Correct use of camera mode
— Camera mode is very useful tool for smooth operation of the digital camera by new users. This article discusses various modes of camera. It gives idea about correct use of camera mode.
डिजिटल कैमरा मोड को समझना – कैमरा मोड कैमरा को सही प्रकार से इस्तेमाल करने में तकनीकी तौर पर इस्तेमाल करने के सन्दर्भ में हमारी मदद करता है। इसकी मदद से हम भिन्न भिन्न परिस्थियों में कैमरा का सही प्रकार से ठस्तेमाल करते है। एक कैमरा परसन को इसके बारे में सही प्रकार से जानकारी रखनी चाहिए। benefits of digital photography
डिजिटल कैमरा मोड
कैमरा मोड के प्रकार
प्रोग्राम मोड
शटर-प्राथमिकता मोड
एपर्चर-प्राथमिकता मोड
मैनुअल मोड
कैमरा मोड सेटिंग
आईएसओ के बारे में जानकारी
अन्य कैमरा मोड
Digital camera mode
डिजिटल कैमरा मोड मुख्यतौर पर कैमरे में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा को नियत्रित करने में हमारी मदद करता है। यह एक प्रकार से हमारा मार्गदर्शन करता है। वैसे कैमरा में कई प्रकार के माड होते है किन्तु इसमें एपर्चर, शटर स्पीड सबसे महत्वपूर्ण है। कैमरा मोड में निर्धारित किए गए मोड के अनुसार एक नियंत्रक को बदलते हैं और दूसरा नियंत्रक स्वता ही आवश्यकतानुसार बदलता रहता है माड में रखने पर एक को हम नियंत्रित करते है और दूसरा मान स्वतः बदलता रहता है। वहीं पर इसे कुछ मोड में आटो या जबकि कुछ मोड कैमरा एक्सपोजर को पूरी तरह से स्वचालित कर सकते हैं, ऐसे अन्य मोड भी हैं जो फोटोग्राफर को एक्सपोजर के कुछ या सभी मापदंडों को मैन्युअल रूप से नियंत्रित करने देते हैं।
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पहले कैमरा में सब कुछ मैनुअल ढंग से था। एक फोटोग्राफर इसके विभिन्न नियंत्रक जैसे एपर्चर, शटर स्पीड को मैन्युअल रूप से सेट करना पड़ता था और अपने कैमरों के लिए सही प्रकार की फिल्म का चयन करना था। तीव्रता और प्रकाश की मात्रा का जानकारी प्राप्त करने के लिए वे प्रकाश मीटर का उपयोग किया जाता रहा है। थे। यह प्रकाश की तीव्रता को मापते थे और एक्सपोजर जानकारी प्रदान करते थे, जिसे वे अपने कैमरों में उपयोग करेंगे। बाद में एसएलआर कैमरा पेश किया जिसने लेंस के माध्यम से कैमरे में आने वाले प्रकाश को मापने की सुविधा उपलब्ध हो गयी।
कैमरों में विविध प्रकार के स्वचालित विकसित किये गये। ये कैमरे में लेसे से हो करके जाने वाले प्रकाष के मान का मुल्याॅकन करके उसके बारे में सूचना देने लगा। वर्तमान में अधिकतर डिजिटल कैमरों में विविध प्रकार के कैमरा मोड होते हैं, जिनका उपयोग विभिन्न स्थितियों में किया जा सकता है। जबकि अधिकांश बिंदु और शूट कैमरे सादगी के लिए स्वचालित मोड पर ध्यान केंद्रित करते हैं, अधिक उन्नत कैमरे में स्वचालित और मैन्युअल एक्सपोजर नियंत्रण की सुविधा प्रदान करने वाले मांेड होते हैैं।
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कैमरा मोड के प्रकार Kinds of camera mode
यहां चार मुख्य प्रकार के कैमरा मोड दिए गए हैं जो आज के अधिकांश डिजिटल कैमरों में पाए जा सकते हैंः
- कार्यक्रम (पी)
- शटर प्राथमिकता (टीवी) या (एस)
- एपर्चर प्राथमिकता (एवी) या (ए)
- मैनुअल (एम)
प्रोग्राम मोड Programme mode
