Eye communication is a very important form of nonverbal communication. This article discusses various aspects of eye communication.
संचार हमारे जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्रियाकलाप है और विभिन्न प्रकार के कार्यों के संदर्भ में उसके पृष्ठभूमि और उसके साथ संचार कार्य हम करते रहते हैं। इसके लिए हम विभिन्न तौर तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। बोलने के अतिरिक्त हम चेहरे एवं शरीर के विभिन्न हाव भाव के द्वारा भी संचार करते हैं। हमारा चेहरा संचार प्रक्रिया में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब हम किसी व्यक्ति से आमने-सामने हो करके बातचीत करते हैं तो उस स्थिति में चेहरे की विभिन्न प्रकार की भाव भंगिमाएं हम जो कुछ भी कहते हैं, उसमें अपने स्तर से एक पूरक के रूप में संचार कार्य को करती है। कई बार बिना कुछ बोले, चेहरा अपने स्तर से ही व्यक्ति के सन्देषों एवं भावों को व्यक्त करता है ।Smell and communication
हमारे चेहरे में जिस भाग से सबसे प्रभावी ढंग से संचार होता है, वह आंख है। आंख से हम न सिर्फ देखने का कार्य करते हैं, वरन इसके द्वारा हम संचार करने का भी कार्य करते हैं। आज आगे हम इस बात पर चर्चा करेंगे कि आंख संचार क्या है और आंख विभिन्न प्रकार के संदेशों को कैसे विभिन्न स्थितियों में संप्रेषित करता है और विभिन्न प्रकार के आंखों के गति एवं व्यवहार से हम किस प्रकार की सूचनाओं को प्राप्त करते हैं।
प्रस्तावना जब दो व्यक्ति एक दूसरे की तरफ एक ही समय पर देखते हैं तो उस स्थिति में दोनों के आंखों का संपर्क होता है। उसी स्थिति में दोनों के बीच में आवाज के तौर पर या हम यह कह सकते हैं कि नॉनवर्बल तरीके से संदेश संप्रेषण भी होता है। इसके माध्यम से व्यक्ति अपनी विभिन्न प्रकार के भावनाओं को एक दूसरे को संप्रेषित करता है । यह एक प्रकार से बॉडी लैंग्वेज का एक खास तरीका है जिसके माध्यम से व्यक्ति संवाद करता है और कई बार तो आंख वास्तव में बोले गए शब्दों की तुलना में कहीं अधिक प्रभावी तरीके से संदेश प्रेषित करते हैं ।
जब हम जिस किसी व्यक्ति से बात कर रहे होतें हैं तो उसके साथ ही आंख के द्वारा संपर्क किए रहते हैं तो उसका आशय यही होता है कि हम बहुत ही ध्यानपूर्वक उसकी बातों को सुन रहे हैं। आंख संचार का अपना एक अलग है तौर तरीका है । हालांकि यह भी बात सत्य है की भिन्न-भिन्न सभ्यता, संस्कृति में आंख द्वारा किए जाने वाले संचार का तरीका भी अलग अलग ढंग का होता है। उदाहरण के लिए कुछ सभ्यता, संस्कृति में व्यक्तियों के साथ बातचीत के दौरान आंख का संपर्क बनाए रखना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। वहीं पर कुछ शब्द का संस्कृत में इसके अलग-अलग तौर तरीके होते हैं और संवाद करने वाले व्यक्तियों की आपसी संबंध कैसा है, उसके अनुसार आंख संपर्क की अवधि निर्धारित होती है।
बायोलॉजिकल सूचनाएं Biological information in eye communication
Touch communication क्या होता है स्पर्श संचार
आंखें से हम देखने का कार्य करते हैं। इसी के साथ साथ है आंख स्वयं अपने बारे में भी विभिन्न प्रकार की सूचनाएं देती है। किसी भी प्रकार की समस्या बीमारी से ग्रस्त होने पर आंखें लाल होना, आॅखें सूज , आॅखें जाना सूखा हो जाना या इसके और भी ऐसे भौतिक रूप से संकेत दिख जाते हैं जो कि उसकी हालत की तरफ संकेत करते हैं। दूसरी तरफ, आंख के कई ऐसे पहलू हैं जो कि इंटरनल या आंतरिक बीमारियों के बारे में थोड़ा बहुत संकेत करते हैं। हालांकि इसकी पुष्टि फिर बाद में अन्य प्रकार की जांच से ही की जा सकती है ।
