Astrology and Journalism
Media play an important role in popularizing astrology. Now it is also being used for political purposes. This article throws light on it.
Astrology and Journalism ज्योतिष पत्रकारिता का उदय ?
समाज में व्यक्ति विभिन्न प्रकार की समस्याओं से परेशान हो करके उनका समाधान के लिए हर तरह से प्रयास करता रहता है। ज्योतिष विषय इसी प्रकार की समस्याओं के निदान के तौर पर भी देखा जाता है। मीडिया में भी इसे विविध रूपों में प्रस्तुत किया जाता है। जनमाध्यमों में ज्योतिष के आधार पर जानकारी देना कोई नयी बात नही है। इसके बारे में शिक्षा भी दी जाती है । बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय सहित अन्य कई विश्वविद्यालयों में भी ज्योतिष की शिक्षा दी जाती है।
एक लम्बे समय से देश के सभी मुख्य समाचारपत्र एवं पत्र-पत्रिकाओं में भविष्यवाणी प्रकाशित होते रहे हैं। इसे कुछ लोग बहुत ही चाव से पढ़ते भी हैं। इस प्रकार के कालम में बाद में विविध ढंग से काफी अधिक विस्तार भी हुआ है। जनमाध्यमों में इस प्रकार के लेखन के लिए कुछ ज्योतिषी वेतन या मानदेय के आधार पर कार्य करते हैं, तो कुछ मुफ्त में ही कार्य करते हैं, वहीं पर कुछ ऐसे भी ज्योतिषी हैं जो कि स्वयं भुगतान करके मीडिया में कालम प्रस्तुत करते हैं।
ज्योतिष पर बहुत बड़ी संख्या में विभिन्न भाषाओं में पत्रिकाएं भी निकलती हैं। इसमें सम्पूर्ण सामग्री ज्योतिष से सम्बन्धित ही होती है। इस प्रकार की पत्रिकाओं में ज्योतिष के विविध पक्षों पर समाचार से ले करके विविध प्रकार के लेख आदि दिये गये रहते हैं। सामान्यतौर पर तो माध्यमों में ज्योतिष के बारे में कालम ही निकलते हैं, किन्तु ऐसे भी अवसर होते हैं जबकि समाज में चर्चित किसी मुद्दे के बारे में उसके भविष्य को ले करके विविध प्रकार के प्रश्नों के उत्तर दिये जाते हैं। टीवी एवं प्रिंट माध्यमों के साथ साथ इन्टरनेट वेबसाइट पर भी इसके बारे में नियमित कार्यक्रम किये जाने लगे हैं।
ज्योतिष में कही गयी बातों पर कितना विश्वास किया जाये, इसके बारे में कुछ भी निश्चयपूर्वक कहना संभव नही है। कई बार इस प्रकार की बातें हो जाती हैं, जिससे कुछ लोग इस पर अधिक विश्वास करने लगते हैं। इसके बारे में विविध ढंग से बातें कही जाती है।
एक लम्बे समय से बड़ी संख्या में लोगों के शंका समस्या का समाधान ज्योतिष के माध्यम से प्रस्तुत करते रहे हैं। किन्तु इसका कभी शायद ही कोई फीडबैक दिया जाता है, जिससे कि यह ज्ञात हो कि कुल मिला करके इन कार्यक्रमों के बारे में लोगों के क्या विचार हैं अथवा उसकी कितनी उपयोगिता या सत्यता है।
ज्योतिष विषय पर टीवी पर बहुत से प्रश्न उत्तर कार्यक्रम सजीव रूप में दिखाये जाते हैं। बड़ी संख्या में उस समय लोग फोन भी मिलाते हैं। किन्तु आनलाइन पर जो फोन या प्रश्न आमंत्रित किया जाते है, उसमें तो बहुत ही कम लोगों के उत्तर मिलते हैं। ये ज्योतिषी फिर बाद में उनसे सम्पर्क करते हैं ।
