December 22, 2024

What is disclaimer

Disclaimer often used to avoid any kinds of controversy in media by its owner . This article describes some important aspects of disclaimer.

क्या विवादपूर्ण अभिव्यक्ति में बच सकते हैं डिस्क्लेमर देख करके

दैनिक जीवन में हम समय समय पर डिस्क्लेमर शब्द देखते सुनते रहते हैं। रेडियो, टीवी, फिल्म कार्यक्रमों में एवं समाचारपत्रों में अक्सर इस पद का इस्तेमाल करके कुछ बातें कही गयी रहती है। इस पद का इस्तेमाल कब, कहॉ और क्यों किया जाता है और इसका क्या महत्व है, इसके बारे में ही आगे चर्चा की जा रही है। डिस्क्लेमर पद को हिंदी में अस्वीकरण कहते हैं। इसके अन्तर्गत प्रायः टीवी चैनल या अन्य माध्यमों से प्रसारित होने वाले सम्बन्धित कार्यक्रम से चैनेल मालिक स्वयं का नाता न रखते और उसके सन्दर्भ में किसी प्रकार की कोई जिम्मेदारी न लेने की बात कहते हैं।

डिस्क्लेमर या अस्वीकरण महत्वपूर्ण एक बहुत ही महत्वपूर्ण घोषणा है । यह किसी भी प्रकार के व्यवसाय को कानूनी दावों से बचाने में मदद करता है। अस्वीकरण उपयोगकर्ताओं को सूचित करता है कि आपको सम्बन्धित माध्यम जैसे रेडियो, टीवी, वेबसाइट, या किसी अन्य प्रकार के माध्यम या दूसरे प्लेटफार्म से उत्पादों या सेवाओं के उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए उसके मालिक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा।

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इस प्रकार से हम कह सकते है कि अस्वीकरण एक ऐसा बयान है जो विशिष्ट चूक या कृत्यों के कारण उत्पन्न होने वाले नागरिक दायित्व से बचने के उद्देश्य से जिम्मेदारी से इनकार करता है। अस्वीकरणों को अक्सर लापरवाही के नुकसान के प्रभाव प्रति उसके ओनर के लिए सुरक्षा के रूप में तैयार किया जाता है।


समय के साथ इस प्रकार के डिस्क्लेमर disclaimer की आवश्यकता भी बढ़ी है। वेबसाइट पर भी एक अस्वीकरण की आवश्यकता है। अस्वीकरण यह कहकर किसी के व्यवसाय को कानूनी दायित्व से बचाता है कि लोग किसी व्यक्ति के उसका उपयोग कैसे करते हैं, या उसकी सामग्री के परिणामस्वरूप उन्हें होने वाले किसी भी नुकसान के लिए व्यवसायी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा।


हाल के वर्षो में जैसे जैसे जनमाध्यमों में विविध प्रकार की सामग्री की संख्या मात्रा बढ़ी है, उसी के साथ ही ऐसे डिस्क्लेमर देने की प्रवृत्ति भी काफी अधिक बढ़ी है। यह पद एक प्रकार से किसी विषय से स्वयं का सम्बन्ध न होने या फिर उस सन्दर्भ में किसी प्रकार की कोई कानूनी जिम्मदारी न लेने के सन्दर्भ में एक घोषणा है।


उदाहरण के लिए यदि वेबसाइट पर किसी रोग के इलाज के बारे में कोई दवा लेने या फिर इलाज सम्बन्धी किसी प्रकार की कोई अन्य सलाह दी गयी रहती है । ऐसी स्थिति में प्रायः वेबसाइट मालिक अपनी तरफ से डिस्क्लेमर प्रस्तुत करके कहता है कि वह इस प्रकार के दिये गये सलाह के सन्दर्भ में किसी प्रकार की कोई जिम्मेदारी नही लेता है। पाठक इसकी सत्यता के बारे में स्वयं अपने स्तर से जॉच कर ले। इसी प्रकार से यदि किसी प्रकार की कोई ज्योतिषीय बात कही गयी है तो फिर इसमें भी सम्बन्धित माध्यम उसके सत्यता के बारे में किसी प्रकार की कोई जिम्मेदारी लेने से दूर रहते हुए डिस्क्लेमर देता है।