‘‘प्रोग्राम‘‘ मोड में, कैमरा लेंस से गुजरने वाले प्रकाश की मात्रा के आधार पर स्वचालित रूप से एपर्चर और शटर स्पीड निर्धारित होता है। यह वह विधा है जिसका उपयोग कुछ खास अवसर पर ही किया जाता हैं,। जल्दी से फोटो लेने की समय इसका इस्तेमाल किया जाता है। कैमरा प्रकाश की तीव्रता को ध्यान में रख करके आवश्यकतानुसार कम या अधिक करके दोनों अर्थात् एपर्चर और शटर गति के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करता है।
Benefits of Digital Photo डिजिटल फोटो के लाभ
अधिक तीव्र प्रकाश की स्थिति में शटर गति को उचित रूप से तेज रखते हुए, एपर्चर स्वचालित रूप से बड़ी संख्या में बढ़ जाएगा। किन्तु जब कैमरे को अधिक गहराई की तरफ घुमाया जाता है उस स्थिति में एपर्चर कम संख्या में कम हो जाता है। इस प्रकार शटर गति उचित रूप से तेज हो जाता है। दूसरी तरफ कम प्रकाश है, तो लेंस एपर्चर न्यूनतम संख्या (अधिकतम एपर्चर) पर रहेगा,वहीं पर कैमरे के शटर की गति घटती जाती है जिससे कि , जब तक कि यह उचित एक्सपोजर हो जाये।
इस मोड में कैमरा एक्सपोजर पर ज्यादा नियंत्रण करने की सुविधा नही देता है। नियंत्रण डायल को स्थानांतरित करके कैमरा-अनुमानित शटर गति और एपर्चर को ओवरराइड करने का एक तरीका है । मूल रूप से, यदि फ्रीजिंग क्रिया के लिए तेज शटर गति प्राप्त करने की आवश्यकता है, तो आप डायल को दाईं ओर घुमाएंगे, और यदि आपको फील्ड की एक बड़ी गहराई प्राप्त करने की आवश्यकता है, तो आप डायल को बाईं ओर घुमाएंगे।
कैमरा नियत्रण डायल की मदद से शटर स्पीड एवं एपर्चर को कम अधिक करते है। जब नियंत्रण डायल को बाईं ओर घुमाते हैं, तो वह कैमरा शटर गति को कम कर देता है और एपर्चर को बढ़ा देगा। दूसरी तरफ, जब डायल को दाईं ओर घुमाते हैं, तो कैमरा शटर गति को बढ़ा देता है और और एपर्चर को कम कर देता है।
Importance of Photojournalism
Correct use of camera mode in shutter priority शटर-प्राथमिकता मोड कैमरा का सही उपयोग
इस मोड में कैमरा पर्सन द्वारा शटर की जो गत निर्धारित की जाती है वह स्थिर रहती है और उपलब्ध प्रकाश के मात्रा के अनुसार अपाचे कम या अधिक होता रहता है इस प्रकार शटर प्राथमिकता मोड में शटर की गति को मैनुअल तरीके से नियंत्रित करते हैं और अपार चार अपने तरीके से स्वता बदलता रहता है इसका उपयोग उसी स्थिति में किया जाता है जब किसी गतिशील वस्तु को जानबूझकर के दुबला करके दिखाने की आवश्यकता होती है या फिर उसे स्थिर रूप में दिखाए जाने की आवश्यकता होती है उस स्थिति में प्रकाश की मात्रा अधिक होने पर अपाचे स्वता ही कम प्रकाश अंदर जाने देता है क्योंकि उसका मान अधिक हो गया रहता है दूसरी तरफ प्रकाश की मात्रा कम होने पर कैमरा एपर्चर की संख्या कम हो जाती है और वह अधिक प्रकाश लेता है ।
इसके अलावा, विषय अलगाव पर कोई नियंत्रण नहीं है, क्योंकि आप कैमरे को क्षेत्र की गहराई को नियंत्रित करने दे रहे हैं। इस माड का एक नकारात्मक पक्ष यह है कि इसमें किसी पिक्चर के अधिक या कम एक्सपोज्ड हो करके फोटो प्राप्त करने की आशंका होती है। फोटोग्राफी करते समय यदि पर्याप्त मात्रा में प्रकाश नहीं रहता है तो शटर स्पीड अधिक करके काम किया जा रहा है तो उस स्थिति में अपाचे अपने अनुसार प्रकाश को नियंत्रित करता है बहुत कम शटर कर देने पर अपाचे का होकर गुजरने वाले प्रकाश की मात्रा अधिक हो सकती है और पिक्चर केवल खोज हो जाने की आशंका रहती है
