बोलचाल में तकिया कलाम
Takiya Kalam is a phrase which is repeatedly used in conversation without any reason. This article discusses various aspects of this habit
बोलचाल में तकिया कलाम Takiya Kalam in conversation
बातचीत में हम विभिन्न प्रकार के शब्द एवं वाक्य इस्तेमाल करके अपनी बातों को कहते हैं। किन्तु हमारे बीच में बहुत से लोगों की आदत होती है कि वे बातचीत के दौरान किसी खास शब्द या पद को वे अनावश्यक तौर पर बार बार दोहराते है। यह प्रक्रिया किसी भी व्यक्ति एवं किसी भी प्रकार के संवाद के दौरान होती है। इसे व्यक्ति बगैर किसी खास मंतव्य के बार बार बोलता या दोहराता हैं। सामान्यतया इन शब्दों आदि को बोलने के प्रति उसका कोई नियंत्रण नही रहता है । ऐसे शब्द तकिया कलाम Takiya Kalam के तौर पर जाने जाते हैं। जिसका आशय अनावश्यक रूप से बोले जाने वाले शब्द एवं पदों से लिया जाता है । आगे इसी के कुछ रोचक पहलुओं के बारे में चर्चा की गई है
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प्रश्न है कि व्यक्ति तकियाकलाम के तौर पर शब्द या पदों को क्यों दोहराते हैं। इसके उत्तर में कई बातें कही जा सकती हैं। पहला तो यही है कि ऐसे शब्द संवाद के दौरान उत्पन्न किसी प्रकार के अन्तराल को भरने का कार्य करता है। यदि व्यक्ति को तत्काल उचित शब्द याद नही याद आ रहा है, तो भी वह इस शब्द पद को इस्तेमाल करता है। यह एक प्रकार से व्यक्ति को आराम या विराम करने या फिर सोचने का अवसर प्रदान करता है। किन्तु जब यह अनावश्यक तौर पर इसका इस्तेमाल काफी अधिक किया जाता है तो एक उबाऊ भी लगता है। कई बार तो ये शब्द ही व्यक्ति की पहचान बन जाते हैं। किसी बात पर जोर देने के लिए बार बार इस्तेमाल किया जाता है।
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तकिया कलाम Takiya Kalam के अन्तर्गत दोहराने जाने वाले प्रायः एक या दो ही शब्द होते हैं। वही, तकिया कलाम के तौर पर भिन्न-भिन्न व्यक्ति का अपना कोई खास शब्द या पद होता है। कोई व्यक्ति सामान्य बातचीत में इसे बोलता रहता है, तो कोई व्यक्ति किसी खास भावनात्मक स्थिति में उसे विशेषतौर पर इस्तेमाल करता है। इस प्रकार के शब्दों का इस्तेमाल हर भाषा, संस्कृति के अतिसामान्य व्यक्ति से ले करके अति विशिष्ट व्यक्ति करते पाये गये हैं। कुछ शब्द या पद तो ऐसे होते हैं जिसे कि बहुत से लोगों द्वारा एक समान रूप से इस्तेमाल किया जाता है। कुछ तकिया कलाम शब्द किसी खास सम्बन्धों के बीच अधिक इस्तेमाल किये जाते है। माॅं अपने बेटे से कई बार कोई शब्दया पद तकिया कलाम के तौर पर इस्तेमाल करती है। बदमाश कहीं का एक ऐसा ही तकिया कलाम है। कई बार इस प्रकार का व्यवहार नानवर्बल तरीके से भी किया जाता है। संवाद के दौरान व्यक्ति अपनी चेहरे की खास प्रकार की भाव भंगिमा बनाने से ले करके हाथ, कन्धे को किसी खास अन्दाज में प्रस्तुत करता है
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व्यक्तियों द्वारा बोल जाने वाले तकिया कलाम के प्रति लोगों का ध्यान भी बहुत ही कम होता है। लोग उससे किसी प्रकार का कोई अर्थ भी नही निकालते हैं। इस प्रकार के शब्द के प्रति उसे बोलने एवं सुनने वाले दोनों ध्यान नही देते हैं। कभी कभी कुछ लोग सामने वाले व्यक्ति से उस शब्द के बोलने का इन्तजार भी करते हैं। किन्तु कुछ लोगों द्वारा तकियाकलाम का इतना अधिक इस्तेमाल किया जाता है कि वह सुनने में बहुत ही अटपटा लगता है। खास करके जब वह किसी बड़े मंच से बोलता है तो लोगों