December 22, 2024

The proximity in communication its own role in communication. This article has discussed important aspects of it. संचार के दौरान लोगों के बीच में बनने वाली या दिखने वाली दूरी का अर्थ क्या होता है ?

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       संचार हमारे जीवन का एक बहुत ही सामान्य किन्तु बहुत ही आवश्यक क्रिया कलाप है। जब किसी के साथ संचार किया जाता है तो उस समय यह कार्य एक दूरी एवं स्थिति बना करके किया जाता है। इस प्रकार दौरान संवाद करने वाले लोगों के बीच एक समीपता एवं स्थिति बनती है। भिन्न भिन्न प्रकार के संचार के दौरान यह दूरी या समीपता विभिन्न प्रकार से निर्धारित होती है। भिन्न भिन्न प्रकार के संचार के दौरान हम क्यों भिन्न-भिन्न दूरी बनाकर के बातचीत करते हैं, आगे इस लेख में इसी के बारे में विस्तार से चर्चा की गयी है।

        अंतर व्यक्ति संचार दो तीन व्यक्तियों के बीच में किया जाता है। जब व्यक्ति आपस में संचार करते हैं तो उनके बीच की समीपता या एक दूरी बनती है । यह इस संचार का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू होता है। वह एक तरफ संचार को प्रभावित करता है, वहीं दूसरी तरफ, संचार के दौरान उनके बीच जो दूरी बनती है, वह उन व्यक्तियों के बीच में मौजूद संबंध को व्यक्त करता है। इसके बारे में बहुत तरीके से अध्ययन किए गए हैं। विभिन्न संचार वैज्ञानिकों ने अपने-अपने ढंग से इस पर शोध करके विश्लेषण किया है। संचार वैज्ञानिक एडवर्ड हॉल ने व्यक्तियों के बीच में दूरियों को मुख्य रूप से चार भागों में विभाजित किया है। यह दूरी उनके बीच में संचार के प्रकार एवं तौर तरीके को भी व्यक्त करते हैं। यहां आगे इन्हीं चार प्रकार के दूरियों को ध्यान में रखकर के किए जाने वाले संचार विविध पक्षों पर प्रकाश डाला गया है

1.     Proximity in communication (Intimate distance)अन्तरंग स्थान या दूरी

व्यक्तियों के बीच में बहुत ही करीब दूरी को अंतरंग दूरी के रूप में कहा जाता हैं। यह दूरी शुन्य से लेकर के एक डेढ़ फीट के बराबर होती है। इस प्रकार से यह दूरी बहुत कम होती है। इस दौरान जो व्यक्ति आपस में संवाद कर रहे होते है, उसमें एक दूसरे के सांस की ध्वनि, शरीर के गंध एवं अन्य प्रकार के पहलूओं की अनुभूति कहीं अधिक गहराई के साथ करते हैं। यह दूरी कुछ सम्बन्धों में विशेष तौर पर होती है। इन्हे हम सामाजिक और पारिवारिक जीवन में बहुत ही करीबी रिश्ते के रूप में जानते समझते हैं। ये रिश्ते ऐसे होते हैं जिसमें कि व्यक्ति संवाद करते समय स्वभावतः बहुत ही निकट होते हैं। इस दूरी को देखकर के सामान्यतौर तौर पर लोग उन व्यक्तियों के करीबी संबंधों का आकलन कर लेते हैं। वे समझ जाते हैं कि उनके बीच में बहुत करीबी संबंध है।

 सामान्य तौर पर पब्लिक स्थान पर इस प्रकार की निकटता के साथ किए जाने वाले संवाद को उचित नहीं माना जाता है। किंतु पारिवारिक तौर पर कुछ संबंधों में इसे बहुत ही सहज रूप में लिया जाता है। इसी के साथ है यह भी स्पष्ट कर दिया जाए कि कई बार पब्लिक स्थान पर जनसामान्य को बैठने के लिए इस प्रकार की व्यवस्था की गई रहती है। इसे एक अपवाद के रूप में ही लिया जाता है।

अंतरंग संबंध दूरी का विभिन्न प्रकार से उदाहरण दिए जा सकते हैं। जब दो लोग आपस में गले मिलते हैं, वह एक अंतरंग दूरी का उदाहरण है। हाथ पकड़ना, कंधे से कंधा मिलाने जैसे क्रिया-कलाप अंतरंग दूरी का परिचायक है। यह इस बात का द्योतक है कि इन व्यक्तियों के बीच में बहुत ही घनिष्ट संबंध रहते हैं। जब व्यक्ति इस प्रकार से आपस में जुड़े रहते हैं तो वह एक समान रूप में सहूलियत एवं सहजता महसूस करते हैं। सच तो यह है कि अन्तरंग सम्बन्ध होने के बावजूद दूर रह करके बातचीत करने पर कहीं अधिक अटपटा महसूस होता है।

        परिवार के वे सदस्य जिनके बीच में निकट संबंध रहता है, उनके बीच में भी यह दूरी होती हैं। निकट संबंधों में यह दूरी बहुत ही सहज रूप में देखी जाती है। माॅं बेटे, पति पत्नी, पिता पुत्र, भाई एवं बहन दोस्तों के बीच यह दूरी बहुत ही सहज तौर पर होती है। लोगों के बीच में इस प्रकार की निकट दूरियां आपस में रोमांस करने के दौरान  भी होती हैं।  

