December 22, 2024

Global village ग्लोबल विलेज

Medium is the message theory

माध्यमों के कार्य, भूमिका एवं प्रभाव को ले करके विविध प्रकार के विचार व्यक्त किये गये हैं। इसके अन्तर्गत कुछ पद तो काफी चर्चित भी हुए है। ग्लोबल विलेज को हिन्दी में वैश्विक गाॅव कह सकते है। इसके अन्तर्गत यह माना जाता है कि पूरी दुनिया एक गाॅव की तरह से है। इसमें दुनिया को एक ऐसे समुदाय के रूप में देखा जाता है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (जैसे टेलीविजन और इंटरनेट) द्वारा दूरी और अलगाव को नाटकीय रूप से कम कर दिया गया है । जिस प्रकार से गाॅंव में लोग एक दूसरे के बहुत ही करीब रहते हैं, उसी प्रकार से माध्यमों ने और विशेष करके रेडियो एवं टीवी और आज इन्टरनेट ने लोगों के बीच की दूरी को कम कर दिया है।

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ग्लोबल विलेज Global village शब्द कनाडा के संचार सिद्धांतकार प्रोफेसर हर्बर्ट मार्शल मैक्लुहान ने दिया है, जिन्हें 20 वीं शताब्दी के भविष्यवक्ता के रूप में बहुत से लोग मानते हैं। मैक्लुहान का मंत्र, ‘‘माध्यम ही संदेश है,‘‘ समाज और आधुनिक जीवन को आकार देने में टेलीविजन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सूचना स्रोतों के प्रभाव के बारे में उनके विचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है।1960 के दौर में उन्होंने वैश्विक गांव की अवधारणा को प्रस्तुत किया और कुछ वर्षों के पश्चात यह लोगों के बीच में काफी प्रचलित पद बन गया
आज ग्लोबल विलेज अर्थात वैश्विक गांव मीडिया अध्ययन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पद है

छात्रों ! आप सभी लोग गांव से अवश्य किसी न किसी तरीके से जुड़े होंगे। गांव की क्या विशेषता होती है । गांव में सभी लोग एक दूसरे को बहुत ही अच्छी तरीके से जानते सुनते हैं, क्योंकि लोगों के बीच में सतत संवाद बना रहता है। सामान्यतौर पर सभी लोग आपस में मिलते हैं, बातचीत करते हैं। किसी भी प्रकार की कोई कार्यक्रम या उत्सव आदि होता है तो उसमें उन सबकी भागीदारी होती है और विभिन्न प्रकार के जो त्यौहार मनाए जाते हैं, उसमें लोग एक दूसरे के साथ मिल कर उसे मनाते है। सब लोगों का एक दूसरे के घर आने जाने का कार्यक्रम होता है और एक दूसरे के सुख दुख में लोग शामिल होते हैं।

गांव में लोग एक दूसरे के बारे में सूचनाएं काफी अधिक मात्रा में रखते हैं वे एक दूसरे का हाल चाल लेते रहते है। गांव की यह विशेषता शहरी क्षेत्रों में नहीं पाई जाती है। वहाॅं पर लोगों का आपस में कम मिलना होता है और एक दूसरे को बहुत कम जानते हैं। कई बार तो कोई व्यक्ति अपने बगल वाले के बारे में भी कुछ भी नहीं जानता है और वर्षों तक नहीं जानता है। एक लम्बा समय गुजर जाता है और वे अनजान बन करके जीवन व्यतीत कर देते हैं । ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि उनका आपस में संवाद नहीं होता है


गांव में लोगों को जो मिलने जुलने की सुविधा सहजता सरलता होती है और जो बहुत बड़ी संख्या में लोगों के एक दूसरे से मुलाकात होती है, वह उसके पीछे एक बहुत बड़ा कारण यह भी है कि वह आपस में करीब रहते हैं एक दूसरे के यहाॅं आने जाने के लिए जो भी रास्ते होते हैं, उससे हो करके लोग एक दूसरे के घरों में जाते हैं। भौगोलिक रूप से भी आप यह देखते हैं कि कोई भी ऐसी जगह जहां जाने के लिए रास्ते नहीं है , लोग सामान्य तौर पर उस जगह पर नहीं जाते हैं या बहुत कम जाते हैं या किसी खास अवसर पर या किसी विषय कारणवश वहां पर भले चले जाएं , लेकिन सामान्य प्रचलन में यह नहीं होता है कि लोग अक्सर वहां पर जाएं । जब लोग ऐसे जगहों पर नहीं जाते हैं तो फिर ऐसे जगहों पर स्थित लोगों से संवाद भी नहीं होता है और संवाद नहीं होता है तो फिर एक दूसरे के बारे में लोग नहीं जानते हैं। यदि उन्हे आपस में किसी ऐसे तरीके से जोड़ दिया जाए जिससे कि वे आपस में भौगोलिक रूप से भले ही पास न आ सके लेकिन किसी अन्य तरीके से पास आ जाए तो फिर उनमें संवाद भी होगा और लोग एक दूसरे को जानेंगे भी और जब संवाद होगा। लोग एक दूसरे को जानेंगे तो फिर उसे बढ़कर के आगे के अन्य प्रकार के अंतर्कि्रयाए भी उनके बीच होने लगेगी।
जब हम ग्लोबल विलेज Global village की बात करते हैं तो यहाॅं पर यही बात लागू होती है। जन माध्यमों ने लोगों को एक दूसरे से जोड़ दिया और इतने अच्छे प्रकार से जोड़ दिया है कि वर्तमान में पूरी दुनिया एक गांव के रूप में बन गई है सभी लोग एक दूसरे से जुड़े हुए हैं । कोई भी व्यक्ति किसी से भी संवाद कर सकता है।


हालांकि यह सिद्धांत बहुत पहले दिया गया था और जब इस सिद्धांत को दिया गया था उस समय तो एक एक व्यक्ति को आपस में जोड़ना संभव नहीं था, क्योंकि रेडियो, टीवी के प्रसारण में सेटेलाइट के उपयोग के द्वारा जनमाध्यम की पहुंच विश्व स्तर तक तो हो गई थी किंतु लोगों का आपसी मुलाकात संभव नहीं था।


किंतु जब हम और पहले अर्थात आदि काल से इसकी दुनिया से इसकी तुलना करते हैं तो यह एक बहुत बड़ी बात थी। किन्तु अब एक दूसरे से आपसी सम्पर्क अपने संभव हो गया है। वर्तमान में ग्लोबल वीलेज की अवधारणा कहीं अधिक मजबूती के साथ परिलक्षित होती है। इस समय इन्टरनेट ने ग्लोबल वीलेज की अवधारणा को पहले की तुलना में कहीं अधिक साकार कर रहा है।

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