का उस शब्द पर ही ध्यान चला जाता है। कुछ व्यक्तियों में तो यह आदत बहुत ही जबरदस्त रूप में होती है। राजनीति में नेताओं द्वारा इस प्रकार के तकिया कलाम इस्तेमाल करने पर पत्रकार, कार्टूनिस्ट के लिए एक रोचक सामग्री मिल जाती है। हमारे देश के कई राजनेताओं द्वारा अपने भाषणों के दौरान तकिया कलाम का इस्तेमाल लोगों के लिए मनोरंजन एवं आकर्षण का भी विषय हो जाते रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 राजीव गाॅधी द्वारा एक पद काफी इस्तेमाल किया जाता था। वह था “हमें देखना है”। इस पर एक बार इंडियन ऐक्स्प्रेस https://indianexpress.com/में कार्टून भी प्रकाशित हुआ था।
व्यवहारिक जीवन में बहुत से शिक्षक भी अपने शिक्षण कार्य के दौरान इस प्रकार के तकिया कलाम Takiya Kalam का काफी अधिक इस्तेमाल करते हैं। कई शिक्षक सब विद्यार्थियों को किसी विषय पर सब कुछ समझा देने के बाद अपने तकिया कलाम के तौर पर “नही समझे ” या फिर “समझे कि नहीं”बोलते है। एक प्रोफेसर महोदय अपनी हर बात के पूर्ण होने पर अपना तकिया कलाम के तौर पर एक लम्बा वाक्य बोलते थे। जिसमें वह कहते थे कि -” ऐसा है कि ऐसा नही है कि ऐसा है “। यह उनका तकिया कलाम हुआ करता था। शिक्षकों के तकिया कलाम छात्रों के लिए एक मनोरंजन का साधन बन जाते हैं। समाज के कुछ लोग तो बात बात पर विविध प्रकार के अश्लील शब्दों का निहायत अनावश्यकत रूप से तकिया कलाम के तौर पर इस्तेमाल करते करते है। ऐसे तकिया कलाम एक सभ्य समाज में न तो कहा जा सकता है न ही सुना जा सकता है।
हमारी फिल्मों में तो बहुत बार ऐसे पात्र प्रस्तुत होते रहे हैं जो कि विभिन्न प्रकार के शब्द पद तकिया कलाम Takiya Kalamके रूप में इस्तेमाल किए हैं । तकिया कलाम इस्तेमाल करते है जो कि प्रायः कामेडी के तौर पर देखा जाता रहा है। यदि किसी व्यक्ति के तकिया कलाम पर ध्यान दिया जाये तो ज्ञात होगा कि बहुत ही अजीब अजीब ढंग के शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। हिन्दी में ऐसा है कि, क्या कहें, आप जानते हैं कि, मतलब कि और अंग्रेजी भाषा में यू नो, आई सी, यू सी, जनरली आदि शब्द भूत लोगों द्वारातकिया कलाम के तौर पर इस्तेमाल किये जाते हैं।
कई बार कुछ व्यक्ति किसी खास विचार को अवसर विशेष पर बोलते हैं । किन्तु वह इसे जान बूझ करके दोहराते है । जैसे कि किसी व्यक्ति द्वारा दुःखी होने पर जंगल या मन्दिर चले जाने की बात को कहना। कुछ व्यक्ति में कोई खास विचार इस प्रकार से हावी रहते हैं कि किसी अवसर विशेष पर उसे सुनाता या दोहराता है। जब उसके साथ के लोग उसे पहले भी सुने रहते है तो फिर उसे दोबारा सुनना उबाऊ होता है।
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कुछ प्रकार के तकिया कलाम बातचीत में प्रभावी एवं उपयोगी हो सकते हैं , किंतु प्रभावी संचार करने के लिए व्यक्ति को उबाऊ तकिया कलाम से बचने की आवश्यकता होती है। कोई व्यक्ति किस शब्द को तकिया कलाम के तौर पर दोहराता है। इसका पता लगाने के लिए बोले गये बात चीत को रिकार्ड करके सुना जा सकता है। व्यक्ति इस प्रकार के शब्द की पहचान कर फिर उसे दूर करने की कोशिशकर सकता है। बातचीत के दौरान सावधान होकर के वह अनावश्यक शब्दों को दोहराने से बच सकता है। यदि व्यक्तियों द्वारा बोले जाने वाले तकिया कलाम शब्दों की सूची बनायी जाये तो वह बहुत लम्बी हो सकती है। यदि आप अपना कोई अनुभव रखते हैं तो यहाॅं कमेन्ट बाक्स में अवष्य दे जिससे कि लोगों का उसके बारे में और जानकारी मिले ।Takiya Kalam