Agenda setting is important role of mass media. People talk about subject given in media. The article discusses some aspects of Agenda setting theory.
नमस्कार। आज हम आप लोगों के बीच में जनसंचार माध्यम के एक बहुत ही महत्वपूर्ण सिद्धांत की चर्चा करने जा रहे हैं। इस सिद्धान्त का नाम एजेडा सेटिंग सिद्धान्त है । यह जन माध्यमों के प्रभाव या भूमिका के बारे में दिया गया एक सिद्धांत है। इसमें यह बताया गया है कि जनमाध्यम कैसे अपने विषय सामग्री के प्रस्तुत करने के ढंग के द्वारा लोगों के बीच में अपनी भूमिका निभाते है।
Main points of Agenda setting
इस चर्चा में जिन प्रश्नों को हम लेंगे उसमें मुख्य यह है कि एजेंडा सेटिंग Agenda setting का आशय क्या होता है। इस सिद्धांत में मुख्य रूप से किन बातों को कहा गया है। इसके संदर्भ में क्या और किस तरह के उदाहरण है ? इसी के साथ इस सिद्धांत की सीमाएं क्या हैं, इस पर भी प्रकाश डालेंगे। इस सिद्धांत के अंतर्गत यह भी बताएंगे कि इस सिद्धांत को देने में किन लोगों का सहयोग रहा है ? तो चलिए हम अब एजेंडा सेटिंग थ्योरी के बारे में चर्चा करते आरम्भ करते हैं।
इसे सबसे पहले मैक्सवेल में कॉम एंड और डोनाल्ड शाह ने प्रस्तुत किया था। और इसे एक सामाजिक विज्ञान का सिद्धांत माना जाता है। उन्होंने अमेरिका में राष्ट्रपति के चुनाव में मतदाताओं द्वारा वोट देने के तौर तरीके के बारे में एक सर्वेक्षण किया था। वह यह देखना चाहते थे कि जनमाध्यम लोगों में बीच में चुनाव के दौरान कैसी भूमिका निभाते हैं। उन्होने यह पाया था कि जो विषय जनमाध्यमों में काफी चर्चित रहे हैं, वहीं विषय चुनाव के दौरान आम लोगों के बीच में भी चर्चा का विषय बने थे।ं तो इस तरह से यह पाया गया कि चुनाव के दौरान किन विषयों पर चर्चा किया जाए, इसके निर्धारण में जनमाध्यम बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
Meaning of Agenda setting
तो आइये पहले थोड़ी इस बात पर भी हम चर्चा कर लें कि एजेंडा सेटिंग का अर्थ क्या है? एजेंडा सेटिंग का सामान्य अर्थ ‘विषय का निर्धारण’ होता है। हमें इस शब्द को काफी सुने है और किसी भी बैठक के संदर्भ में प्रायः यह शब्द इस्तेमाल किया जाता है। इसका आशय यह है कि किसी भी बैठक में विचार करने के लिए जो भी विषय की रूपरेखा निर्धारित की जाती है, वह एजेंडा के अंतर्गत आता है। यह इस बात का सूचक है कि बैठक में किन विषयों पर चर्चा की जाएगी । इसका निर्धारण पहले हो जाने से किसी मीटिंग या बैठक को निर्धारित मार्ग पर सही तौर पर आगे बढ़ाने में मदद मिलती है।
तो इस प्रकार हम देखते हैं कि एजेंडा सेटिंग इस एक तरह से किसी भी बैठक मीटिंग में भाग लेने वाले सदस्यों द्वारा किन विषयों की चर्चा की जाएगी, उसका निर्धारण करता है। अब जब हम मीडिया एजेंडा सेटिंग की बात करते हैं तो इसका आषय यही है कि वह लोगों के बीच में किन विषयों को महत्वपूर्ण घटनाओं को एक विषय के रूप में प्रस्तुत करके उन पर चर्चा करता है ? यह एक तरह से लोगों के बीच में महत्वपूर्ण विषयों की तरफ ध्यान आकृष्ट करता है और मीडिया में जिन विषयों को अधिक से अधिक है कवर किया गया रहता है, उसी के अनुसार ही लोगों में उनके सोचने के विषय का निर्धारण होता है। इस तरह से हम कह सकते हैं कि मीडिया का जो विषय सामग्री होता है या एजेंडा होता है और लोगों के बीच में चर्चा करने के जो विषय सामग्री होती है, उन दोनों बीच में एक सीधा संबंध होता है।
एजेडा सेटिंग में मुख्य बातें Main points of Agenda setting
अब आइए इस संदर्भ में हम यह जानने की कोशिश करें कि एजेंडा सेटिंग में क्या मुख्य बातें कही गयी गई हैं। मुख्य रूप से इस सिद्धांत में दो बातें आधारभूत रूप में कही जा सकती है। पहला तो यह है कि हम जो कुछ भी देखते हैं, उन्हे वास्तव में मीडिया अपने स्तर से विविध घटनाओं में से फिल्टर अथवा छान करके सामने ले आती है और इसी के साथ जो कुछ मीडिया सामने दिखाती है, हम वही या उतनी ही बातें देखते समझते हैं। दूसरी तरफ, मीडिया जिन विषयों को अधिक ध्यान देती है, उसको ज्यादा कवरेज करती है।
इस तरह हम यह कह सकते हैं कि लोग जिन सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक विषयों पर चर्चा करते हैं, वह मुख्यतः मीडिया द्वारा प्रस्तुत सामग्री के आधार पर ही निर्धारित होती है। मीडिया में विविध कार्यक्रम होते है। किन्तु लोगों के बीच चर्चा के विषय निर्धारण में समाचार तो बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसी के साथ उसे किस प्रकार से कवर किया गया है , वह भी लोगों के बीच में विषय के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वैसे एजेंडा सेटिंग के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के जो घटनाक्रम समाज में घटित हुए रहते हैं, विभिन्न विषय जो समाज में महत्वपूर्ण होते हैं, उसको अपने ढंग से एक नया रूप और आकार दे करके लोगों के सामने प्रस्तुत करता है, जिस पर लोग चर्चा करते हैं।
