डिजाइन के तत्व विंदु Elements of design : Points
Objectives and Importance of good design
https://blog.mrt-castings.co.uk/blog/7-things-to-consider-when-designing-your-product
जिस प्रकार से विज्ञान में किसी प्रकार के पदार्थ के निर्माण में अणु , परमाणु की भूमिका होती है। उसी प्रकार से कला के निर्माण में भी विविध प्रकार के तत्वों की भूमिका होती है। कलाकार इन्ही तत्वों का ही आपस में संयोजन करके कला का निर्माण करते हैं। इन तत्वों में रेखा, आकार, रंग, स्पेस, टेक्स्चर आदि आते है। इस प्रकार किसी भी डिजाइन का निर्माण विविध तत्वों से मिल कर होता है। ये सभी तत्व ही डिजाइन का आधार है। डिजाइन तैयार के लिए इनके बारीकियों के बारे में सही जानकारी रखने के साथ ही उसकी संरचना तैयार करने के लिए इन सभी तत्वों पर ध्यान देना भी आवश्यक है।
Designers’ view on design
यहाॅं पर यह बता देना उचित होगा कि डिजाइन के तत्वों के बारे में डिजाइनरों की अपने अपने ढंग से समझ होती है। यही कारण है कि डिजाइन के तत्वों व डिजाइन के सिद्धान्तों के बारे में वे अपने अपने ढंग सें व्याख्या करते है। डिजाइन के तत्वों की बात करते हैं, तो फिर उसी के साथ डिजाइन के सिद्धान्त की बात भी एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू होता है। डिजाइन के तत्वों के बारे में भिन्न भिन्न डिजाइनरों में अपने अपने ढंग से भिन्न भिन्न तत्वों का उल्लेख किया है। उसमें से यहाॅ पर डिजाइन के अधिकतम तत्वों को लेकर वर्णन किया गया है। किसी अन्य जगह या पुस्तक में डिजाइन के विभिन्न तत्वों की संख्या इससे कम या फिर ज्यादा रूप में भी वर्णित हो सकती है।
डिजाइन के तत्वों के अन्तर्गत स्वयं डिजाइन के विविध भागों की चर्चा की जाती है। वे डिजाइनर को किसी भी प्रकार के डिजाइन का कार्य करने के लिए आधारभूत टूल उपलब्ध कराते हैं। वे इस ढंग से होते है जिसे कि अलग अलग तौर से देखते हुए चर्चा की जा सकती है। वे किसी भी आर्ट कार्य का संरचना होता है और उससे विविध प्रकार के संदेश दिये जा सकते हैं।
यदि कही पर सिर्फ एक विन्दु ही दिया गया है तो फिर वह लोगों के लिए ध्यान का केन्द्र भी होता है। जब कही विशेष कर खाली स्थान पर पर किसी प्रकार का सिर्फ विन्दु ही बना रहता है तो फिर उस पर अनायास ही ध्यान चला जाता है। विंदु जैसे-जैसे ही बड़ा होता जाता है, उसी के साथ ही हम उसे एक अन्य रूप में देखने लगते है। यद्यपि इस समय भी वह अपने मूलभूत स्वरूप एवं गुण को सन्निहित किए हुए है
Elements and design
सामान्यतौर पर डिजाइन के निम्न तत्व मुख्य रूप से वर्णित किये जाते हैं।
बिन्दु Points
रेखा line
आकार Shape
टेक्सचर Texture
साइज Size
रंग Color
टोन Tone
आगे डिजाइन के विंदु तत्व के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की गई है।
बिन्दु Points in design
यह एक बहुत ही छोटा गोल आकार होता है। विजुअल संचार में विन्दु का इस्तेमाल किया जाता है। इसकी मदद से किसी भाग के प्रति ध्यान आकृष्ट किया जाता है। ज्यामिति में विन्दु को एक स्थान के रूप में परिभाषित किया जाता है । इसमें किसी प्रकार की कोई लम्बाई, चौड़ाई एवं गहराई नही होती है। किन्तु इसका कोई आकार भी नही होता है। द्धिविमीय रूप में इसकी स्थित को एक्स (X) एवं वाई(Y) के पद में व्यक्त करते हैं। विन्दु किसी भी प्रकार के आकार का सबसे छोटी इकाई है। इसको डाट के रूप में चिह्न द्वारा व्यक्त करते हैं। यह एक बहुत ही सूक्ष्म कण के तौर पर देखा जाता है। यह इतना सूक्ष्म है कि इसे कई अन्य ढंग से देखा जा सकता है । इसे किसी कील के नोंक के तरह चुभो सकता है। विन्दु का समूह रेखा, टैक्स्चर और प्लेन बनाता है।
Single pints in design draw attention
विंदु विजुअल डिजाइन का पहला एवं सरलतम तत्व होता है। यह ध्यान केन्द्रित करने का एक साधन है। किसी पूरे खाली पेज पर यदि सिर्फ एक विन्दु बना हुआ होता है तो फिर उसकी तरफ हमारा ध्यान चला जाता है। यदि किसी पेज पर सिर्फ एक विन्दु बना हुआ है, तो भी उसका संदेश विविध प्रकार से लोगों तक जाता है। जैसे ही दो विन्दु बनते हैं, उसी समय एक रेखा की कल्पना होती है।
Three points in design
इसी प्रकार से तीन विन्दु होने पर एक त्रिभुज की कल्पना होती है। तीन विन्दुओं के बनने पर म मस्तिष्क स्वतः ही उनका आपस में एक समन्वय करता है । फिर उसे एक खास अभिव्यक्ति महसूस करने लगता है। चार विन्दु होने पर चतुर्भुज के आकर की कल्पना की जाती है। किन्तु इन विन्दुओं का देख करके व्यक्ति अपने अनुभव के आधार देखता है । उसमें भिन्न भिन्न प्रकार की वस्तुओं की भी कल्पना कर सकता है।
विन्दुओं के घनत्व के कम ज्यादा होने के साथ ही उसका आकार में भी विविध प्रकार विविधता उत्पन्न की जा सकती है। विन्दुओं के समूह, उनके बीच दूरी, उनके बदलाव आदि अलग अलग प्रकार के आकार, विचार सम्प्रेषित करते हैं। विविध प्रकार से विन्दुओं के समूह से भिन्न भिन्न प्रकार के डिजाइन तैयार किया जाता है। विन्दुओं के भिन्न भिन्न घनत्व से भिन्न भिन्न आकार बनता है। इसी प्रकार से विन्दुओं के घनत्व का प्रवाह भी लोगों में भिन्न भिन्न भाव संप्रेषित करता है। विन्दुओं के घनत्व का प्रभाव हमारी आंखों पर भी पड़ता है। जब हमें घने रूप में विन्दु दिखते है तो फिर वे हमारी आंखों पर जोर पड़ता है।
इसी प्रकार से विन्दु छोटे एवं बड़े आकार के रूप में भी होते हैं ।वे भिन्न भिन्न ढंग से इस्तेमाल किये जाते हैं। कोहरेन्ट संयोजन बनाने के लिए जेस्टाल्ट एक आधारभूत उपकरण है । इसे कलाकार इस्तेमाल करता है। विन्दु ओं को घनत्व की विविधता के द्वारा किसी प्रकार की आकृति उभारी जा सकती है। यह एक आकार का भ्रम पैदा करता है