Dress communication is very important aspects of our life. One must know various aspects of it. The article discusses important points of it.
ड्रेस कम्युनिकेशन . वस्त्र से व्यक्तित्व की पहचान
Importance of greeting in communication
मानव समाज संस्कृति में वस्त्र उसके जीवन का एक बहुत ही अभिन्न हिस्सा है। हम जो कुछ भी अपने शरीर पर वस्त्र के रूप में पहनते हैं, वह हमारे व्यक्तित्व के बारे में एक संदेश देता है। हम कुछ कहे बगैर ही वस्त्र के माध्यम से लोगों तक संचार करते रहते हैं । वस्त्र पहनना हमारी आवश्यकता तो है ही इसी के साथ-साथ वह हमारे व्यक्तित्व के कई पहलुओं के बारे में जानकारी देता है। यहाॅ पर आगे वस्त्र किस प्रकार से किसी व्यक्ति के बारे में संदेश देता है, उसके बारे चर्चा की गई है ।
मानव समाज में वस्त्र पहनना शरीर एवं स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। किन्तु वह सामाजिक मूल्यों नैतिकता के सन्दर्भ में भी एक बहुत ही महत्वपूर्ण आवश्यकता है। इसी के साथ-साथ वह व्यक्ति के अपने पसंद नापसंद को भी व्यक्त करता है। वस्त्र व्यक्ति के सामाजिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक पहचान को व्यक्त करता है। यह उसके बारे में अपने ढंग से सन्देश देता है। भिन्न भिन्न संस्कृति में विभिन्न प्रकार के वस्त्र पहने जाते हैं। यह भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एक तरफ जहां व्यक्ति के शरीर की सुरक्षा करता है, वहीं पर हम किस सभ्यता , संस्कृति एवं धर्म से जुड़े हुए हैं, उसके बारे में सन्देश देता है।
Economic position through Dress communication आर्थिक स्थिति की पहचान – वस्त्र व्यक्ति के सामाजिक स्थिति को भी व्यक्त करता है। व्यक्ति जो समाज में अपने को श्रेष्ठ के रूप में व्यक्त करने के महत्वाकांक्षा रहते हैं, वे सभी अन्य तौर-तरीकों के साथ वस्त्र का भी सहारा लेते हैं। इसके माध्यम से वह अपने को आर्थिक रूप से संपन्नता का एहसास कराते हैं। सही प्रकार से वस्त्र पहनने से मनुष्य के शरीर की शोभा और निखर करके के प्रकट होती है। बहुत से मनोवैज्ञानिकों का तो यह भी मानना है कि हम जो कुछ भी पहनते हैं, वह हमारे बारे में काफी जानकारी देता है। वस्त्र लोगों के बीच स्वयं को नॉनवर्बल ढंग से अभिव्यक्ति करने का एक बहुत ही प्रचलित माध्यम है। सामान्य तौर पर जब व्यक्ति अन्य तरीके के माध्यम से अपने को प्रभावी रूप में नहीं व्यक्त कर पाता है तो फिर उसका वस्त्र ही एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
Touch communication क्या होता है स्पर्श संचार Smell and communication
वस्त्रों को पहनने के प्रति भिन्न-भिन्न व्यक्तियों की भिन्न-भिन्न प्रकार से अपने सजगता, रुचि और जागरूकता एवं नजरिया होती है। कुछ लोग इस मामले में काफी अधिक संवेदनशील होते हैं। वहीं पर कुछ लोग इसके प्रति लापरवाह भी होते हैं। व्यक्ति की अपनी पहचान जब उसके अन्य क्रियाकलापों से काफी अधिक हो जाती है तो उस स्थित में कई बार व्यक्ति वस्त्र के प्रति उतने अधिक गंभीर नहीं होते हैं। वहीं पर कुछ व्यक्ति अपने अन्य पहचान को वस्त्र के साथ जोड़कर के विशेष रूप से प्रस्तुत करते हैं। उदाहरण के लिए साधु, जोगी, फकीर, महात्मा की अपनी जो जीवनशैली होती है, वह उनके वस्त्र के माध्यम से विशेष रूप से व्यक्त होती है।
