December 23, 2024

Effects of negative news have been studied by several media scholars and it concludes that media affect our mind in negative manner. This article discusses various aspects of effects of negative news on human mind.

नकारात्मक समाचारों का मन पर प्रभाव Effects of negative news

वर्तमान में हमारे ऊपर चारों तरफ से हर पल विविध प्रकार के समाचारों की बौछार होती रहती है। इसमें नकारात्मक समाचार भी छाये रहते हैं। विविध माध्यम समाज में घटने वाली दुर्घटनाएं, अपराध आदि माध्यमों पर लगातार समाचार दिये जाते हैं। वैसे तो जनमाध्यमों का प्रभाव लोगों पर कई प्रकार से पड़ता है, किन्तु नकारात्मक समाचारों का लोगों की मनःस्थिति पर क्या एवं कैसे प्रभाव डालता है, यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। आगे इसी को ले करके चर्चा की गयी है।

विभिन्न अध्ययन यह सिद्ध करते हैं कि नकारात्मक समाचार हमारी मनःस्थिति को नकारात्मक ढंग से प्रभावित करते हैं। जनमाध्यमों में जघन्य हत्या, भयानक दुर्घटना, विविध प्रकार की प्राकतिक आपदाओं के समाचारों को देख, पढ़ एवं सुन करके लोग बहुत खराब महसूस करते हैं। उनमें डिप्रेसन का भाव उत्पन्न होता है। यद्यपि यह प्रभाव सभी लोगों पर एक समान रूप में नही होता है। संचार के सन्दर्भ में दिये गये व्यक्तिगत् भिन्नता के सिद्धान्त के अनुसार हर व्यक्ति पर संचार का भिन्न भिन्न प्रभाव होता है। कुछ लोगों पर ऐसे नकारात्मक समाचारों का प्रभाव अधिक होता है और कुछ लोगों पर इसका असर कम होता है। इसी प्रकार से यह प्रभाव भिन्न भिन्न अवधि के पश्चात भी होता है। किसी किसी पर तो तत्काल प्रभाव पड़ सकता है , किन्तु अधिकतर मामलों में यह प्रभाव धीरे धीरे होता है।

स्टेलेग्माइट सिद्धान्त के अनुसार माध्यमों का प्रभाव मस्तिष्क पर धीरे-धीरे परत दर परत रूप में जमा होता है। इसका आशय यही है कि माध्यमों के संदेश का प्रभाव एकाएक या फिर अल्पावधि के बजाय धीरे धीरे पड़ता रहता है। जब यह काफी अधिक मात्रा में हो जाता है तो फिर यह प्रभाव स्पष्ट तौर पर परिलक्षित होने लगता है। यही बात नकारात्मक समाचारों के प्रभाव के सन्दर्भ में भी लागू होती है।


माध्यमों के नकारात्मक प्रभाव के सन्दर्भ में कई कारण भी दिये जाते हैं। पहले लोग आज के विपरीत कम मात्रा एवं संख्या में मीडिया से जुड़ते थे। वे एक निश्चित समय एवं स्थान पर ही समाचार देखते एवं सुनते थे। वर्तमान में लोगों को हर पल समाचार उपलब्ध हैं। मोबाइल पर समाचार एलर्ट के माध्यम से लोगों को किसी भी पल समाचार को जानने के लिए सतत् संदेश दिया जाता है। न चाहते हुए भी लोगों को सभी प्रकार की घटनाओं के बारे में नवीनतम तथ्यों से पूरे दिन एवं सप्ताह लगातार अवगत कराने की सुविधा का उपयोग करते रहते हैं। विविध प्रकार की घटनाओं को हर पल सजीव रूप में दिखाया सुनाया जा रहा है। अब रेडियो, टीवी, समाचारपत्र वरन् आनलाइन सोशल मीडिया के द्वारा भी समाचार दिये जाते हैं। ये समाचार विविध भाव देने वाले हो सकते है। किन्तु इसमें से नकारात्मक समाचारों की भी काफी अधिक संख्या होती है।

सोशल मीडिया पर विविध प्रकार के सामाजिक समस्याओं की बातें एवं फोटो पोस्ट करने में किसी प्रकार का कोई आचार संहिता का पालन नही किया जाता है। इसलिए लोग किसी घटना समाचार के बारे में सूचना जानकारी एवं फोटो मनमाने तरीके से पोस्ट भी करते हैं । इसलिए ये प्रायः अत्यन्त विभत्स रूप में लगातार फैलते जाते हैं। इन सब का मन पर बहुत बुरा प्रभाव धीरे धीरे पड़ता है।
पहले नकारात्मक समाचार युद्ध, आतंक, लूट-पाट आदि घटनाओं से जुड़े समाचार की संख्या सीमित संख्या में ही है सामने आते थे। किन्तु अब विभिन्न प्रकार की सूचना पर व्यापक पहुंच होने के कारण लोगों के समक्ष इस प्रकार के समाचारों की संख्या काफी अधिक होती है। यही नही, स्वयं ये माध्यम भी अपराध करने के साधन बन गये हैं। सामान्यतौर नकारात्मक समाचारों पर लोगों का ध्यान भी काफी अधिक जाता है। नकारात्मक समाचारों को काफी सनसनीखेज करके प्रस्तुत भी किया जाता है। अक्सर ऐसे समाचारों को लोग बार बार देखते हैं।