कई बार आंख का तौर तरीका व्यक्ति के आंतरिक मनोभावों को भी व्यक्त करता है । उदाहरण के लिए अगर आंख बहुत ही चमकीले रूप में दिख रही है तो यह व्यक्ति के खुशी और उत्साह को व्यक्त करता है फिलहाल आगे हम और आप द्वारा किए जाने वाले या आंख से किए जाने वाले सूचनाओं को और संदेशों के बारे में बात करते हैं जो कि सामान्य तौर पर हम अपनी व्यावहारिक जीवन में आंख का उपयोग करके संदेश संप्रेषण के लिए करते हैं।
https://www.ultralase.com/blog/reasons-why-your-eyes-are-important/
भिन्न भिन्न संस्कृतियों में आंख से संचार का तौर तरीका थोड़ा भिन्न होता है। एक दूसरे को आंख से संकेत देने का तरीका भी अलग अलग होता है। इसलिए कई बार एक दूसरे की संस्कृति से अपरिचित व्यक्ति आॅंख संचार के दौरान गलतफहमी का षिकार हो जाता है।
आंख संपर्क – eye communication
आंख से किया जाने वाला संपर्क कई उद्देश्यों को पूरा करता है । अंतर व्यक्ति संचार के दौरान जब व्यक्ति आंख से संपर्क करता है तो यह इस बात का सूचक होता है कि अब वह बातचीत करने के लिए तैयार है । जब तक वह अपने सामने वाले व्यक्ति को देखता नहीं है तब तक सामने वाला व्यक्ति भी इसी सोच में रहता है कि अभी व्यक्ति बातचीत करने के लिए तैयार नहीं है । वास्तव में संचार आरंभ करने के लिए आंख संपर्क होना आवश्यक होता है। बातचीत के दौरान आंख से संपर्क को बनाए रखना आवश्यक है जिससे कि सामने वाले व्यक्ति को यह संदेश मिलता रहे कि उसकी बातों को ध्यानपूर्वक और रुचि के साथ सुना जा रहा है। यदि व्यक्ति इधर उधर देखता है, तो उसे यही संकेत मिलता है कि उसे सामने वाले की बात में कोई रूचि और लगाव नहीं है।
feedback from eye communication
बातचीत के दौरान फीडबैक पाने के लिए भी हम आपसे संपर्क करते हैं । हम संबंधित व्यक्ति की तरफ करके पूछते हैं कि आपका क्या विचार है आप क्या कहते हैं व्यक्तियों के बनने आप के माध्यम से किए जाने वाले संपर्क उनके बीच के संबंधों की भी जानकारी देता है। इससे यह पता चलता है कि वह है सकारात्मक है अथवा नकारात्मक स्थिति में है
आंख संपर्क का महत्व Importance of eye communication
व्यक्तियों के बीच में जब आंख के माध्यम से संपर्क होता है तो वह है कई तरीके से महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आंख से संपर्क होने पर व्यक्ति को किसी भी तरह की घटना बात को याद करने में भी मदद मिलती है। सही प्रकार से आंख मिला करके बात करने का एक आशय यह भी होता है कि व्यक्ति ईमानदारी के साथ है। उदाहरण के लिए अमेरिका में आंख बातचीत के दौरान आंख से संपर्क बनाए रखना का बड़ा महत्व होता है । यह सम्मान देने और पाने दोनों के लिए आवश्यक है। किसी भी प्रकार की बातचीत के दौरान जब हम आंख मिला करके बातें कहते हैं तो हम संबंधित व्यक्ति को सम्मान भी देते हैं और यह हमारे संवाद को सहज और सुलभ बनाता है ।
message in eye communication
आंख का संपर्क बनाए रखने से वक्ता को यह संदेश मिलता है कि जो कुछ भी बातें वह कह रहा है, उसे सामने वाले सुनने के साथ ही समझ भी रहा है। संचार के दौरान आंख से संपर्क बनाए रखने से बातचीत करने वालों के बीच में एक बांड भी बनता है और यह जुड़ाव आंख के माध्यम से ही होता है। प्रत्यक्ष तौर पर किए जाने वाले आंख से संपर्क व्यक्तियों के बीच में बहुत ही जबरदस्त बॉन्ड बनाता है।
