December 23, 2024
टीवी कार्यक्रम निर्माण में रुचि रखने वाले किसी व्यक्ति को टीवी स्टूडियो के बारे में एक समझ रखना आवश्यक है । टीवी स्टूडियो स्ट्रक्चर लेख में इसी के बारे में जानकारी दी गई ।

TV studio structure – TV studio is the place where different kinds of live or recorded programmes are produced. The article describes the structure of TV studio which includes various rooms.

टीवी स्टूडियो की संरचना TV studio structure

TV Studio rooms
साभार-दूरदर्शन, टीवी स्टूडियो की संरचना TV studio structure



स्टूडियो वह स्थान होता है जहॉ पर टीवी कार्यक्रम की रिकार्डिंग की जाती है। यहॉ पर रिकार्डिंग के सभी प्रकार की सुविधाएं होती है। किसी भी टीवी स्टूडियो के विभिन्न प्रकार के कक्ष होते हैं। रिकार्डिंग के दौरान इनका उपयोग किया जाता है। इसमें से मुख्य कक्ष निम्न प्रकार से है –

मुख्य स्टूडियो Main studio structure

प्रत्येक टीवी स्टूडियो में एक मुख्य कक्ष होता है। यही पर सभी प्रकार के कार्यक्रमों की रिकार्डिंग की जाती है। रिकार्डिंग के लिए यहॉ पर सभी प्रकार के वास्तविक एवं आभासी सेट का निर्माण किया जाता है। सेट इस स्टूडियो के आकार के आधार पर ही इसे बड़े, मध्यम एवं छोटे आकर के स्टूडियो के तौर पर इसे जानते है। स्टूडियो में सभी प्रकार के रिकॉर्डिंग संबंधी उपकरण स्थित होते हैं ।


विशिष्ट रिकॉर्डिंग स्टूडियो में एक कमरा होता है जिसे स्टूडियो या लाइव रूम कहा जाता है। यह माइक्रोफोन , माइक स्टैंड आदि उपकरणों से सुसज्जित होता है। यहॉं पर वाद्ययंत्र वादक और गायक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं; और नियंत्रण कक्ष में ऑडियो इंजीनियर एवं रिकॉर्ड निर्माताओं के साथ पेशेवर ऑडियो मिक्सिंग कंसोल, प्रभाव इकाईयां संचालित करते हैं।


सीनिक कक्ष Scenic room in TV Studio


सीनिक विभाग टीवी स्टूडियो के अंदर से लगाने के लिए का कार्य सीनिक विभाग द्वारा किया जाता है। इससे कार्यक्रम की आवश्यकता के अनुसार स्टूडियो में ही विभिन्न प्रकार के स्थान या सेट बनाए जाते हैं। जेल, कार्यालय, दुकान , किचेन, जेल, कार्यालय, घर, झोपड़ी आदि का निर्माण देखते ही देखते हो जाते हैं। सेट निर्माण के लिए विभिन्न प्रकार की सामग्रियों की आवश्यकता होती है। बड़ी-बड़ी लकड़ी के पट्ठे, रंग, ब्रश , प्रकाश एवं वस्तुएं सहायता से कुशल कारीगर सेट का निर्माण करते हैं। किन्तु वर्तमान में विविध प्रकार के दृश्य बनाने के लिए डिजिटल तकनीक आ गया है । इसके माध्यम से असंभव से दिखने वाले जिसका निर्माण बहुत ही आसानी के साथ किया जा सकता है।


संदर्भ कक्ष Reference room in TV studio

प्रत्येक टीवी केंद्र पर स्थित कक्ष में पुराने चित्र, वीडियो फोटो, पुस्तक, अखबार की कतरन आदि होते हैं । संदर्भ कक्ष का उपयोग विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों से लेकर टीवी समाचार में व्यापक रूप से होता है। वर्तमान में इस प्रकार की सामग्री को डिजिटल फार्म में ही रखा जाता है। इन्हे इस प्रकार से रखना कहीं अधिक आसान है। इसमें काफी अधिक मात्रा में सामग्री को रखा भी जा सकता है। इसके लिए विविध प्रकार के डिजिटल स्टोरेज डिवाइसेज आ गये हैं। इसमें डिजिटल फार्म में सब कुछ उपलब्ध रहता है या फिर उसे तैयार किया जाता है।