वस्त्र स्वयं अपने आप में एक भाषा है। यह नॉनवर्बल तरीके से संचार करता है। इसका इस्तेमाल लोग अपने पसंद, नापसंद, उम्र, लिंग राजनीतिक रुझान, आर्थिक स्थिति आदि को व्यक्त करने के लिए करते हैं। वे व्यक्ति जो कि काफी मुखर हो करके अपने विभिन्न रुचि, रुझानों और व्यक्तित्व पहचान को बताना चाहते हैं, वह अन्य बातों के अलावा वस्त्र का भी काफी अधिक सहारा लेते हैं।
जब हम किसी व्यक्ति के वस्त्र को देखते हैं तो फिर हम उसे उसके आर्थिक, सामाजिक हैसियत का अंदाजा लगाते हैं। एक ही प्रकार की सभ्यता, संस्कृति में भिन्न-भिन्न तरीके के वस्त्र होते हैं। इन्हे लोग अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार खरीदते हैं। यह कम या अधिक कीमत के होते हैं। जब कोई व्यक्ति अधिक कीमत वाली वस्तु को पाना रहता है तो एक उसके बारे में एक सामान्य धारणा यह बनती है कि वह व्यक्ति एक संपन्न व्यक्ति है या आर्थिक दृष्टि से मजबूत व्यक्ति है।
Dress communication reveals political inclination राजनीतिक रूझान का परिचायक
बहुत से वस्त्र राजनीतिक रुझान के अनुसार भी बनाए गए हैं और वह व्यक्ति जो अपने को राजनीतिक तौर तरीके के अनुसार व्यक्त करना चाहता है, वह फिर उस प्रकार के वस्त्र को धारण करता है। यह आवश्यक नहीं है कि सभी व्यक्ति उसे पहने। किंतु बहुत से व्यक्ति अपने राजनीतिक पहचान को वस्त्रों के माध्यम से भी व्यक्त करते हैं या उसे पहनने के अभ्यस्त हुए रहते हैं। शरीर के कुछ भाग में पहने जाने वाले वस्त्रों से भिन्न भिन्न प्रकार के रूझानों को व्यक्त किया जाता है। इसमें टोपी एवं गमछा, चादर आदि बहुत ही प्रमुख वस्त्र है। सहुलियत के अनुसार इसके स्वरूप को छोटा या बड़ा किया जाता है।
Geographical identity through Dress communication वस्त्र भौगोलिक पहचान
वस्त्र इस बात की भी जानकारी देता है कि हम भौगोलिक रूप से कहां से संबंध रखते हैं । उदाहरण के लिए भारत में दक्षिण भारत स्त्री पुरुष कुछ खास तरीके के वस्त्र पहनते हैं और जब भी उन्हें पहन करके कहीं पर उपस्थित होते हैं तो उसे साफ जाहिर हो जाता है कि वे दक्षिण भारत से संबंधित है। कुछ वस्त्र हमारी सभ्यता सांस्कृतिक पहचान से गहराई से बहुत ही पारंपरिक रूप से जुड़े हुए होते हैं। वहीं पर कुछ वस्त्र ऐसे हैं जो सार्वभौमिक रूप में एक समान होते हैं और वह किसी खास प्रकार के पहचान को नहीं जाहिर करते हैं। कुछ खास प्रकार के स्थिति और अवसर पर खास तरीके के वस्त्र पहने जाते हैं । इससे उस अवसर को सुंदर तरीके से व्यक्त करते है। होली, ईद आदि पर्वो पर अलग अलग प्रकार के वस्त्र पहनने की परम्परा है। इस तरह विभिन्न प्रकार के पर्व, त्यौहार, उत्सव आदि के अवसर पर हम खास प्रकार के वस्त्र पहनते हैं। वे वस्त्र अवसर की शोभा बढ़ाते हैं।
नये और साफ सुथरे वस्त्र एक मानसिक स्तर पर सुख एवं आत्मविश्वास का एहसास कराते है। यदि वस्त्र सही प्रकार से सिले हो तो एक तरफ वे पहनने में आरामदायक होते है , वहीं पर उससे घर परिवार के स्तर एवं तौर तरीके का भी परिचय मिलता है। सही तरीके से वस्त्र पहनने से व्यक्तित्व के बारे में यह भी एक समझ बनती है कि सुव्यवस्थित तौर तरीके को अपनाने वाला व्यक्ति है