आंख हमारे विभिन्न प्रकार के आंतरिक भावों के व्यक्त करने का भी एक बहुत ही जबरदस्त संकेत है। आंखों द्वारा किए जाने वाले व्यवहार से व्यक्ति के आंतरिक भावों की अभिव्यक्ति होती है। कुछ खास प्रकार की मानवीय स्थिति में व्यक्ति आंख संपर्क करने में से बचता है। किसी प्रकार की लज्जा, शर्मिंदगी महसूस करने के दौरान भी व्यक्ति आंख मिलाने से बचता है। इसी प्रकार से किसी भी अपमानजनक स्थिति में होने पर भी व्यक्ति आंखें मिलाने से बचता है।
प्रभुत्व का संकेतक Feeling of dominance in eye communication
संचार के दौरान आंख के द्वारा किया जाने वाला संपर्क व्यक्तियों के बीच में एक दूसरे के प्रति संबंधों के तौर तरीके को भी व्यक्त करता है। सामान्य तौर पर एक सामान्य आदमी जब किसी से बात करता है तो वह सुनने के दौरान व्यक्ति की तरफ देखता है और बोलने के दौरान वह इधर उधर भी देखता है। वहीं दूसरी, तरफ वह व्यक्ति जो प्रभुत्व स्थापित करने के भाव से संवाद कर रहा होता है, वह बोलने के दौरान व्यक्ति की तरफ हो देखता है और जब वह सुनने की स्थिति में हो जाता है तो वह इधर उधर देख सकता है।
समीपता का भाव Feeling of closeness in eye communication
जब हम भौतिक रूप से एक दूसरे से कुछ दूर रहते हैं, उस समय आंख से संपर्क होने पर एक दूसरे के साथ समीपता का भाव महसूस होने लगता है। किसी समारोह पार्टी आदि में जब कोई परिचित व्यक्ति एक दूसरे से दूर रहते हैं और आंख से उनका आपस में संपर्क होता है तो फिर वह तत्काल एक दूसरे के साथ भौतिक रूप से समीप होने का भाव महसूस करने लगते हैं। यह भाव हमें उस समय भी महसूस होता है जब हम सूचना तकनीक के माध्यम से एक-दूसरे के सामने स्क्रीन पर उपस्थित होकर के संवाद कर रहे होते हैं ।
इसी प्रकार से जब हम कोई ऐसा फोटो देखते हैं जिसमें कि कोई व्यक्ति कैमरे की तरफ देखते हुए फोटो लिया गया रहता है तो उस फोटो को देख कर के हमें उसे अपनी तरफ देखने का एहसास होता है। उस व्यक्ति के साथ एक मनोवैज्ञानिक रूप से जुड़ाव महसूस होने लगता है जबकि यह जुड़ाव उस फोटो के साथ नहीं होता है जिसमें व्यक्ति कैमरे की तरफ नहीं देख रहा होता है।
आंख संपर्क की अवधि Duration in eye communication
यह भी बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है कि हम जब किसी की तरफ बातचीत करते हुए देखते हैं तो हम एक बार में लगातार कितनी देर तक आंख खोल करके उसकी तरफ देखते हैं । इसे हम आंख संपर्क की अवधि के रूप में कह सकते हैं । पश्चिम के देशों और अमेरिकी समाज में तो आप संपर्क की अवधि को सेकंड में माप करके भी व्यक्त किया जाता है कि उनकी सभ्यता संस्कृति में आंख से संपर्क करने का कुल अवधि कितनी होती है।
कुछ संस्कृति में यह अवधि 1.18 सेकंड है की होती है और यदि यह उससे कम होती है तो यह माना जाता है कि व्यक्ति बातचीत के विषय में रुचि नहीं ले रहा है। इसी प्रकार से एक औसत समय से अधिक देर तक का होता है तो उस स्थिति में यह माना जा सकता है कि व्यक्ति विषय में काफी अधिक रुचि ले रहा है। देर तक आंख से संपर्क बनाए रखना व्यक्ति के आपसी संबंधों की निकटता को भी व्यक्त करता है, किंतु जब कोई व्यक्ति किसी को घूरने लगता है तो उस स्थिति में यह नकारात्मक माना जाता है।
किसी तरफ लगातार देखने से उस व्यक्ति को उलझन भी महसूस होती है। हालांकि तकनीकी तौर पर इस संदर्भ में लिखित रूप में नहीं है , किंतु व्यावहारिक रूप में कुछ स्थितियों में इस प्रकार का व्यवहार व्यक्ति के व्यक्तित्व की कमजोरी के रूप में रूप में माना जाता है , विशेषकर जब विपरीत जेंडर के व्यक्ति के साथ ऐसा व्यवहार करता है। किन्तु जिन वस्तुओं व्यक्तियों के प्रति हमारी अधिक उत्सुकता होती है उसे हम देर तक देखते हैं।