प्रिंट माध्यमों में भी विविध प्रकार के जो विज्ञापन दिये जाते है उसके बारे में समाचारपत्र अपनी तरफ से डिस्क्लेमर दे देते हैं कि विज्ञापन में दिये गये सूचनाओं एवं सेवा के बारे में पाठक अपनी तरफ से आश्वस्त हो करके आगे कार्य करे।

अब तो समाचारपत्रों में सम्पादकीय पृष्ठ पर दिये गये लेख आदि पर भी एक प्रकार से डिस्क्लेमर दे करके ही प्रस्तुत किया जाता है जब इसमें किसी प्रकार के लेख में लेखक द्वारा प्रस्तुत विचारों से स्वयं को दूर रखते हुए यह कहा जाता है कि लेख में प्रस्तुत विचार लेखक के है और इससे सम्पादकीय सहमति आवश्यक नही है।

इस प्रकार माध्यमों में डिस्क्लेमर देते हुए सम्बन्धित मालिक लोगों को फिल्मों एवं टीवी सीरियल में इस प्रकार के डिस्क्लेमर देने की प्रवृत्ति काफी अधिक पायी जाती है। इसमें भिन्न भिन्न प्रकार की कथा में दिखाये गये पात्र एवं कहानी के पात्रों एवं कथा को किसी वास्तविक जीवन से वास्ता न होने एवं पूर्ण रूप से कल्पना पर आधारित होने की बात कही जाती है।


किन्तु कई बार डिस्क्लेमर दे करके बचने की रणनीति अदालत भी बहुत ही गंभीर आपत्ति करता है। अभी हाल में इलाहाबाद उच्च न्यायायल की लखनउ खंडपीठ नें आदि पुरूष फिल्म के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि जिस फिल्म में भगवान राम, लक्ष्मण, हनुमान, सीता, रावण, लंका को दिखाया जा रहा हो, उसमें यह डिस्क्लेमर दे करके कि यह रामायण नही है, कहॉ तक बचा जा सकता है।


वास्तव में भारतीय मीडिया में बहुत पहले से ऐसे कार्यक्रम प्रसारित किये जाने लगे हैं जिसमें कि कई प्रकार के आपत्ति व्यक्त किये जा सकते हैं। जो भी कार्यक्रम दिये जाते है वह व्यावहारिक धरातल पर स्वीकार्य होना चाहिए। जब इतिहास की कोई कहानी ले करके फिर उसे इतिहास के रूप में प्रस्तुत किया जाये और उसमें तथ्यों में तोड़ मरोड़ करके प्रस्तुत किया जाये फिर किसी प्रकार की आपत्ति करने पर यह कह दिया जाये कि यह इतिहास नही है तो फिर इसे डिस्क्लेमर का दुरूपयोग करना ही कहा जायेगा। इस सन्दर्भ में बेहतर यही होगा कि फिर ऐतिहासिक कथा, तथ्य, व्यक्ति, स्थान के नाम का बिल्कुल इस्तेमाल न किया जाये।

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किन्तु इन सबमें डिसक्लेमर दे करके उसकी आड़ में उसे देने के बाद किसी प्रकार की कानूनी जिम्मदारी से बचने की एक तरीका निकाल लिया जाता है तो फिर उसे कानूनी रूप से स्वीकार कर पाना भी मुश्किल ही होता है। अतः स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में इस प्रकार के जिम्मेदारी न लेने पर और भी विवाद आ सकते है। अतः ऐसे विवाद से बचने के लिए इसमें सावधानी अपनाने की सख्त आवश्यकता है।

What is disclaimer and its uses

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