Violation of Proximity in communication in intimate distance अंतरंग दूरी का उल्लंघन

       कभी कभी एक व्यक्ति अनावश्यक तौर पर दूसरे से करीबी सम्बन्ध न होने पर भी उस व्यक्ति के अंतरंग दूरी में प्रवेश करता है । तब यह एक प्रकार से उसके लिए अटपटी या उस पर हमले के रूप में ही देखा जाता है। यदि कोई व्यक्ति इस प्रकार के संबंध न होने के बावजूद दूसरे के अंतरंग क्षेत्र में प्रवेश करता है तो इसका आशा यही है कि वह उसे एक प्रकार से धमकी दे रहा है । मानों वह कह रहा है कि क वह उसके अंतरंग क्षेत्र का उल्लंघन कर सकता है। यदि कोई व्यक्ति अत्यधिक निकटता दर्शाते हुए इस क्षेत्र में प्रवेश करता है तो वह दूसरे व्यक्ति के लिए अटपटी स्थित खड़ा करता है।

2 Proximity in communication (Personal distance) व्यक्तिगत निकटता या दूरी

        अंतर व्यक्ति संचार करते समय व्यक्तिगत दूरी बना करके भी संचार किया जाता है। यह दूरी तक एक से चार फीट के बीच मानी जाती है। दो व्यक्तियों के बीच में सहज सरल तरीके से संचार करने के लिए यह दूरी सही भी होती है। यह दूरी बनाकर के व्यक्ति एक तरफ जहां सही तरीके से संचार करता है, वही एक दूसरे के व्यक्तिगत क्षेत्र की रक्षा कर रहा होता है। इससे किसी प्रकार की अनावश्यक बाधा के वह सही तरीके से संवाद सके कर सकता है। यह दूरी इस प्रकार से होती है कि यदि दोनों व्यक्ति अपने भुजाओं को फैला दें, तो वे दोनों एक दूसरे से स्पर्श कर सकते हैं। सामान्यतौर पर यह दूरी संबंधों में तो परिवार के सदस्य मित्रों के बीच किया जाता है। इस प्रकार के दूरी बनाकर के संवाद करते समय एक दूसरे के लोग सही प्रकार से देख और सुन सकते हैं।

व्यक्तिगत दूरी के संदर्भ में महत्वपूर्ण बातें

        हम अपने व्यावहारिक जीवन में व्यक्तिगत् दूरी बना करके ही लोगों से संवाद करते हैं। इसमें तो एक तरफ हमारी सहुलियत रहती है, दूसरी तरफ अपने व्यक्तिगत् सुरक्षा को बनाए रखते हैं। अनावश्यक रूप से दूर होकर के संवाद करने में संवाद सही प्रकार से नहीं होता है। इसमें व्यक्ति एक दूसरे से अलग-थलग महसूस करता है।

           सामान्य तौर पर हम एक दूसरे के व्यक्तिगत् दूरी का सम्मान भी करते हैं। इसी के साथ उम्मीद करते हैं कि दूसरा व्यक्ति या सामने वाला वह व्यक्ति जो कि हम से संवाद कर रहा है, वह भी हमारे व्यक्तिगत् दूरी का सम्मान करे। यदि कोई किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत् क्षेत्र में प्रवेश करता है तो फिर  दूसरा स्वयं को मनोवैज्ञानिक तौर पर असहज महसूस करता हैं । उस उसे उलझन होती है। वह उससे बचने की कोशिश करता है ।

          सामान्यतौर पर व्यक्तिगत दूरी व्यक्तियां के सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से जुड़ करके भी देखी जाती है। जब कभी भी हम ऐसी स्थिति पातें हैं कि कोई व्यक्ति हमारे व्यक्तिगत् क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है तो हम नॉन वर्बल तरीके से उसके प्रति अपनी खिन्नता भी जाहिर करते हैं। सच बात तो यह है कि कई बार बहुत से लोगों के लिए यह एक निहायत एक अचंभा व्यवहार होता है । कई बार कोई व्यक्ति दूसरे के व्यक्तिगत दूरी की समझ न रखने के कारण उस क्षेत्र में प्रवेश कर लेता है।

3 Proximity in communication (social distance ) सामाजिक दूरी

       अंतव्र्यक्ति संवाद करने के अंतर्गत तीसरे प्रकार की दूरी होती है, उसे सामाजिक दूरी के रूप में हम जानते हैं। यह दूरी 4 फुट से लेकर के 12 फीट के बराबर होती है। विभिन्न प्रकार के सामाजिक  क्रियाकलापों के संदर्भ में जब हम बात करते हैं तो यदि यह दूरी बढ़ा दी जाती है। उस समय संवाद अधिक औपचारिक रूप में दिखने लगते हैं। सामान्य तौर पर इस प्रकार के संवाद में ऐसी दूरी बनाए रखने के लिए विभिन्न प्रकार के फर्नीचर आदि का इस्तेमाल किया जाता है। इससे  अधिकारिक रूप में संवाद बनाए रखने के लिए औपचारिक दूरी बनाए रखा जाता है। सामाजिक दूरी का उपयोग सामाजिक तौर पर संवाद करने के लिए होता है। सामान्य तौर पर इसमें वे विषय होते है जो कि निहायत व्यक्तिगत् न हो करके सामाजिक सन्दर्भ लिए रहते है।