एजेंडा सेटिंग में भूमिका निभाने वाले व्यक्ति Persons playing roles in Agenda setting
Cultivation Theory माध्यम का कल्टीवेशन सिद्धांत
अब यहाँ पर एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि ये एजेंडा सेटिंग की जो प्रक्रिया है, उसमें कुछ लोगों की अपने स्तर से अलग अलग ढंग से भूमिका होती है। ये लोग समाज में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और जब माध्यम की बात हो रही है तो माध्यम में काम करने वाले महत्वपूर्ण व्यक्ति जैसे संपादक, प्रबंधक, रिपोर्टर, विज्ञापनदाता और इस तरह के अन्य उन लोगों की भूमिका गेटकीपर के रूप में हो जाती है जो मीडिया सामग्री प्रकाशनमें अपनी भूमिका निभाते है। अर्थात् समाज में जनमाध्यम द्वारा किन विषयों को ले जाना है, किन विषयों को नहीं ले जाना है, उसमें उनकी भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। इसी प्रकार से जो समाचार के स्रोत के रूप में सरकार के अधिकारी एवं अन्य व्यक्ति होते हैं, वे भी समाचार माध्यमों के लिए एक स्रोत के रूप में कार्य करते हैं । वे इस बात का निर्धारण करते हैं कि किन विषयों को समाज में ले जाना है। उनको जिन विषयों को बताते हुए मीडिया में स्थान पाता है और समाज का उच्च वर्ग और अन्य संबंधित लोग अपने अपने स्तर से समाज में गेट कीपर की भूमिका निभाते हुए उन विषयों को माध्यमों में पहुंचाते हैं, जिन्हें वे चर्चा में लाना चाहते हैं या जिन्हें वे अपने स्तर से महत्वपूर्ण समझते हैं। और जब यह सब आम जनता उन्हे मीडिया में महत्वपूर्ण रूप में देखते हैं तो लोग फिर उस पर चर्चा भी करते हैं।
लेकिन यहाँ पर यह भी एक महत्वपूर्ण पहलू है कि जो कुछ भी मीडिया में दिया गया है, वे सभी विषय लोगों के लिए चर्चा का विषय नहीं बनते हैं या लोगों में वे सभी विशेष चर्चित नहीं होते हैं। कुछ ऐसे कारक हैं जो कि गेटकीपर द्वारा या फिर स्वाभाविक ढंग से अगर कार्य करते हैं तो फिर वे विषय मीडिया में आने पर लोगों के बीच में ज्यादा चर्चित हो सकते हैं या लोगों के बीच में वह एजेंडा सेटिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसमें ये मुख्य कारक है कि किसी भी विषय पर समाचार आदि रूप में कितनी अधिक मात्रा में सामग्री दी गई है। उन समाचारों को मीडिया में स्थान जैसे अखबार है तो वह प्रथम पेजों पर, प्रथम पृष्ठ पर या टीवी के न्यूज में पहले किन समाचारों को बड़े षीर्षक में बताया जा रहा है तो पोजीशन या स्थिति क्या है । इसी प्रकार से उनके समय कवरेज का समय भी कुछ समय ऐसे होते हैं जबकि लोग टीवी ज्यादा देखते हैं । ऐसे समय में मीडिया में चर्चित विषय ज्यादा लोगों के बीच में पहुँच जाते हैं और कुछ समय ऐसे होते हैं , जब हम लोग टीवी देखते हैं तो यह भी एक महत्वपूर्ण पहलू हैं और उनका प्रस्तुत करने का ढंग क्या है? उसके किसी न्यूज को कितने जोरदार तरीके से रखा गया है ये भी एक कारक होता है। एजेंडा सेटिंग में इसी तरीके से स्थित अनुसार अन्य बहुत से कारक होते हैं जो कि जनमाध्यमों में एजेंडा सेटिंग के निर्धारण में अपने ढंग से प्रभावी भूमिका निभाते हैं।
वर्तमान में एजेन्डा संटिंग सिद्धान्त Agenda setting in present scenario
Bullet theory of Mass Media जनमाध्यम का बुलेट सिद्धांत
ऐजेन्डा सेटिंग सिद्धान्त को ले करके अधिकतर जो शोध किये गये है उसमें इस सिद्धान्त को सही पाया गया है। हम अपने वर्तमान जीवन में विविध ढंग में इस्तेमाल करते हुए देख सकते है। यह माध्यमों एवं समाज के कुछ लोगों की अपनी मानसिकता होती है कि वे कुछ विषयों को अपने हित के लिए जोरदार ढंग से उठाना चाहते है। इस सन्दर्भ में वे उसे जनमाध्यमों के विविध प्लेटफार्म पर देते हैं।
Spiral of silence theory स्पाइरल आफ साइलेंस सिद्धांत
वर्तमान में विविध माध्यम ऐजेन्डा सेटिंग के तौर पर काफी अधिक कार्य करने में लगे हुए है। सरकारों के बारे में यह कहा जाता है कि कई बार राजनीतिक कारणों से वे किसी मुद्दे से आम जन का ध्यान भंग करने के लिए वे कोई दूसरा मुद्दा जानबूझ करके लोगों के बीच में ले आते है। इसी प्रकार से सोषल मीडिया के आगमन के बाद बहुत बड़ी संख्या में आम जन भी ऐजेडा सेटिंग में अपने स्तर से भूमिका निभाने लगे है।