Fake call : How to protect from it क्या है एआई फेक कॉल, कैसे बचें
Fake call through AI technology has become very common practice in the world of cyber crime. This article describe some important aspects of fake call and also tells methods about how to protect from such fake call
Fake call फेक काल की ठगी से कैसे बचे
Fake call वर्तमान में साइबर अपराधियो द्वारा साइबर अपराध करने के लिए के लिए भॉति भॉति के उपाय अपनाये जा रहे हैं। लोग एक प्रकार के साइबर अपराध से अभी परिचित ही हो रहे होते हैं कि उन्हे दूसरे ऐसे नायाब तरीके के अपराध का शिकार होना पड़ रहा है जिससे कि वे सर्वथा अनजान होते हैं। इस अज्ञानता का ही लाभ उठा करके अपराधी लोगों को ठगने कार्य कर रहे हैं। साइबर अपराध की दुनियो में सर्वथा एक नयी तकनीक एआई का इस्तेमाल करके लोगों को धोखा देने का कार्य कर रहे हैं। एआई तकनीक का इस्तेमाल करके साइबर अपराधी किसी व्यक्ति को उसका कोई सुपरिचित व्यक्ति बनकर उसकी आवाज में फोन करके ठगी करता है। ठगी का यह मामला लगातार बढ़ता जा रहा है।
अभी तक साइबर अपराधी किसी को फोन पर काल करते रहे हैं तो उसमें स्वयं को बैंक, बिजली विभाग, पुलिस विभाग, इनकम टैक्स आदि विभागों का जिक्र करके सामने वाले को गुमराह करते रहे हैं। किन्तु अब तो वे जिसे फोन करते हैं, उसके किसी सुपरिचित दोस्त, मित्र या फिर परिवार के सदस्य बन करके गुमराह कर रहे हैं।
AI फेक कॉल के अन्तर्गत साइबर अपराधी किसी व्यक्ति को उसके परिचित की आवाज में बोल करके स्वयं को किसी संकट की स्थिति में दर्शाते हैं और उससे पैसे की मॉग करते हैं। इस प्रकार से धोखा देने के लिए एआई तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसमें वे सम्बन्धित व्यक्ति के आवाज का क्लोन तैयार कर लेते हैं। इस प्रकार जिस किसी व्यक्ति को फोन करते है, उसमें साइबर अपराधी उसके परिचित व्यक्ति के क्लोन किये गये आवाज में बात करते हैं। इस कारण से वह उस पर विश्वास कर लेता है।
इसमें वे प्रायः अपने उस मोबाइल को खराब होने की बाते करते है जिसे वे पहले फोन के लिए इस्तेमाल करते रहे हैं। इस दौरान वह स्वयं को ऐसी किसी संकट की स्थिति में बताते हैं कि सामने वाला व्यक्ति उसे सत्य मान लेने की भूल कर लेता है। वह अपने परिचित के वास्तविक मोबाइल नम्बर पर फोन करके एक बार इस बात की जॉच भी नही करता है कि क्या वास्तव में वह फोन नम्बर खराब है या ऐसा झूठे में ही कहा जा रहा है। इसका कारण यही होता है कि साइबर अपराधी जिसे फोन करता है, वह आवाज उसे सुपरिचित ही लगती है। एआई तकनीक से अपराधी परिचित की आवाज बना करके फोन करने में सफल रहता है। इस प्रकार के समाचार अब आये दिन जनमाध्यमों में प्रकाशित एवं प्रसारित होते रहते हैं।
डीप फेक के बारे में जानिए
पहले इस प्रकार की ठगी का मामले ईमेल के द्वारा साइबर अपराधी करने का प्रयास करते रहे हैैं। किन्तु उसे वे उन्ही व्यक्ति को इमेंल भेज सकते हैं जो कि ई मेल का इस्तेमाल करते है। अतः आम जन के बीच में इस प्रकार का ठगी कर पाना सामान्यतौर संभव नही रहा है। किन्तु आर्टिफीसियल इन्टेलीजेंस की मदद से अब वे किसी व्यक्ति की आवाज की हूबहु नकल करके फोन करने में सफल हो जाते है। इस कारण से इस प्रकार की ठगी कहीं अधिक आसानी से हो जाती है।
