There are several factors which determine visual weight in design. This article describes some important visual weights in graphic design.
विजुअल भार के निर्धारक कारक Visual weight factors in graphic designing
वर्तमान में ग्रैफिक का इस्तेमाल विविध प्रकार से किया जाता है। इसमें विभिन्न प्रकार के तत्वों का इस्तेमाल किया जाता है । विजिटिंग कार्ड, पोस्टर, ब्रोशर आदि में इसका इसका इस्तेमाल तो होता ही है इसी के साथ फिल्म, समाचार, विज्ञापन, व्यापार आदि के क्षे़त्रों में सूचना जानकारी के लिए अब इसका काफी वृहद् स्तर पर इस्तेमाल किया जाने लगा है। किसी ग्रैफिक में विविध प्रकार के तत्व शामिल होते है। इसमें टैक्स्ट, रंग फोटो, अन्य प्रकार के रेखाचित्र का उपयोग किया जाता है । विजुअल भार डिजाइन किसी दृश्य में वह तत्व होता है जो दर्शकोंको अपनी तरफ ध्यान खींचने के लिए उपयोग किया जाता है। किसी डिजाइन में ध्यान आकृष्ट करने के लिए विविध कारकों की भूमिका होती है। इसके बारे में यहाॅं आगे पर चर्चा की गयी है।
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रुचिकर एवं विशेष आकार – वे वस्तुएं जो कि अन्य की तुलना में अधिक आकर्षक होती हैं, वे अधिक भार युक्त दिखती हैं । उदाहरण के लिए कोई वस्तु सामान्य आकार की तुलना में खास आकार में बनी हुई रहती है तो उस समय वह आंख को अधिक आकर्षित करते हैं। इसी प्रकार से व्यक्ति अपने निजी रुचि, आदत, स्वभाव की एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वह किसी डिजाइन में इसे पहले देखता है उदाहरण के लिए पिक्चर में बच्चों को खिलौना अन्य वस्तु की तुलना में अधिक ध्यान आकर्षित करता है ।
आकार – छोटे आकार की तुलना में बड़े आकार का विजुअल वेट अधिक होता है।
रंग– वार्म कलर कोल्ड कलर के तुलना में अधिक विजुअल वेट होता है । उदाहरण के लिए लाल रंग का विजुअल वेट सबसे अधिक होता है।
स्थिति – ग्राफिक डिजाइन में विभिन्न वस्तुओं की स्थित भी उसके भार के निर्धारण में भूमिका निभाता है । तत्व जो कि किसी ग्रैफिक पिक्चर के संयोजन में ऊपर स्थित होते हैं, वह नीचे की तुलना में अधिक विजुअल रखते हैं। इसी प्रकार से डोमिनेंट क्षेत्र से दूर वाले तत्वों का विजुअल वेट डोमिनेंट क्षेत्र में स्थित तत्वों की तुलना में कम होता है। वह तत्व जो कि फारॅग्राउंड में होता है, वह बैकग्राउंड की तुलना में अधिक विजुअल भार रखता है।
टेक्सचर – टेक्सचर वाली वस्तुआं में भार एवं भौतिक स्वरूप कहीं अधिक उभरकर के सामने आता है, क्योकि वे त्रिआयामी रूप में दिखती हैं । जैसा टेक्सचर रहता है उसी के अनुसार उसका भार भी अधिक दिखता है।
स्वरूप या शेप – वे वस्तुएं जो कि एक नियमित स्वरूप आकार की होती हैं , वे अनियमित स्वरूप आकार की तुलना में अधिक भार रखती हैं । अनियमित स्वरूप में एहसास होता है कि उसमें भार को हटा दिया गया।
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झुकाव या ओरियंटेशन – वह वस्तु ऊर्ध्वाधर रूप में होती है वह क्षैतिज रूप में स्थित वस्तुओं की तुलना में अधिक भार रखते हैं किंतु वह वस्तु जो कि डायगोनल अथवा टेढ़ रूप में होती हैं उसका विजुअल भार सबसे अधिक होता है। उसके प्रति ध्यान भी अधिक जाता है।
घनत्व – किसी दिए गए स्थान में अधिक से अधिक या भारी वस्तुओं को डाल देने पर वह विरल रूप में स्थान रखने वाली या हल्की वस्तुओं की तुलना में अधिक भार के रूप में देखी जाती है। जब किसी स्थान पर अधिक संख्या में कोई वस्तु होती है तो उसका विजुअल भार भी बढ़ जाता है ।
सफेद स्थान- सफेद स्थान का अपना कोई विजुअल भाग नहीं होता है । अतः जब कोई वस्तु के आसपास सफेद स्थान होता है तो वह तुलनात्मक तौर पर अधिक विजुअल भार के रूप में परिलक्षित होते हैं। खाली स्थान पर जब कोई वस्तु दिखती है तो उस पर ध्यान अधिक जाता है।
गहराई – किसी तत्व यदि अधिक गहराई होती है तो उस समय उसका विजुअल भार बढ़ जाता है। अधिक गहराई होने पर वस्तु अपने पूर्ण रूप में प्रभावी ढंग से दिखती है ।
गाढ़ापन- वह रंग जो की गाढ़ा होता है वह कम गाढ़ा की तुलना में अधिक विजुअल भार रखता है। हल्का लाल रंग की तुलना में गाढ़ा लाल रंग अधिक विजुअल भार रखता है।
दिखाई देने वाली भौतिक भार– कोई कैसी वस्तु है, इसके अनुसार भी उसका भार निर्धारित होता है उदाहरण के लिए कुर्सी की तुलना में टेबल का विजुअल भार अधिक होगा। इसी प्रकार से साइकिल की तुलना में मोटरसाइकिल तथा मोटरसाइकिल की तुलना में कार का विजुअल भार अधिक होता है।
इस प्रकार किसी प्रकार की ग्रैफिक बनाते समय उक्त वर्णित भार कारको को ध्यान में रख करके उसे बनाया जाता है।