रिहर्सल कक्ष Reference room structure in TV studio


टीवी स्टूडियो का वह कक्ष होता है जहॉं पर किसी कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग से पूर्व कलाकार रिहर्सल करते हैं । टीवी स्टूडियो के रिहर्सल कक्ष के लिए मुख्य स्टूडियो का उपयोग लाना हमेशा संभव नहीं हो पाता है क्योंकि वहां का कार्यक्रम के प्रसारण एवं रिकॉर्डिंग से ही फुरसत नहीं मिल पाती है । अतः इस कमी को पूरा करने के लिए अलग बने कक्ष की मदद ली जाती है । यहां पर लोग किसी भी प्रकार के कार्यक्रम को प्रस्तुत करने से पहले उसके बारे में आवश्यक रिहर्सल करते है। कुछ स्टूडियों में इस प्रकार के कई कक्ष होते है।


मेकअप रूम Make up room in TV studio


प्रत्येक स्टूडियो में एक मेकअप रूम होता है। स्टूडियो में जाने से पूर्व इसे कलाकार व्यक्ति को मेकअप रूम में जाना आवश्यक होता है। वहां उपस्थित मेक अप रूम में उस व्यक्ति को कैमरे के सामने जाने के लिए न्यूनतम रूप से आवश्यक सुसज्जित करता है जिससे कि टीवी स्क्रीन पर वह किसी तरह से अटपटे रूप में वह न दिखे।


यहां यह बता देना आवश्यक है कि टीवी मेकअप कई प्रकार के होते हैं। प्रथम प्रकार का मेक अप हल्का फुल्का होता है। यह स्टूडियो के अंदर कैमरे के सामने जाने वाले लगभग सभी व्यक्तियों के लिए आवश्यक सा होता है। इसके अंतर्गत व्यक्ति के चेहरे, गर्दन ,जैसे भागो पर हल्का पाउडर लगाकर कर देता है। यदि व्यक्ति दाढ़ी रखे हुए हैं तो आवश्यकतानुसार उसे भी सेट किया जाता है। दूसरे प्रकार के मेकअप की आवश्यकता धारावाहिक अन्य प्रकार के कार्यक्रमों में पढ़ती है जिनमें कलाकार को विभिन्न पात्रों का रूप धारण करना पड़ता है । जैसे पुलिस, योगी, वकील, डॉक्टर आदि। उसके अनुसार उसे सुसज्जित किया जाता है।


वार्डरोब सेक्शन – Ward robe section


स्टूडियो में मेकअप रूम के साथ वार्डरोब होता है । इसमें कलाकार द्वारा पहने जाने वाले विभिन्न प्रकार के कपड़े, आभूषण एवं अन्य प्रकार की सामग्री होती है । उदाहरण के लिए मुकुट, पुलिस, इंस्पेक्टर का ड्रेस, वकील का चोंगा, पगड़ी आदि जैसे वेशभूषा होते हैं।


ग्रैफिक्स कक्ष – Graphic room


प्रत्येक टीवी स्टूडियो में एक ग्रैफिक्स सेक्शन होता है। यहां कैप्शन, चित्र, नक्शा, चार्ट,सारणी आदि तैयार किया जाता है। ग्रैफिक सेक्शन के अंतर्गत आने वाले सभी प्रकार के ग्रैफिक का निर्माण हेतु कुशल चित्रकार, तकनीशियन एवं अन्य कलाकार होते हैं। इसके लिए आवश्यकता के अनुसार बाहर से भी कलाकार लिए जाते हैं। यह कलाकार टीवी कार्यक्रम की आवश्यकता के अनुसार विभिन्न प्रकार के ग्रैफिक बनाते हैं।