आंख बचाना Avoiding eye in eye communication
हमारे समाज में आंख बचाना अथवा आंख चुराना एक मुहावरे के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है जिसका आशय यही है कि व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से खुद को देसरे से मिलने अथवा भेंट करने से बचने का प्रयास कर रहा है । किंतु आंख से बचने अथवा अनदेखी करने का कई तरीके से इस्तेमाल किया जाता है और विभिन्न स्थितियों में यह भिन्न भिन्न प्रकार से अर्थ देता है।
उदाहरण के लिए जब कोई ऐसा व्यक्ति सामने है जिसकी प्राइवेसी के भंग होने का अंदेशा है तो उसमें यदि दूसरा व्यक्ति अनदेखी कर रहा है तो इसका यही आशय यही है कि वह उसके निजता को सम्मान दे रहा है या उसमें वह दखल नहीं देना चाहता है या उसके प्रति वह खुद अपनी तरफ से सतर्क होकर के व्यवहार कर रहा है और यह एक नैतिकता की मांग भी होती है । जैसे यदि कोई पति पत्नी आपस में कहीं पर बात कर रहे हैं तो दूसरा व्यक्ति उसकी तरफ नहीं देख रहा है तो इसका आशय यही है कि उनका निजी मामला है उसने हमको इसी तरीके से दखल नहीं देना चाहिए। आंख बचाने का दूसरा अर्थ यह भी है कि हमारा संबंधित व्यक्ति की घटना, स्थान के प्रति कोई रुचि नहीं है।
कई बार हम ऐसे बात तो विचारों दृष्टि से भी खुद को आंख मूंद लेते हैं जो कि हमारे लिए बहुत अच्छा महसूस नहीं होता है या हम उसके प्रति बहुत अच्छा नहीं महसूस करते हैं । उदाहरण के लिए क्रूरतापूर्ण दृश्य सामने दिख रहा होता है तो हम उससे आंख बचा करके खुद को उस उद्दीपन से बसते हैं जो कि हमें किसी भी तरीके से डिस्टर्ब कर सकते हैं। वहीं पर आंख बंद करना भी हमारे आंख संचार का व्यवहार है जिसमें की हम इस प्रकार से किसी आंख से मिलने वाले संकेतों से खुद को बचाते हैं और अन्य प्रकार के इंद्रियों को हम ज्यादा सक्रिय या जागृत नही करना चाहते हैं । कई बार हम आंख मूंद करके संगीत सुनते हैं तो उस स्थिति में हम आंखके द्वारा मिलने वाले संचार से खुद को बचाते हैं जिससे कि कान से जो हम संगीत सुन रहे हैं वह कहीं ज्यादा एकाग्र होकर के सुन ले। आंखबचाना के साथ साथ आंख चुराना भी एक बहुत प्रसिद्ध मुहावरा है जिसका आशय यही है कि व्यक्ति किसी भी कारण से दूूसरे व्यक्ति से मिलने से बचना चाहता है। आंख फेरने का एक अन्य कारण हम अपने मन में उच्च विचार भाव से को हटाना चाहते हैं, जिसे देख जिसे हम वर्तमान में देख रहे होते हैं
आंख दबाना – हमारे सामाजिक जीवन में आंख दबा करके बात करना भी शामिल है। हालाॅंकि इसे बहुत ही ध्यान दे करके ही करने की आवश्यकता होती है। वर्बल संचार के दौरान किसी खास बात को भाव को बदलने एवं सामने वाले व्यक्ति को उसका संकेत देने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। बगैर संवाद किये इस प्रकार का व्यवहार करना व्यक्ति द्वारा एक ऐसे प्रस्ताव का सूचक है जो कि स्थितिवष अच्छा या बुरा महसूस किया जाता है।
इस प्रकार से हम देखते हैं कि आंख हमारे संचार का एक बहुत ही महत्वपूर्ण तौर तरीका है और जब हम किसी प्रकार के वरबल संवाद कर रहे होते हैं, उस दौरान आंख हमारी बातों को दूसरे तत्व संप्रेषित करने में न सिर्फ पूरक की भूमिका निभाता है, बल्कि वह उसकी पुष्टि करता है और इसके साथ-साथ वह स्वयं स्वतंत्र रूप से अपने ढंग से संदेशों का संप्रेषण करता है। एक कुशल संचारकर्ता को आंख की भाषा के बारे में समुचित ज्ञान रखा आवश्यक है।