https://www.jagran.com/technology/tech-news-what-is-ai-voice-cloning-how-scammers-are-doing-this-scam-using-artificial-intelligence-23515044.html
अभी कुछ समय पहले एक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को एक फोन आया जिसमें कि व्यक्ति ने स्वयं का परिचय दूर दूसरे प्रदेश के एक विश्वविद्यालय के कुलपति के तौर पर दिया। उसने यह कहा कि उनका बेटा उस प्रोफेसर के शहर के ही एक अस्पताल में गंभीर अवस्था में भर्ती है और उसके ऑपरेशन के लिए काफी धन की आवश्यकता है। यह कहते हुए उसने एक एकाउंट में पैसा स्थानान्तरित करने की निवेदन किया। चूॅंकि यह फोन एक तथाकथित कुलपति की तरफ से आया था, अतः उस बात पर विश्वास करते हुए उक्त प्रोफेसर महोदय स्वयं उस अस्पताल जाने की बात कही। किन्तु वह व्यक्ति अस्पताल का नाम एवं अन्य जानकारी न दे करके सिर्फ पैसा स्थानान्तरित करने की ही जिद पर अड़ा था। थोड़ी ही देर में प्रोफेसर महोदय इस फर्जी काल को समझ गये। किन्तु पहले दौर में यदि वे यदि वे उस बात पर विश्वास कर लेते तो फिर वे उस ठगी के शिकार हो जाते।
पर सभी के साथ यह संभव नही हो पा रहा है। अपराधी लोगो के मनोविज्ञान का ही दुरूपयोग करते हैं। इस प्रकार के साइबर अपराध करने वाले अपराधी बहुत ही संगठित एवं पेशेवर ढंग से यह अपराध करते है। वे एक से एक ऐसे तरीके अपनाते है जिससे कि सामने वाला व्यक्ति उसकी बातों पर विश्वास करके उसके झॉसे में आ जाये।
Protection from fake call फेक कॉल से कैसे बचे
इस प्रकार की साइबर अपराध से बचने यह आवश्यक है कि व्यक्ति इस प्रकार के फोन आने पर उन बातों पर विश्वास करने के बजाय सब कुछ जॉच परख लेना चाहिए। सामान्यतौर पर जो व्यक्ति इस प्रकार की कोई मॉग की जा रही है तो फिर तत्काल कुछ करने के बजाय उस पर विश्वास करने के बजाय सब कुछ जॉच परख करके ही आगे कोई कदम उठाना चाहिए। इस प्रकार की काल एक अनजान नम्बर से ही आते है अथवा कभी किसी व्यक्ति के खो गये मोबाइल नम्बर से आ सकता है।किसी भी प्रकार की सूचना देने अथवा पैसा स्थानान्तरित करने के पहले थोड़ा समय ले करके जॉच परख कर लेनी चाहिए।
किस प्रकार के फेक कल से बचने के लिए कई राज्यों की पुलिस आम जन को यह चेतावनी जारी कर चुकी है ।इसमें उन्होंने इस प्रकार के फेक कॉल Fake call से सतर्क रहने के बारे में जानकारी दी है। फोन पर किसी प्रकार की कोई बैंक, आधार कार्ड, पैन कार्ड सम्बन्धी जानकारी नही दी जानी चाहिए। किसी प्रकार के लालच से भी बचना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि फोन पर किसी भी प्रकार के लेन देन के मामले में हर प्रकार से से सावधान रहना चाहिए। सरकार भी लगातार लोगों को सतर्क एवं जागरूक कर रही है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि समाज में लोग एक दूसरे को इसके बारे में सावधान रहे और दूसरे को भी सावधान करें।
Fake call