पहले ज्योतिषी अपनी बातों को कहने के लिए पूरी तरह से दूसरे माध्यमों पर निर्भर रहते थें। किन्तु वर्तमान में न्यू मीडिया ने सबको एक बहुत ही अच्छा अवसर प्रदान कर दिया है। अब बहुत से ज्योतिषी अकेले या फिर समूह में अथवा इस प्रकार के संस्थान या संगठन अपने अपने आनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से ज्योतिष के विविध पक्षों के बारे में जानकारी देते हैं। ज्योतिष के अन्तर्गत ही वर्तमान जन्म कुंडली के बनाने के लिए बारे में काफी अधिक संख्या में वेबसाइट बन गये हैं। ये काफी अधिक इन्टरैक्टिव होते हैं। इस पर इस प्रकार के साइट पर कोई भी व्यक्ति अपनी जन्म तिथि सम्बन्धी विवरण भर करके बहुत कुछ बातें स्वयं ज्ञात कर सकते हैं।
आनलाइन माध्यमों ने ज्योतिष को काफी दूर दूर तक पहुॅचा दिया है। इस प्रकार की चर्चा आदि का कभी भी कोई बहुत प्रामाणिक आधार सामान्यतौर पर नही प्रस्तुत होता है। ज्योतिष के पक्ष और विपक्ष में तमाम बातें कही जाती है। इस मनोविज्ञान इलाज का एक बहुत ही महत्वपूर्ण साधन के तौर पर देखा जाता है, वहीे पर इसे अन्धविष्वास एवं कर्महीनता को बढ़ावा देने वाला भी कहा जाता है।
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इस प्रकार के कालम को लोग कितने विश्वास एवं रूचि के साथ पढ़ते है। इसके बारे में देश की बहुत ही सम्मानित पत्रिका जाने माने सम्पादक महोदय ने बहुत ही रोचक बात कही । उनके अनुसार उनकी पत्रिका में ज्योतिष कालम देने वाले ज्योतिषी के उपलब्ध न होने पर दूसरे ज्योतिषी के मिलने तक वे स्वयं उस कालम को लिखते रहे ।
अन्य लोगों के अतिरिक्त राजनीतिक व्यक्ति स्वयं काफी पहले से ज्योतिष का सहारा लेते रहे है। किन्तु उनके इस प्रकार के क्रिया कलाप कभी भी सार्वजनिक तौर पर नही दिखते हैं और इसके बारे में कोई सार्वजनिक चर्चा भी नही होती है। यह उनके निजी जीवन का एक भाग के तौर पर ही होता रहा है।
किन्तु पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर समाचार एवं इन्टरव्यू कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाने लगा है। बहुत से पत्रकारों को यह लगता है कि ऐसे कार्यक्रम कही अधिक प्रभावी हो सकते है। इससे जो भी बातें कही जा रही हैं, उसे लोग अधिक विष्वास के साथ स्वीकार करेंगें। अतः राजनीतिक विश्लेषण के लिए वे उस ज्योतिषी को पकड़ते हैं जो कि उनके विचार एवं एजेडा के अनुकूल भविष्यवाणी कर रहा होता है। इसी प्रकार से वे उनसे इन्टरव्यू भी लेते हैं जिसमें कि इसी एजेंडे को ध्यान में रख करके बातें कही जाती है।
ज्योतिष पत्रकारिता Astrology Journalism का क्या भविष्य होगा, यह अभी देखने की बात है। ऐसा नही कि सभी ज्योतिषी एक ही प्रकार की बातें कहते हैं, एक विषय पर भिन्न भिन्न ज्योतिषियों के विचार भिन्न भिन्न हो सकते हैं। किन्तु कुछ पत्रकार उसी ज्योतषी को महत्व देते हैं एवं अपने कार्यक्रम में शामिल करते हैं जो कि उनके विचारधारा को आगे बढ़ाते हैं। इस प्रकार से यह पाठकों पर एक मनोवैज्ञानिक प्रभाव बनाता है।
ज्योति़ष को भी एक विज्ञान के रूप में ही प्रस्तुत किये जाने की दावेदारी की जाती रही है। किन्तु इसके वैज्ञानिक पहलू के सत्यता की जॉंच करने के सन्दर्भ में कुछ भी नही कहा जाता है। लोगों के अनुभव एवं तर्क पर ही इसकी सत्यता के बारे में कुछ बातें ज्ञात होती है। ऐसी स्थिति में ज्योतिष पत्रकारिता कहॉ तक सफल होगी यह भविष्य ही बतायेगा।
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