The role of Prime Minister Narendra Modi in Branding India in his political communication is now being recognised by political analytics . Branding India is need of the hour. This article discusses some aspects of it.
इंडिया ब्रांडिंग में मोदी
Modi in Branding India in political communication
कम्पनियों द्वारा बनाये जाने वाले किसी भी प्रकार के उत्पाद को ब्रांड कहते है। किसी भी ब्रांड के प्रति ग्राहकों की वफादारी एवं जागरूकता को बढ़ाने के लिए प्रयास किया जाता है। कम्पनी के द्वारा सकारात्मक छवि निर्माण एवं प्रचार करने के कार्य को ब्रांडिंग कहा जाता है। जब कभी भी इस प्रकार के शब्द सुनायी देते हैं तो सामान्यतया कम्पनी प्रोडक्ट एवं विज्ञापन आदि ही मस्तिष्क में आते हैं। किन्तु जीवन में उन्नति करने के लिए हर क्षेत्र में ब्रांडिंग की आवश्यकता होती है। यह बात विविध प्रकार के उत्पाद एवं सेवा के साथ साथ सामााजिक जीवन में भी लागू होती है। इस प्रकार से यह व्यक्ति, घर परिवार, समाज एवं स्थान आदि के सन्दर्भ में भी लागू होता है। इसके बारे में लोग अपने अपने ढंग से बातें करते रहते है।
इस प्रकार की ब्रांडिग की आवश्यकता देश स्तर पर भी होती है। वर्तमान ग्लोबल प्रतिस्पर्धा के युग में किसी भी राष्ट्र की भी ब्रांडिंग की आवश्यकता होती है। सामान्यतौर पर किसी कम्पनी, संस्थान, पार्टी, सरकार आदि के बारे में तो प्रचार करके उसकी इमैज को बेहतर बनाने का कार्य किया जाता है। इस प्रकार से उसकी ब्रांडिंग की जाती रही है, किन्तु वर्तमान में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विविध प्रकार के व्यापारिक क्रिया कलापों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसे अच्छी तरह से करने के लिए यह आवश्यक है कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के बारे लोगों के मन में एक सकारात्मक छवि बने।
दूसरे देशों के बारे जिस प्रकार से हमारे मन में सकारात्मक या नकारात्मक छवि बने हुए है, उसी प्रकार से हमारे देश के बारे में भी दूसरे देशों के लोगों के मन में एक धारणा बनी हुई रहती है। दुर्भाग्य से भारत के बारे में पूरी दुनिया में एक खास प्रकार की ऐसी धारणा रही है जिसमें अधिकतर बातें नकारात्मक ही शामिल की गयी रही है। इसका कारण यही है कि भारत के बारे में बताने वाले दूसरे देश के वे लोग रहे जो कि भारत के प्रति कोई सद्भाव नही रखते रहे। ऐसी नकारात्मक धारणा के कारण भारत देश को कई प्रकार से नुकसान तो सहना ही पड़ता है, किन्तु आज भी बहुत से लोग उससे मुक्त नही हो पा रहे है।
पूर्व में हमारे देश के बारे में विदेशी जनमाध्यमों सकारात्मक बातों के बजाय नकारात्मक बातों को ही बताया जाता रहा है। वर्तमान में जबकि हमारा देश काफी उन्नति किया है। किन्तु आज भी सही जानकारी के अभाव में भारत के प्रति कई मामलों में लोगों के मन में नकारात्मक विचारों का पूर्वाग्रह बना हुआ है। इसके बारे में सतत् सकारात्मक बातों को बताना आवश्यक है। किन्तु ब्राडिंग का कार्य करने के लिए बहुत बड़े मंच एवं व्यक्तित्व की आवश्यकता होती है। अतः जब राजनीतिक संचार के माध्यम से ब्राडिंग की जाती है तो यह अपने आप में एक बहुत ही अनूठा प्रयोग ही कहा जा सकता है।
राजनीतिक संचार प्रायः एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप ही लगते है। इस प्रकार के अन्य ऐसे क्रिया कलाप के लिए जाना जाता है जो कि नकारात्मक तौर पर कहीं अधिक होता है। यह कार्य राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर होता रहा है। देश में विरोधी राजनीतिक दल तो देश विदेश में नकारात्मक चर्चा अधिक करते हैं। वे सरकार को हर मामले में घेरने की कोशिश करते है। किन्तु सरकार की तरफ से छवि को बेहतर दिखाने का ही प्रयास किया जाता है। इस सन्दर्भ में जनमाध्यमों में सभी सरकारे विज्ञापन भी देती है। किन्तु अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रकार के कार्य करना कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण होता है। उसके लिए अधिक मैनेजमेन्ट की आवश्यकता होती है।
हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जितनी भी विदेश यात्रा रही उन सबमें उन्होने देश की मार्केटिंग एवं भारत में उचित निवेश को महौल एवं यात्रा की सुविधा की बेहतरी के सन्दर्भ में जिस प्रकार से वहॉ के नागरिको एवं विशेष करके भारतीयों के साथ संचार करते है, वह अपने आप में बेमिसाल ही कहा जा सकते है। विदेश में जा करके वे जिस प्रकार से लोगों से संवाद करते है उससे वहॉ बसे भारतीयों मान सम्मान बढ़ता है और उनका आत्मविश्वास को भी बढ़ता है।
एक तरफ जब नरेन्द्र मोदी भारत में निवेश करने एवं टूरिज्म आदि करने के सन्दर्भ में अपनी बातों को कहते हैं तो उस समय उनके विरोधी उसे झूठी बात कहते है। किन्तु प्रधानमंत्री द्वारा जो बातें कही जाती है, वह प्रायः ऑकड़े दे करके प्रस्तुत की जाती है। इस कारण से उसमें झूठ होने की कोई प्रश्न ही नही होता है। सत्य बात तो यह है कि इन बातों को दूसरे देश में बहुत ही अच्छी प्रकार से बताने की आवश्यकता होती है जिससे कि भारत के बारे में जो एक बहुत ही पारम्परिक ढंग से दूसरे देशों के लोगों के बीच में एक धारणा बनायी गयी है, उसे दूर किया जा सके।
इस बात में कोई संशय नही है कि विदेश में बसे बड़ी संख्या में भारतीय भारत में निवेश करने से ले करके अन्य प्रकार की व्यापारिक गतिधियॉं करने के लिए इच्छुक रहते है। किन्तु कई बार वे भारत के बारे में पहले की जो धाणाएं बनी है, उसे ही अपने मन में रख करके फिर यहॉ आने के बारे मे सोच नही पाते है। ऐसे में प्रधानमत्र.ी द्वारा विदेश में विविध मंचों का उपयोग करके देश के बदलते वातावरण के बारे में उन्हे जो जानकारी दी जाती है , वह उनके लिए एक प्रेरणा का कार्य करता है। इससे भारत की छवि बेहतर बनती है।
इस प्रकार की देश छवि निर्माण की उम्मीद हम कभी भी विदेशी माध्यमों एवं व्यक्तियों एवं पत्रकारांे से नही नही कर सकते है। वे तो भारत के बारे में हमेशा किसी एक बहुत ही छोटी घटना को भी नकारात्मक ढंग से रखने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री को विदेश में लोगों के बीच अपने देश के बारे में सभी पक्षों को विस्तार से बता करके एक सकारात्मक छवि ही रखी जाती है। इस ढंग के कार्य अभी तक भारत के राजनीतिक संचार में बहुत ही कम देखने को मिलता रहा है।
पहले तो यही रहा है कि कोई भी भारतीय प्रधानमंत्री इतने अधिक व्यापक स्तर पर संवाद नही करता रहा है ।यदि कभी इस प्रकार के भेट मुलाकात होते भी रहे हैं तो फिर उनके द्वारा इस प्रकार के विषय सामग्री को कभी भी नही प्रस्तुत किया गया। भारत में किसी दूसरे देश के राष्ट्राध्यक्ष द्वारा भी इस प्रकार के कार्य नही के बराबर किये जाते रहे हैं।
भारत देश के ब्रांडिंग का यह तरीका भले ही आज बहुत गंभीरता से न देखा रहा हो, किन्तु जब कभी भी तुलनात्मक तौर पर अध्ययन किया जायेगा तो फिर यह तथ्य जरूर उभर करके सामने आयेगा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपने विदेश के दौरे में भारत की ब्रांडिंग बहुत ही जबरदस्त ढंग से की जाती रही है।
एक अन्य बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है कि एक तरफ भारत देश की ब्रांडिंग के लिए प्रधानमत्री द्वारा इतना प्रयास किया जाता है, वहीं पर दूसरी तरफ, भारत की छवि को खराब करने के लिए भी उतने ही सुनियोजित करीके से प्रयास किये जाते हैं। इसमें बाहर की ऐजेंसिया एवं मीडिया तो संलिप्त रहती ही है,Modi in branding India
किन्तु इसी के साथ भारत के भी बहुत से राष्ट्र विरोधी तत्व उसमें मदद करते हैं। इससे सरकार का भले ही कुछ नुकसान हो या न हो, किन्तु भारत देश का तो नुकसान अवश्य होता है। किसी भी प्रकार के बहाने ऐसे कार्य को कभी भी उचित नही कहा जा सकता है। यदि भारत को दुनिया में एक बहुत ही अच्छी छवि के साथ प्रस्तुत करना है तो फिर इसकी सही प्रकार से ब्रांंिडंग करते रहना आवश्यक है।
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