ऐसे भौगोलिक क्षेत्र जहाॅ पर के समय के साथ मौसम बदलते रहते हैं, उन जगहों पर मौसम के हिसाब से विभिन्न प्रकार के वस्त्र पहने जाते हैं। गर्मी, बरसात एवं ठंड मौसम में शरीर की सही तरीके से रक्षा के लिए मौसम के हिसाब से आवश्यकता होती है । किंतु इन सभी मौसम के लिए भी जो वस्त्र बने रहते हैं, वे व्यक्ति के आर्थिक सामाजिक स्थिति को भी व्यक्ति करते हैं।
वस्त्र को व्यक्ति के कारोबार को ध्यान में रख करके भी अपनाने की आवश्यकता होती है । कुछ खास प्रकार के क्रियाकलाप तो ऐसे हैं जहां पर कि उसको ध्यान में रख करके ही वस्त्र पहनना अति आवश्यक होता है। मेडिकल के क्षेत्र में डॉक्टर को ऑपरेशन थिएटर में कार्य करने के दौरान काम करने की सहूलियत को ध्यान में रखकर के एवं अन्य प्रकार के सतर्कता को अपनाते हुए वस्त्र पहने की आवश्यकता होती है। रक्षा एवं सुरक्षा क्षेत्र में भी इसी तरह से स्थिति के अनुसार वस्त्र पहने की जरूरत होती है। कई वस्त्र व्यवसाय या संस्था एवं संस्थान के भी परिचायक है।
Dress communication indicates carious identity सामाजिक सांस्कृतिक पहचान के अलावा वस्त्र के माध्यम से अन्य प्रकार के समूह की भी पहचान होती है इसमें सरकारी विभागों में कार्य करने वाले लोगों के संदर्भ में बनाए गए वस्त्र उस समूह विशेष के पहचान के रूप में होती है। वर्तमान में पुलिस विभाग, मेडिकल या विभिन्न कंपनियों में काम करने वाले व्यक्तियों के संदर्भ में कुछ खास रंग के वस्त्र विशेष तौर पर पहने जाते हैं जो कि उस समूह, संगठन और सरकार के सम्बन्धित विभाग के जुड़े होने की पहचान देते हैं।
वर्तमान में वस्त्र जो कि एक समान रूप से बहुत बड़ी जनसंख्या द्वारा पहने जाते हैं और जो कि सामाजिक एवं सांस्कृतिक पहचान से परे हट करके बड़ी जनसंख्या द्वारा स्वीकार किए गए रहते हैं उसमें फिर वस्त्रों के ब्रांड की अपनी अलग भूमिका हो जाती है। वे वस्त्र जो कि महंगे ब्रांड के होते हैं, वह अपने आर्थिक सामाजिक पहचान को दर्शाने का एक माध्यम बनते हैं ।
जब कोई व्यक्ति किसी खास ब्रांड आदि का वस्त्र पहनता है तो फिर सामान्य तौर पर उसकी यही इच्छा रहती है कि लोग उसे जाने समझे । वह उसकी तरफ लोगों का ध्यान भी आकृष्ट कराना चाहता है और इसके माध्यम से वह यह भी दिखाना चाहता है कि उसने उस खास ब्रांड का कपड़ा पहना है । वर्तमान में ब्रांड के लोगों की इस तरीके से वस्त्र में लगे रहते हैं जो कि लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचते हैं । किंतु ऐसा भाव सबमें होना आवष्यक नही है।
Colour in Dress communication वस्त्र एव रंग
वस्त्रों का रंग उनके सुन्दरता में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। किन्तु यह रंग व्यक्ति की अपनी पसन्द एवं रूचि को भी व्यक्त करते है। रंगों का चयन हर व्यक्ति अपने अपने पसन्द के अनुसार करता है। रंग की भिन्नता वस्त्र की विविधता में बहुत ही मुखर हो करके व्यक्ति होती है। बच्चों पर चटक रंग पसन्द किया जाता है वहीं पर अधिक उम्र के लोग सामान्यतया हल्के रंग के वस्त्र पहनना पसन्द करते हैं। किन्तु जब अधिक उम्र के लोग बहुत ही गाढ़े एवं चटक रंग के वस्त्र पहनते है तो वे अवष्य ही अनायास लोगों का ध्यान आकृष् कर लेते है। इस सन्दर्भ में काफी रोचक जानकारियां सामने आयी हैं।
