोध कार्य किया जाता है। यह कार्य भी उसे ही करना होता है। इस सन्दर्भ में सूचना स्रोत से जानकारी एकत्र करनी होती है। उसकी एक सूक्ष्म दृष्टि होनी चाहिए, जिससे कि जो कुछ भी घटित हो रहा है, उसे सही प्रकार से जान समझ कर प्रस्तुत कर सके। कार्यक्रम एवं घटना से संबंधित विभिन्न प्रकार के व्यक्तियों, स्थानों के नाम और घटनाओं के बारे में जानकारी रखना भी बहुत आवश्यक है। अच्छे एवं सकारात्मक ढंग से बातों को कहने की आदत होनी चाहिए । उसे विभिन्न प्रकार के भावों में बोलने की क्षमता होनी चाहिए और उचित उतार-चढ़ाव के साथ घटनाओं को उसके भाव के साथ प्रस्तुत करने की कमेंट में गुण होना चाहिए । घटनाओं को सही तरीके से व्यवस्थित रूप में स्पष्ट उच्चारण के साथ प्रस्तुत करने की कमेंटेटर में अभ्यास होना आवश्यक है।
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जिस किसी भी प्रकार के कार्यक्रम घटना, दृश्य के बारे में कमेन्टरी करने रहती है उसके पहले उसके बारे में सभी प्रकार की आवश्यक जानकारी एकत्र कर लेनी चाहिए। इस संदर्भ में लोगों से भेंट मुलाकात करने से लेकर के अध्ययन और डॉक्यूमेंटेशन का कार्य किया जाता है। उसके बारे में जिस किसी भी प्रकार की जानकारी एकत्र करने की आवश्यकता होती है, उसके अनुसार कार्य किया जाता है।
जब किसी भी कार्यक्रम की कमेन्टरी करनी होती है, तो उसका परिचय सबसे पहले दिया जाता है। यह वीडियो कैमरे के इस्टेबलिस शाट की तरह से होता है। जो कुछ भी ,जहां कहीं भी हो रहा होता है, उसका इंट्रोडक्शन उसी तरीके से दिया जाना चाहिए। इसमें कार्यक्रम, उस कार्यक्रम से जुड़े व्यक्तियों और कार्यक्रम के महत्व तथा कार्यक्रम के पूरे शेड्यूल के बारे में जानकारी दी जाती है। कमेन्टरी के दौरान जो कुछ भी घटित होते हुए दिखता है , उसे सकारात्मक ढंग से प्रस्तुत किया जाता है । पूरे कार्यक्रम को एक गतिषील अंदाज से सुनाया जाता है जिससे कि सुनने वाले को वह रोचक एवं अच्छा महसूस हो। कमेन्टरी में जीवन्तता तथा सजीवता बनी रहनी चाहिए।
कार्यक्रम कई बार देखने में भले ही बहुत अच्छे न लगते हो , लेकिन उसको प्रस्तुत करने में एक अच्छा अंदाज अपनाना चाहिए। इस प्रकार के कार्यक्रमों को प्रस्तुत करने के दौरान बोलने के तौर तरीके एवं अन्य सभी प्रकार की मर्यादाओं को ध्यान में रखा जाता है। सांस्कृतिक एवं इस प्रकार के अन्य कार्यक्रमों को उचित भाव के साथ प्रस्तुत किया जाता है। किसी कार्यक्रम का जो भाव रहता है, उसी अंदाज से प्रभावपूर्ण ढंग से कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं।
Points to avoid in radio commentary कमेन्टरी के दौरान बचने योग्य बातें
कमेन्टरी करने के दौरान बहुत सी बातों से बचना भी चाहिए। कार्यक्रम में उन्हीं बातों को कहना चाहिए जो कार्यक्रम को सकारात्मक ढंग से प्रस्तुत करे और जो सुनने योग्य हो। किसी विषय पर केंद्रित होकर के घटना को अनावष्यक तौर पर नहीं वर्णित करते हैं। किसी भी प्रकार के नकारात्मक कमेंट नहीं किया जाता है। व्यक्तिगत आक्षेप लगाते हुए किसी ढंग की कोई बात नहीं कही जाती है। कमेन्टरी को किसी भी तरीके से नीरस और रूप में प्रस्तुत किये जाने से बचना चाहिए। इस प्रकार के इसमें एक रसता में ही प्रस्तुत करने से बचना चाहिए। इसकी प्रस्तुुति में विविधता बनाये रखना चाहिए। इस प्रकार से सभी बातों को ध्यान में रख करके कमेन्टरी कार्यक्रम को रोचक ढंग से प्रस्तुत किया जा सकता है।