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सेट निर्माण कक्ष –


सेट वह स्थान होता है जिसके समक्ष सभी प्रकार के घटनाक्रम होते हैं। इसका सर्वाधिक प्रमुख उद्देश्य कहानी के संदर्भ में उसके अनुसार पाठकों के बीच मनःस्थिति तैयार करना होता है। सेट कई प्रकार के होते हैं । इसके अन्तर्गत आंतरिक, बाह्य एवं दोनों का संयुक्त रूप आते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि सेट की रिकॉर्डिंग पूर्ण कर लिया जाता है एवं बाद में इनडोर शूटिंग अथवा स्टेज कार्यक्रम के दौरान इस सेट का इस्तेमाल बैकग्राउंड के रूप में किया जाता है।


तैयार किया गया सेट किसी भी पूर्व सेट अथवा भवन का डुप्लीकेट नहीं होता है। इसका निर्माण कहानी के अनुसार किया जाता है। उसी के अनुसार इसे सजाया जाता है। सेट के निर्माण में अनेक बातों को ध्यान में रखना पड़ता है। सेट कैसा हो यह कहानी के अनुसार तय किया जाता है। किन्तु इसके निर्धारण मेे इसके निर्माण बजट को भी ध्यान में रखना पड़ता है।

TV studio structure

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प्रकाश नियंत्रक कक्ष -Light control room in TV studio structure


प्रकाश के नियंत्रण के लिए नियंत्रक कक्ष होता है। वहां पर लाइट बोर्ड लगा होता है। इसकी मदद से प्रकाश की मात्रा को कम या अधिक किया जाता है। प्रकाश के बारे में एक अलग अध्याय में चर्चा की गयी है।


कंट्रोल गैलरी Control gallery


टीवी प्रोग्राम को तैयार करने की सारी जिम्मेदारी प्रोड्येसर की होती है। कलाकारों, कार्यक्रम के निर्देशकों, इंजीनियर, फलोर पर्सन आदि के बीच तालमेल रखने के अलावा उसे मेकअप, ड्रेस सेट आदि सब कुछ तैयार करवाने होते हैं। उसे प्रोग्राम में आवश्यकता पड़ने पर सभी वस्तुओं को एकत्र करना होता है। जिस समय प्रोग्राम प्रसारित हो रहा होता है, उस समय प्रोड्यूसर अपने विभिन्न सहयोगियों एवं इंजीनियरों के साथ कंट्रोल गैलरी में बैठा होता है। यह गैलरी एक ओर मुख्य स्टूडियो के साथ जुड़ी होती है एवं दूसरी और प्रसारण कक्ष से जुड़ी होती है।

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कंट्रोल कक्ष में बैठे निदेशक, ऑडियो परसन, दृश्य एवं शब्द पर नियंत्रण रखते हैं। नियंत्रण कक्ष से ही प्रकाश के सभी पहलू पर भी नियंत्रण रखा जाता है। बहुत से स्टूडियो में नियंत्रण कक्ष में दोहरे शीशे की खिड़की बनी होती है। इस खिड़की से स्टूडियो के अंदर सीधे देखा जा सकता है।


स्टूडियो के भीतर सामान्य तौर एक से लेकर तीन कैमरे चलाए जाते हैं। ये कैमरे भिन्न भिन्न दूरी एवं कोण से शाट लेते है। कौन सा कैमरा क्या दृश्य दे रहा है । यह नियंत्रण कक्ष में बैठे थे जो सबको अपने सामने रखे दाएं बाएं कैमरों के लिए जिससे उनके अलावा शेष तक और बीच में दिखाने वाली फिल्म की शुरुआत आदि सभी एक साथ दिखते हैं। यह प्रोड्यूसर पर तय करता है कि कौन सा दृश्य प्रसारित करना है। उसके निर्देशानुसार ही बगल में बैठा इंजीनियर बटन को दबाकर मनचाहे कैमरे का दृश्य रिकार्ड हेतु लेता रहता है।

समय के साथ टीवी स्टूडियो के संरचना में काफी तरीके से बदलाव भी होते रहते हैं किंतु इसके कुछ मूलभूत जो स्वरूप हैं वह वही बने हुए हैं क्योंकि उन्हीं की मदद से सभी कार्यक्रम तैयार किए जाते हैं ।

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