Use of design in Dress communication वस्त्र एव डिजाइन – वस्त्रों की प्रिंट की गयी डिजाइन भी काफी अधिक भूमिका निभाती है। वे व्यक्ति के पसन्द के बारे मे ंतो जानकारी देते ही है किन्तु इसी के साथ कई बार ये व्यक्ति के व्यक्तित्व को भी खास प्रकार से व्यक्त करते हैं। वस्त्रों पर जिस प्रकार से डिजाइन बनी रहती है उसी अनुसार व्यक्ति के शरीर की अभिव्यक्ति होती है। यदि वह सही प्रकार से नही है तो उसका नकारात्मक प्रभाव भी होता है। वस्त्रों से शरीर एवं व्यक्तित्व की प्रभावी अभिव्यक्ति से ले करके निष्प्रभावी या नकारात्मक अभिव्यक्ति भी होती है।
Role of Fashion in Dress communication वस्त्रों का फैशन से संबंध
वस्त्रों का संबंध फैशन से भी जुड़ करके होता है। फैशन की अभिव्यक्ति वस्तुओं के माध्यम से काफी अधिक होती है । फैशन का संबंध आर्थिक सामाजिक सांस्कृतिक वालों से जुड़ करके होता ही है। किंतु इन सब बातों से दूर करके भी इनके बीच से नए-नए फैशन के वस्त्र तैयार किए जाते हैं और लोग उसे पहनते हैं। युवा वर्ग नये डिजाइन के वस्त्रों को पहनना सबसे अधिक पसन्द करता है । किन्तु जिस समाज में नये मूल्यों एवं तौर तरीकों के प्रति जितनी अधिक गतिशीलता एवं स्वीकार्यता होती है, उस समाज में उतने ही अधिक लोग वस्त्र के मामले भी नये डिजाइन को स्वीकार करते है। फैशन व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखार करके सामने लाता है । इसी के साथ ही वह उसके अभिरुचि ,नजरिए को व्यक्त करता है । यदि कोई व्यक्ति नए प्रकार के फैशन के वाले वस्तुओं को लगातार पहनता है तो फिर उसे के बारे में माना जा सकता है िकवह नए मूल्यों तौर-तरीकों को आसानी के साथ स्वीकार करता है । उसे वस्त्रों के माध्यम से स्वयं को व्यक्त करने का शौक भी है
वस्त्रों में फैशन के माध्यम से व्यक्ति अपने नजरिया एवं व्यक्तित्व को भी व्यक्त करता है। एक अच्छे तरीके से फैशन वाले वाले वस्त्र से व्यक्ति स्वयं को समय के साथ बदलने के प्रति प्रतिबद्धता को व्यक्त करता है। इसके माध्यम से वह यह भी बताता है कि बदलाव के प्रति उसके मन में किसी प्रकार का कोई दुराग्रह नहीं है । वह और वह उसे आसानी के साथ स्वीकार कर सकता है। इसी के साथ वस्त्र जीवन के अन्य बहुत से पहलूओं के बारे में जानकारी देता है। इसके बारे में काफी बातें कही गयी है।
वस्त्र के माध्यम से संदेश का दुरुपयोग Misuse of Dress Communication
वस्तुओं द्वारा मिलने वाले संदेश का दुरुपयोग भी काफी अधिक किया जाता है। वह व्यक्ति जो किसी को धोखा देना चाहते हैं कई बार अपना वेश बदल करके ही अपनी गलत पहचान प्रस्तुत करते हैं। इसमें उनके द्वारा धारण किए गए वस्त्रों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सामान्य तौर पर व्यक्ति किसी के बारे में वस्त्रों को देख कर के ही उसके पृष्ठभूमि के बारे में धारणा बनाता है। व्यक्ति के इसी मनोवृति का अपराधी दुरुपयोग करते हैं।
इस प्रकार हम यह देखते हैं कि व्यक्ति द्वारा पहने जाने वाले वस्त्र के माध्यम से व्यक्ति के आर्थिक, सामाजिक सांस्कृतिक, भौगोलिक पहलूओं के बारे में विभिन्न प्रकार के जानकारी तो मिलती है इसी के साथ साथ व्यक्ति के मनोवैज्ञानिक एवं सोच विचार के तौर तरीके के बारे में भी जानकारी मिलती है।