Correct use of camera mode in aperture priority अपर्चर-प्राथमिकता मोड मैं कैमरा का सही उपयोग
‘‘अपर्चर प्राथमिकता‘‘ मोड में, आप मैन्युअल रूप से लेंस एपर्चर सेट करते हैं, जबकि कैमरा स्वचालित रूप से छवि को ठीक से उजागर करने के लिए सही शटर गति चुनता है। इस स्थिति में अपाचे के मान को कम या अधिक किया जाता है और इसकी मदद से पिक्चर की गहराई को भी कम या अधिक करने की सुविधा उपलब्ध होती है इस मोड की एक विशेषता यह होती है कि इसमें पिक्चर के ओवर एक्सपोज या अंडर एक्सपोज होने की आशंका बहुत कम होती है यदि बहुत अधिक प्रकाश है, तो कैमरा शटर गति को स्वचालित रूप से बढ़ा देता है और यदि कम रोशनी वाले वातावरण में हैं, तो कैमरा शटर गति को कम कर देता है। इस प्रकार के मोड का इस्तेमाल करने पर पिक्चर के क्षेत्र की गहराई पर कैमरा पर्सन का अधिक नियंत्रण होता है
Correct use of camera mode
मैन्युअल मोड में अप रच एवं शटर स्पीड दोनों को हाथ से नियंत्रित करते हैं। स्पष्ट है कि इस स्थिति में दोनों नियंत्रक ओं को हम अपनी इच्छा अनुसार आवश्यक मान पर निर्धारित करके फोटोग्राफी कर सकते हैं इस प्रकार से कैमरा पर्सन इस मोड में पूरी तरीके से एक्सपोजर को नियंत्रित करता है किंतु इसका उपयोग उन्हीं स्थितियों में किया जाता है जहां पर कि प्रकाश के बारे में सही जानकारी पाने में दिक्कत होती है और यह आशंका होती है कि अन्य मोड में रखने पर कैमरा गलत तरीके से अपोजर कर सकता है और वह पिक्चर को अंडर एक्सपोज अथवा ओवर एक्सपोज कर सकता है
अतः इस स्थिति से बचने के लिए कैमरे को मैन्युअल मोड में रख कर के ऑपरेट किया जाता है मैन्युअल मॉड में एक बार जब fr4 और शटर स्पीड का निर्धारण कर दिया गया रहता है तो फिर उसके बाद सही प्रकार से फोटोग्राफी करना आसान हो जाता है किंतु वर्तमान में इस मोड का इस्तेमाल तभी किया जाना चाहिए जब अन्य विकल्प में कार्य करना संभव नहीं हो पाता है
Correct use of camera mode कैमरा मोड का सही उपयोग
आईएसओ के बारे में जानकारी
कैमरा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रकाश नियंत्रक आई एस ओ भी है सामान्य तौर पर डीएसएलआर कैमरा में आई एस ओ का मान मैनुअल तरीके से ही बदला जाता है किंतु कैमरों में ऑटो आई एस ओ की भी सुविधा होती है यदि हम मैनुअल तरीके से इसे नहीं बदलना चाहते हैं तो फिर हम इसके ऑटोसिस्टम को ऑन कर देते हैं और इसके अधिकतम और न्यूनतम मान का भी निर्धारण कर दिया जाता है जहां कहीं भी फोटोग्राफी के जा रही होती है वहां पर प्रकाश की मात्रा को ध्यान में रखते हुए आई एस ओ के अधिकतम और न्यूनतम मान का निर्धारण करके इसे ऑटोसिस्टम में रखते हैं किंतु जब कैमरे में आई एस ओ के लिए ऑटो सिस्टम की सुविधा नहीं है तो उस स्थिति में आई एस ओ कम से कम मान पर रखते हैं और फिर पिक्चर के गुणवत्ता के अनुसार इसका मान बढ़ाते हैं यदि पिक्चर में काफी अधिक डिस्टरबेंस आ रहा है तो उस स्थिति में आई एस ओ का मान कम किया जाता है
अन्य प्रकार के मोड
डीएसएलआर कैमरे में विभिन्न प्रकार के मोड की सुविधा प्रदान की जाने लगी है इसके अंतर्गत स्पोर्ट्स नाइट लैंडस्केप पोट्रेट जैसे मोड की सुविधा दी गई है किंतु ऊपर बताए गए चार मोड ही कैमरा के मुख्य मोड होते हैं और इनका सही तरीके से इस्तेमाल करना की आदत होनी चाहिए