Article writing art
कैसे लिखे एक प्रभावी लेख
कई बार आप किसी विषय पर लेख लिखने के लिए विचार करते हैं और इसके लिए प्रयास भी करते रहते हैं। किन्तु इस कार्य में सफल नही हो पाते हैं। इस कारण यह कार्य विचार स्तर पर ही आरम्भ हो करके समाप्त हो जाता है। यह कार्य कई स्तरों पर किया जाता है। इसमें लेखन कार्य करने के बाद इसमें विविध प्रकार से सुधार एवं बदलाव की भी आवश्यकता होती है। इस सन्दर्भ में कई प्रकार की ऐसी बातें हैं जिसे कि एक अनुभवी लेखक को तो ज्ञात रहता है । इस कारण वे किसी विषय पर लेख लिख सकते हैं। किन्तु नये लेखक उचित जानकारी एवं अनुभव न होने के कारण चाह करके भी लेख नही लिख पाते हैं।
क्या आप अपना ऐसा लेख लिखना चाहते हैं जो सामान्य से अलग दिखे एवं प्रभावपूर्ण हो ? यहॉ पर इन्ही बातों की चर्चा की गयी है। इसमें किसी विषय पर लेख लिखने के सन्दर्भ में आरम्भ से ले करके आखिर तक किस प्रकार से व्यवस्थित ढंग से आगे बढ़ते हैं, उसके बारे में जानकारी दी गयी है। यहॉं पर यह बात देना उचित होगा कि लेख प्रस्तुत करने के सन्दर्भ में चाहे कोई भी प्लेटफार्म हो, किन्तु इसमें कुछ बातें ऐसी होती हैं जो कि सभी जगहों पर एक समान तौर पर लागू होती हैं। एक बार लेख लिख देने पर इसे किसीं ब्लॉग, वेबसाइट या विविध प्रकार के सोशल मीडिया आदि पर दिया जा सकता है। लेख लिखने के सन्दर्भ में मुख्य बातें क्रमवार ढंग से बातें निम्न हैं।
Article writing art लेख लिखने के प्रमुख चरण –
- विषय का चुनाव
- लेख का उद्देश्य का निर्धारण
- जानकारी लेना एवं शोध करना
- लेख का प्रारूप तैयार करना
- लेख लिखना आरम्भ करना
- लेख संशोधित और संपादित करना
- सर्च इंजन के लिए अनुकूलित करना
चरण 1-विषय का चुनाव –
लेख लिखने के सन्दर्भ में लेख के विषय का चुनाव सबसे पहला महत्वपूर्ण कदम है। इस विषय के चुनाव में कुछ सावधानियां अपनानी पड़ती है। वे विषय जो वर्तमान में चर्चित हैं और जिसके बारे में लोगों को जानने की उत्सुकता है। विषय अपने आप में सन्दर्भयुक्त एवं उपयोगी भी होना चाहिए। लेखन का अपनी जानकारी एवं समझ भी एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है। ध्यान दें कि विषय अपने आप में दिलचस्प लगे। जब जन सामान्य के लिए लेख का चयन किया जाता है तो फिर इसमें उन बातों एवं विन्दुओ की पहचान करनी चाहिए, जिसे कि लेख में शामिल किया जाना है।
चरण 2- लेख का उद्देश्य का निर्धारण –
जो भी लेख तैयार किया जाता है, उसके सन्दर्भ में उस लेख के उद्देश्य का निर्धारण कर लेने की भी आवश्यकता होती है। सामान्यतया सूचना एवं जानकारी देना ही उद्देश्य होता है। किन्तु इसके आगे भी कई प्रकार के उद्देश्य निर्धारित किये जा सकते हैं। इसमें लोगों को मार्गदर्शन करना, प्रेरित करना, जागरूक करना, किसी कार्य को करने के लिए सलाह देना जैसे भी उद्देष्य शामिल हो सकते हैं। इसी प्रकार से किसी कार्य को करने एवं बात या विचार को स्वीकार कराने का भी उद्देश्य हो सकता है।
चरण 3- जानकारी पाना एवं शोध करना –
