December 22, 2024

Digital arrest -Digital arrest term is often used in newspaper. This article describes various aspects of this term.

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आज कल हम सभी नियमित तौर पर डिजिटल अरेस्ट की बात सुनते रहते हैं। इसमें अक्सर यह कहा जाता है कि इसके माध्यम से साइबर अपराधी लोगों को अपने घर में ही कैद हो जाने के लिए मजबूर कर देते हैं। इससे मुक्त करने के लिए भारी भरकम राशि वसूलने काफी समाचार आता है । कानून की तौर पर इस प्रकार की कोई गिरफ्तारी नही होती है। किन्तु साइबर अपराध करने के तरीके के आधार पर इस प्रकार का पद विकसित हुआ है।

यह बात अपने आप में बहुत ही अटपटी लगती है, किन्तु यही सच्चाई है। इस प्रकार के अपराध में साइबर अपराधी किसी व्यक्ति को वीडियो काल करते हैं और स्वयं को किसी न किसी जॉव एजेसी का अधिकारी बन करके उसे धमकाते और अपने जाल में फॅसाते है। इसमें वे स्वयं का परिचय सीबीआई, ईडी, नारकोटिक्स, रिजर्व बैंक आफ इंडिया, इनकम टैक्स, पासपोर्ट आदि जैसे विभागों या ऐजेंसियों के अधिकारी होने का दावा करते हैं।

साइबर अपराधी उस व्यक्ति कॉल करके उसे पर तरह तरह के गलत कार्यों में होने या करने का झूठा आरोप लगाते हैं। इस दौरान वे इस प्रकार की बातें करते हैं, मानों व्यक्ति वास्तव में कोई अपराध किया है। वीडियो काल के दौरान वे इसी जांच करने का एक परिवेश भी प्रस्तुत करते हैं। प्रायः इस प्रकार के आरोप के दौरान एक से अधिक व्यक्ति साइबर अपराधीइसमें शामिल होते हैं,और बहुत ही नाटकीय अन्दाज में ऑफिस आदि का परिवेश प्रस्तुत कर आरोप लगाने का सिलसिला आरम्भ करते हैं। इससे लोग तत्काल घबड़ा जाते हैं। वे इन बातों को सच मान लेते हैं। इस प्रकार के क्रिया कलाप करने के लिए तकनीकी ज्ञान का भी होना आवश्यक है। अतः इसके शिकार वे ही लोग होते हैं, जो कि इसके बारे में जानकारी रखते हैं।

कैसे करते हैं साइबर अपराध

साइबर अपराधी फोन करने के बाद उस व्यक्ति को यह भी धमकाते हैं कि उन पर लगातार नजर रखी जा रही है और यदि वे वॉंछित मॉंग को पूरा नही करते हैं तो फिर कानूनी कार्यवाही की जायेगी। इस डर से व्यक्ति उसके कहे अनुसार कार्य करता है।

उदाहरण के लिए उससे कहा जाता है कि वे गलत पासपोर्ट, किसी प्रकार की नशीली वस्तु में संलिप्त पाये गये हैं या उनके फोन का बहुत ही दुरूपयोग किया गया है। इस प्रकार की बातें कह करके वे उन्हे डराते और धमकाते हैं। इसमें वे तथाकथित रूप से फॅंसे व्यक्ति को एक निश्चित राशि ले करके छोड़ने की बात करते हैं।

कई बार तो वे जिसे फोन किये रहते हैं, जब तक वे उसे पूरा नही करते हैं, वे तब तक वीडियो के समक्ष उस व्यक्ति को वीडियो के सामने बनाये रखने एवं घर में बने रहने के लिए के लिए दबाव बनाते हैं। वे उसे धमकाते हैं कि यदि वे घर से बाहर जायेगें तो फिर संकट में पड़ जायेगें। इसी तरह वे इसके बारे में किसी से बात करने एवं फोन करने से भी मना करते हैं।

इसमें वे फोन करने वाले व्यक्ति को मामला को रफा दफा करने के लिए बार बार पैसे की मॉग करते हैं। वे एक प्रकार से डिजिटल तकनीक का उपयोग करके भौगोलिक तौर पर दूर होते हुए भी व्यक्ति को उसके घर में ही एक प्रकार से कैद बने रहने के लिए मजबूर कर देते हैं।https://www.jagran.com/uttar-pradesh/lucknow-city-lucknow-pgi-doctor-digitally-arrested-for-seven-days-and-2-crore-rupees-were-looted-23778754.html


हाल के दिनों में इस प्रकार की घटनाओं के कई समाचार देश के विभिन्न शहरों में प्रकाशित हुए हैं। इस प्रकार के साइबर अपराध के शिकार काफी संभ्रात व्यक्ति भी हुए हैं। इनमें लोगों के काफी पैसे लेकर उन्हें धागा जा रहा है।

कैसे करें डिजिटल अरेस्ट Digital arrest अपराध से बचाव

डिजिटल अरेस्ट जैसे साइबर अपराध से बचने के लिए समाज में इसके बारे में सतत जागरूकता फैलाने की आवश्यकता हैं। यह जरूरी है कि जब इस तरह का कोई फोन आये तो फिर उसके बारे अच्छी प्रकार से जांच परख अवश्य कर लेनी चाहिए। किसी भी विभाग द्वारा किसी भी तरह का फोन करके इस प्रकार से पैसा या ब्लैकमेल नही किया जाता है । इस बात को भी समझना चाहिए। साइबर अपराध से बचने के लिए किसी भी प्रकार के अनजान फोन को अटेंड करने से सर्वथा बचना चाहिए। इस प्रकार के धमकी भरे फोन आने पर इसके बारे में पुलिस को तत्काल सूचित करना चाहिए। एक अनजान काल पर सब कुछ विश्वास कर लेने के बजाय अपनी समझ का उपयोग करना चाहिए। साइबर अपराध से बचने के तौर तरीके के बारे में लगातार जानकारी लेते रहना चाहिए।

Digital arrest

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