Repetition in design is one basic principle of design. This repetition takes place in various manner. This article discusses various aspects of principle of repetition in design.
डिजाइन में पुनरावृत्ति का आशय किसी भी तत्व को बार बार दोहराने से लिया जाता है। किसी भी ढंग के आकार में विभिन्न तत्वों को बार बार दोहरा करके उसे एक खास प्रकार की डिजाइन का रूप दिया जाता सकता है। इसमें एक से अधिक तत्व को डिजाइन में बार बार दोहराया जा सकता है। इस प्रकार की दोहराने की प्रक्रिया से उसमें एकता, जुड़ाव एवं स्थिरता होती है। दोहराने की इस प्रक्रिया के अन्तर्गत एक ही ढंग के आकार, रेखा, रंग आदि को दोहराते हैं। इस प्रक्रिया की मुख्य बातें है।-
-डिजाइन में दोहराने Repetition in design की यह प्रक्रिया न सिर्फ एक ही प्रकार के तत्व का, वरन् यह एक दूसरे से जुड़े पिक्चर का भी हो सकता है। इसी प्रकार से यह नियमित या अनियमित और एक समान या असमान रूप में भी हो सकती है।
– दोहराने की यह प्रक्रिया विन्दु,रेखा, आकार, रंग, कन्टास्ट, टैक्स्चर, कोण आदि के स्तर पर होता है।
-दोहराने की यह प्रक्रिया घटते या फिर बढ़ते क्रम में भी हो सकती है। एक में यह सम्बन्धित तत्व में धीरे धीरे कम होता जाता है, वही दूसरे में यह बढ़ता जाता है।
– यह पुनरावृत्ति केन्द्र से आरम्भ हो करके सभी दिशाओं में हो सकता है। इसी प्रकार से पुनरावृत्ति की यह प्रक्रिया रेखीय या किसी अन्य प्रकार से किया जा सकता है।
– किसी खास प्रकार के पैटर्न में इस प्रकार के दोहराने की प्रक्रिया के माध्यम से पिक्चर को कलात्मक ढंग से प्रस्तुत करते है। पुनरावृत्ति के माध्यम से कलात्मक कार्य ऐक्टिव रूप में दिखता है। इस प्रकार किसी आर्ट वर्क में डिजाइन के विविध तत्वों के दोहराने या रिपीटेशन के माध्यम से उन्हे एकात्मक तौर पर प्रस्तुत किया जाता है।
– प्रकृति में विविध प्रकार के पैटर्न पाये जाते हैं। विविध प्रकार के फूल, पत्तियों आदि में इस प्रकार के पैटर्न पाये जाते है। ऐसे पैटर्न कलाकारों को नये नये प्रकार की कृतियों को बनाने में मदद करता है। सही प्रकार से बनाये गये पैटर्न किसी भी पिक्चर के प्रति रूचि एवं उत्तेजना पैदा करते है।
पैटर्न Pattern
डिजाइन में पैटर्न में कई तत्व एवं अर्थ हो सकते हैं। डिजाइन में दोहराने Repetition in design में जहाॅ पर एक ही वस्तु के बार बार दोहराने की बात होती है, वहीं पर पैटर्न में यह उसके भिन्न भिन्न भाग या कम्पोनेन्ट लिये गये होते हैं। ये सब मिल करके पूरे डिजाइन में फिर स्वयं को दोहराते रहते हैं। एक अच्छा पैटर्न वह है, जिसमंे कि आरम्भ से अन्त तक सब कुछ बगैर किसी खामी के दोहराया जाता रहता है। पैटर्न के सन्दर्भ में इस प्रकार का अप्रोच उस समय और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, जब पैटर्न के अन्तर्गत किसी ऐसे डिजाइन के बारे में बात किया जाता है, जिसमें कि रंग, टैक्स्चर आदि को काफी वरियता दी गयी होती है अथवा जो काफी अधिक मात्रा में इस्तेमाल किया गया रहा है। एक अच्छा पैटर्न वह पैटर्न है, जिसमें कि वह आरम्भ से ले करके अन्त तक बगैर किसी खामी के स्वयं को दोहराता रहता है और इस प्रकार से सम्पूर्ण पैटर्न एक सुसंगत इकाई के तौर पर दिखता है। डिजाइन बनाने के सन्दर्भ में यह तरीका या पहुॅच का काफी अधिक महत्व है, क्योकि इसमें महत्वपूर्ण मात्रा में रंग, टैक्स्चर एवं गहराई होती है।
किसी प्रकार के पैटर्न का निर्माण करना कई बार जटिल भी हो सकता है। वेब पेज पर इस प्रकार के पैटर्न का इस्तेमाल नेविगेशन टूल्स के लिए किया जाता है।
डिजाइन में पैटर्न का इस्तेमाल Use of Pattern in design