Selfie photography सेल्फी फोटोग्राफी में बरतें सावधानी

अन्य समाचारों की तरह ही नकारात्मक समाचार अब न्यू मीडिया पर लम्बे समय पर पड़े रहते हैं। इस कारण ऐसे समाचारों को लोग भविष्य में भी बार-बार देख सुन सकते हैं। ऐसे समाचार पहले लोग एक बार देखते थे । जनमाध्यमों पर ऐसे नकारात्मक समाचार हमारी मनःस्थिति मस्तिष्क एवं हमारी खुशी पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव डालते है। ऐसे पर्याप्त अध्ययन हैं जो कि यह दर्शाते है कि जितना ही अधिक नकारात्मक समाचार दिये जाते हैं, वह लोगों के मन एवं दिमाग पर उतना ही अधिक नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। नकारात्मक समाचारों के एक्सपोजर से लोगों के मन में नकारात्मक भावनात्मक स्थिति बनती चली जाती है।

Color communication रंगों का संदेश संचार

नकारात्मक प्रभाव के अन्तर्गत व्यक्ति पर दुःख, घबड़ाहट, तनाव जैसे प्रभाव पड़ते हैं। नकारात्मक समाचारों के कारण मन पर सकारात्मक प्रभाव घट जाता है । कई अध्ययनों में यह तथ्य भी सामने आया है कि जब जनमाध्यमों में नकारात्मक समाचार लगातार दिखाये जाते हैं तो फिर व्यक्ति के तनाव का स्तर बढ़ जाता है। कोई व्यक्ति का किसी नकारात्मक घटना से किस प्रकार से सरोकार है , उसके अनुुसार ही उस पर प्रभाव पड़ता है। नकारात्मक प्रभाव का एक बहुत महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि व्यक्ति आरम्भ इन प्रभावों को समझ नही पाते हैं। भिन्न भिन्न लोगों पर नकारात्मक समाचारों का भिन्न भिन्न प्रकार से एवं स्तर पर प्रभाव पड़ता है। वे किसी बात को अलग अलग ढंग से लेते हैं। ऐसी घटनाएं उनसे कैसे सम्बन्धित है, इस पर निर्भर करता है। Qualities needed for RJ आरजे बनने के लिए क्या गुण चाहिए ?

वे लोग जो कि दैनिक रूप से इस प्रकार से समाचारों को अधिक देखते हैं, उनके मन में नकारात्मकता बढ़ती रहती है। नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति की मनःस्थिति को अधिक नकारात्मक बनाता है। नकारात्मक मनःस्थिति होने पर कई बार व्यक्ति की नकारात्मक समाचारों के प्रति अधिक लगाव भी बढ़ जाता है। वे अपनी मानसिक स्थिति से मेल खाते समाचारों को अधिक देखते हैं। किन्तु यह कुल मिला करके फिर उनकी तनाव एवं दुःख और आगे ही बढ़ता रहता है। यद्यपि इसका उल्टा भी पाया गया है। व्यक्ति अपने खराब मनःस्थिति से विपरीत भाव का समाचार देखता है , तो उसका मन में बदलाव भी हो जाता है। किन्तु ऐसा कम हो पाता है।

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC8096381/

नकारात्मक समाचारों का अपना महत्व भी है। ये समाज की दशा एवं दिशा को बताते है। सम्बन्धित अधिकारी एवं प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करते है। उसके शिकारव्यक्ति की आवाज बनते है । इसे सही करने के सन्दर्भ में कदम उठाने के लिए दबाव बनाते हैं। किन्तु इसे सतत् एवं अत्यधिक मात्रा में देखना सुनना हानिकारक होता है। इसलिए नकारात्मक समाचारों से बचना आवश्यक है। मनोवैज्ञानिकों द्वारा यही सलाह दिया जाता है कि नकारात्मक समाचारों से यथासंभव बचना चाहिए। सुबह के समय नकारात्मक समाचार देखने एव सुनने पढ़ने से सदैव बचना चाहिए। समाचारों को एक निश्चित समय पर ही देखना चाहिए। इसे बार-बार देखने सुनने से बचना चाहिए । इससे ध्यान भी भंग होता है । प्रयास यही करना चाहिए कि सुबह के समय जरूरी विषयों से सम्बन्धित समाचार को ही देखा जाये। यह भी कोशिश होनी चाहिए कि समाचार देखने के बाद अपने मनःस्थिति को अच्छा एवं ताजा बनाये रखने के लिए संगीत सुने, किसी प्रकार की एक्सरसाइज करे एवं अन्य प्रकार के ऐसे कार्य करे जिससे कि व्यक्ति को अच्छा महसूस हो। ऐसा करके नकारात्मक समाचारों के प्रभाव Effects of negative news से बचा जा सकता है ।

नकारात्मक समाचारों का मन पर प्रभाव Effect of negative news

error: Content is protected !!