Important fact about social distance सामाजिक दूरी के संदर्भ में महत्वपूर्ण तथ्य

        जब व्यक्ति सामाजिक दूरी बनाकर के संवाद करता है, तो उस समय आपस में एक दूसरे से जुड़ाव की अनुभूति करता है । इस दौरान व्यक्ति एक दूसरे से आसानी के साथ बात कर सकता है। उसे बहुत जोर देकर की बोलने की आवश्यकता नहीं होती है। इसी के साथ यह भी है कि उनके बीच में दूरी भी एक सुरक्षित दूरी रूप में होती है। इसमें दोनों व्यक्ति मनोवैज्ञानिक रूप में सहूलियत भी महसूस करते हैं। इस प्रकार की दूरी का इस्तेमाल व्यापारिक भेंट मुलाकात के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह दूरी बहुत कुछ व्यक्तियों की संख्या, स्थान, आदि पर भी निर्भर करता है। इस प्रकार के संवाद में जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के अधिक करीब आ जाता है तो उस स्थिति में वह धीरे से हटकर के उस दूरी को बनाए रखने के कोशिश करता है जिससे कि वह आरामदायक होकर पर संवाद कर सकते हैं।

4 Proximity in communication (Public distance ) पब्लिक दूरी

पब्लिक दूरी क 12 फुट से लेकर 25 फुट तक माना जाता है। उसका इस्तेमाल पब्लिक कम्युनिकेशन के लिए किया जाता है। इस प्रकार के संचार में इसमें अगर कोई व्यक्ति को किसी प्रकार की कोई धमकी या समस्या या खतरा महसूस किया तो उस स्थिति में वह अपने बचाव के लिए आवश्यक पहल कर सकता है। यह दूरी इस प्रकार से होती है कि इसमें रहने वाला व्यक्ति दूसरों से सुरक्षित होकर के संवाद करता है।

जब कोई व्यक्ति इस प्रकार की दूरी पर हो करके संवाद करता है, तो उसमें वक्ता पर किसी भी प्रकार से एकाएक हमला नहीं किया जा सकता है। इसमें व्यक्ति अनजान लोगों से अपने को सुरक्षित महसूस करते हैं। पब्लिक कम्युनिकेशन में बड़ी संख्या में ऐसे भी व्यक्ति शामिल रहते है जो कि अनजान भी हो सकते हैं।

Proximity in communication in public function

पब्लिक फंक्शन के दौरान एक दूसरे से जो दूरी बनाई जाती है वह कई अन्य कारकों पर भी निर्भर करता है। वह व्यक्ति जो कि आपस में किसी भी प्रकार से क्यों न कुछ समानता रखते हैं, वह सामान्यतौर पर एक दूसरे के करीब होना पसंद करते हैं। इसमें उम्र भी एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारक है। इसमें एक समान उम्र के लोग एक दूसरे से करीब हो कर के बैठते हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाएं कहीं अधिक अपनों के साथ बैठना पसंद करती हैं। पुरुष लोग पुरुषों की तुलना में महिलाओं के पास कहीं अधिक करीब होकर बैठना पसन्द करते हैं।

 Proximity in communication in different culture

सामाजिक दूरी या सोशल डिस्टेंस के संबंध में कहा जा सकता है कि विभिन्न स्वभाव वाले व्यक्ति और समूह के साथ ही यह नियम थोड़ा-थोड़ा बदलता रहता है। भिन्न भिन्न संस्कृतियों में सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए अपना खास तरीके का नियम है। इसी प्रकार से व्यक्तिगत दूरी के संदर्भ में वे अपने तरीके से विचार रखते हैं। कुछ व्यक्ति एवं समूह विभिन्न प्रकार की दूरी बनाए रखने के तरीके से नियम बनाए हुए हैं और वे उसमें ही अधिक सहुलियत महसूस करते हैं। इसी प्रकार से परिवारिक पृष्ठभूमि और संस्कृति भी इस नियम को प्रभावित करता है। वह समाज जिसमें की काफी अधिक जनसंख्या है, वहाॅं पर आपस में बहुत बड़ी संख्या में लोग एक दूसरे के करीब  हो करके संवाद करने का ही अधिक प्रचलन रहता है ।

इस प्रकार हमें देखते हैं कि आपस में संवाद के दौरान व्यक्तियों के बीच में भिन्न भिन्न प्रकार की दूरियां होती हैं या बनाए जाने की आवश्यकता होती है और यह विभिन्न प्रकार के संवाद संबंध के परिचायक बनते हैं । एक कुशल संचार करने वाले व्यक्ति को इनके बारे में एक अच्छी समझ होनी जरूरी है।

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