डिजाइन में पैटर्न का इस्तेमाल भिन्न भिन्न प्रकार से किया जाता है। यह डिजाइन को प्रभावी बनाने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस प्रकार के पैटर्न का इस्तेमाल आर्किटैक्चर में भी किया जाता है। इसकी मदद से उस स्ट्रक्चर के सौन्दर्य को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल यूजर गाइडेन्स के लिए भी किया जाता है। इस प्रकार के पैटर्न का इस्तेमाल किसी भी उत्पाद की डिजाइन को आकर्षक बनाने के लिए किया जाता है। किन्तु पैटर्न के इस्तेमाल करने में सावधानी भी बरतने की आवश्यकता होती है। कई बार इस पर ध्यान न देने पर कोई डिजाइन कही अधिक जटिल हो जाती है।
रिद्म Rythm
डिजाइन में रिपीटीशन Repetition in design एवं पैटर्न की तुलना में रिद्म थोड़ा भिन्न प्रकार का होता है। रिपीटीशन एवं पैटर्न जहाॅं एक ही डिजाइन तत्वों को एक खास प्रकार के क्रम में बार बार दोहराया जाता है। वहीं पर रिद्म में विविध प्रकार के तत्वों को एक खास क्रम में दोहराया जाता है। इस प्रकार से यह संभव है कि इन्डीविजुअल डिजाइन तत्व को सभी जगहों पर न दोहराया जाये या वह सभी जगह पर उसी रूप में न हों। इसकी बजाय इसमें उनके दोहराये जाने का कार्य डिजाइन के अन्तर्गत उनके अनुकूलता पर निर्भर करता है और यह पूरे डिजाइन में बदल सकता है।
. एकान्तर रिद्म Alternating in rhythm- इस प्रकार के लय में दो या फिर दो से अधिक अन्तर्परिवर्तनीय पैटर्न या डिजाइन को सम्पूर्ण क्षेत्र में दोहराते रहते हैं। कई बार एक ही डिजाइन का इस्तेमाल किया जाता है, किन्तु भिन्न भिन्न रंगों का इस्तेमाल किया जाता है।
. प्रवाहित लय Flowing rhythm यह वह लय है, जिसमें कि प्रायः आर्गनिक आकार के साथ गति को दर्षाया जाता है। उदाहरण के लिए किसी प्रकार की द्रव जैसे पानी आदि में इस प्रकार के लय को दर्षाया जा सकता है। इसमें आगे बढ़ती लहरों का दोहरा करके प्रस्तुत किया जा सकता है।
. प्रोग्रेसिव लय Progressive rhythm इस प्रकार के लय में आकार को एक निश्चित क्रम में लगातार आगे बढ़ाते रहते हैं। यह घटते या बढ़ते क्रम में हो सकते हैं।
नियमित लय Regular rhythm यह समानान्तर पॅक्तियों का नियमित व्यवस्था है। इसमें एक समान तौर पर और एक समान दूरी पर बने होते हैं। इसमें एक निष्चित ताल होता है। यह कई बार बहुत उबाऊ भी माना जाता है।
अनियमित लय. -Random rhythmबगैर किसी क्रम के रंडम लय वह लय है जिसमें कि पिक्चर में किसी प्रकार का कोई पैटर्न नही होता है। इसमें सब कुछ उसी प्रकार से सेट किया जाता है। इसमें किसी प्रकार को कोई ज्ञात पैटर्न का उपयोग नही किया जाता हें
पैटर्न, पुनरावृत्ति एवं लय
इस प्रकार से यह कहा जा सकता है कि जब लय की बात की जाती है तो फिर रिपीटीशन एवं पैटर्न की ही तरह से वे है या फिर यह कहे कि यह उसमें सन्निहित रहता है। यद्यपि वे दोनों सब एक दूसरे से थोडा भिन्न है। रिपीटीशन का सीधा अर्थ यह है कि वह डिजाइन जिसमें कि किसी तत्व आब्जेक्ट को बार बार दोहराया जाता है। यह आकार, रंग, लाइन यहाॅं तक कि यह सब्जेक्ट भी हो सकता है। यह एक पैटर्न बना सकता है अथवा नही भी बना सकता है। वही पैटर्न में डिजाइन के तत्व एक खास प्रकार के व्यवस्था में दोहराये जाते हैं। जैसे किसी लकड़ी में उभारी गयी वह नक्काशी इमैज जो कि स्वयं को बार बार दोहराती है। इसी प्रकार से फाइबर कला में भी यह हो सकता है। Elements of design : Points in design
लय में पैटर्न एवं रिपीटीशन दोनों होता है। इसके बावजूद यह दोनों से अलग भिन्न हो सकता है। पैटर्न में थोड़ा सा अन्तर रिद्म बनाता है। कला के तत्वों को दोहरा करके रिद्म बनाते है। किसी भी कला में किसी प्रकार का लय या रिद्म को कई प्रकार से नियंत्रित किया जा सकता है, जिसमें कि वह रेखा, आकार, रंग आदि शामिल हैं। सच कहा जाये तो कला का प्रत्येक भाग ही अपने आप में एक रिद्म होता है। इसे देखने वाले अपने अपने ढंग से देखते हैं।