लेख लिखने से पहले उसके बारे में समुचित जानकारी एकत्र करना आवश्यक है। इस सन्दर्भ में जरूरी शोध करने की आवश्यकता होती है। इससे उन बातों की समझ एवं जानकारी होती है, जिन्हे लेख में दिया जाना चाहिए। इस सन्दर्भ में यह भी ध्यान देना चाहिए कि जो भी जानकारी प्राप्त करें, वह विश्वसनीय स्रोत से ही लिया जाये। इससे प्राप्त जानकारी को एक नोट के तौर पर एकत्र किया जाना चाहिए। फिर उसमें उचित बातें ही ली जानी चाहिए। कई बार किसी विषय के सन्दर्भ में उससे सम्बन्धित लोगों से जानकारी प्राप्त की जाती है। इसमें भी सावधानी अपनाया जाना चाहिए।
चरण 4- लेख का प्रारूप तैयार करना –
उक्त बातों के तैयार हो जाने के बाद लेख के सन्दर्भ उसकी एक रूप रेखा तैयार कर लेना आवश्यक होता है। इससे लेख की बातों को एक व्यवस्थित ढंग से आगे बढ़ाने में मदद मिलती है। यहां आरम्भ से अन्त तक दिये जाने वालीे बातों को विन्दुवार ढंग से लिख लेना चाहिए। इससे बातो कों क्रमवार ढंग से लिखने में मदद मिलती है। और कोई महत्वपूर्ण पहलू छूट भी नही पाता है। इससे पूरे लेख के स्वरूप की झलक भी मिलती है। इसे यह आइडिया मिलता है कि यह किस ढंग का होगा।
चरण 5 – लेख लिखना आरम्भ करना –
https://en.wikipedia.org/wiki/Newspaper
लेख की रूपरेखा तैयार करने के बाद लेख लिखना शुरू करते का समय होता है। इस सन्दर्भ में यही सलाह दिया जाता है, पहली बार जो कुछ लिखा जा रहा है, वह हर प्रकार से सही हो, यह आवश्यक नही है। किन्तु बातों को शब्द रूप में लिखना सबसे महत्वपूर्ण है। इस दौरान अपने लेख के प्रवाह पर ध्यान देना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि उसमें मुख्य बिंदु स्पष्ट ढंग से आ जाये। एक प्रकार के विचार एक जगह दिया जाना चाहिए।
चरण 6 – लेख संशोधित और संपादित करना –
Article editing
एक बार लेख पहला ड्राफ्ट तैयार हो जाने के बाद उसे पढ़ करके यह देखना चाहिए कि यह निर्धारित विषय एवं उद्देश्य के अनुसार हो। इसके लिए इसमें आवश्यक संशोधन और संपादित करने का समय है। अतः लेख में सुनिश्चित करना चाहिए कि यह अच्छी तरह से लिखा गया हो। यह पढ़ने में आसान सरल होना चाहिए। भाषा, व्याकरण एवं प्रवाह की अच्छी प्रकार से जॉच कर लेनी चाहिए। इसमें किसी प्रकार की कोई त्रुटि नही होनी चाहिए। इस कार्य के लिए अन्य का सहयोग ले करके से इसे पढ़ने और अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए कहना चाहिए।
चरण 7 – सर्च इंजन के लिए अनुकूलित करना
Search engine optimization for article writing art
वर्तमान में किसी लेख को सिर्फ लिखना ही पर्याप्त नही है। अपने लेख की दृश्यता बढ़ाने और अधिक पाठकों को आकर्षित करने के लिए, अपनी सामग्री को खोज इंजनों के लिए अनुकूलित करना महत्वपूर्ण है। इसमें प्रासंगिक की वर्ड, मेटा विवरण और टैग का उपयोग करना शामिल है। अपनी खोज इंजन रैंकिंग में सुधार करने के लिए अपने की वर्ड पर शोध करके अपने पूरे लेख में उनका रणनीतिक रूप से उपयोग करने की आवश्यकता होती है। अतः इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि जिस विषय पर लेख लिखा गया है। यह महत्वपूर्ण है कि उस विषय के बारे में जानकारी लेने के लिए लोग क्या की वर्ड डाल करके उसे सर्च करते हैं। उसके अनुसार ही शब्द का लेख में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
Article writing art