December 23, 2024

Defining communication is not easy. It has been defined in various ways. This article discusses various aspects of communication.

What is communication ? संचार किसे कहते हैं ?
संचार क्या है ? यह एक सामान्य प्रश्न है। हम कह सकते है कि संचार एक ऐसा कार्य है जिससे हम सभी लोग अपने जीवन में सतत रूप से करते रहते हैं । किंतु जब हम संचार को परिभाषित करने का प्रयास करते हैं तो हम देखते हैं कि इसे भिन्न-भिन्न तरीके से परिभाषित किया गया है। किंतु कोई भी परिभाषा अपने आप में पूर्ण रूप में नहीं दिखती है क्योंकि संचार स्वयं एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया है। इसलिए इसे पूरी तरीके से बताने के लिए इसे स्पष्ट करना पड़ता है। सामान्य तौर पर संदेश को एक स्थान से दूसरे स्थान पर संदेश को संप्रेषित करने की प्रक्रिया को संचार कहा जाता है । आगे हम इसकी परिभाषा और इससे जुड़े कुछ अन्य महत्वपूर्ण पक्षों पर चर्चा करते रहे हैं।

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संचार एक ऐसी कार्य प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत हम या कोई अन्य व्यक्ति को अपने विचार और सूचना, जानकारी को एक खास उद्देश्य को ध्यान में रखकर के दूसरे व्यक्ति तक प्रेषित करता है । संचार व्यक्तियों के बीच में आमने सामने रह करके तो होता ही है , किंतु जैसे जैसे विभिन्न प्रकार के सूचना तकनीकों का विकास होता गया, उसी के साथ ही संचार प्रक्रिया के अन्तर्गत संदेश को विभिन्न माध्यमों से करके एक स्थान से दूसरे स्थान प्रेषित किया जाने लगा । जब संचार लोगों के बीच में आमने सामने हो करके होता है तो उस स्थिति में वह संदेशों का आदान प्रदान तत्कालीन रूप में होता है। किंतु जब इसमें माध्यमों का इस्तेमाल किया जाता है तो फिर उस स्थिति में माध्यम के गुण के अनुसार संचार संबंधित व्यक्ति तक विस्थापित रूप में होता है। अर्थात संचार के अंतर्गत जब संदेश अपने मूल स्थान से चलकर अपने गंतव्य स्थल तक अलग-अलग समय पर पहुंच सकता है। कई बात संचार तकनीकी तौर पर तो संबंधित स्थल तक पहुंच जाता है , किंतु उसे प्राप्त करने वाले व्यक्ति उसे तत्काल नहीं पाता है । उदाहरण के लिए यदि किसी संदेश को डाकिया, कूरियर के माध्यम से किसी व्यक्ति तक प्रेषित किया गया है तो एक निश्चित समय पश्चात व संबंधित व्यक्ति तक पहुंच गया । किंतु जब तक वह व्यक्ति उसे खोल करके देखता नहीं है, तब तक वह उस संदेश को नहीं जान पाता है। इसी प्रकार से वर्तमान में सोशल मीडिया पर कोई संदेश एक व्यक्ति द्वारा जब पोस्ट किया जाता है , तो वह तत्काल उस प्लेटफार्म पर पहुंच जाता है, जहां पर उसे पोस्ट किया गया रहता है, किंतु जब तक संबंधित व्यक्ति उसे नहीं देखता है तब तक पर वह उस व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाता है। इस प्रकार से हम यह देखते हैं कि संचार में संदेश एक व्यक्ति से प्रेषित किया गया संदेश दूसरे व्यक्ति द्वारा अलग-अलग समय प रेर प्राप्त किया जा सकता है।


Communication process संचार प्रक्रिया होने के संदर्भ में एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि किसी व्यक्ति ने जो भी संदेश प्रेषित किया है, उसे दूर प्राप्त करने वाला व्यक्ति उसी रूप में समझे, जिस रूप में उसे प्रेषित किया गया था। तब जाकर के संदेश की संप्रेषण प्रक्रिया पूर्ण होती है और हम यह कह सकते हैं कि संचार हुआ। इस तरह हम देखते हैं कि तकनीकी तौर पर संदेश एक स्थान से दूसरे स्थान तक यदि पहुंच गया है और संबंधित व्यक्ति उसे उस रूप में नहीं समझा है, जिस रूप में संदेश को भेजने वाले व्यक्ति ने कहा है तो फिर हम कह सकते हैं कि संचार की प्रक्रिया नहीं हुई या अधूरी हुई । इसलिए जिस अर्थ में संदेश को प्रेषित किया गया है , उसी अर्थ में संदेश को ग्रहण करना संचार को पूर्ण रूप से होने के लिए आवश्यक होता है। संचार प्रक्रिया तभी पूर्ण मानी जाएगी जब संचार अपने उद्गम स्थल से चल करके गंतव्य स्थल तक अपने मूल स्वरूप में ही पहुंचे। इस दौरान यदि इसमें किसी भी प्रकार के बदलाव अथवा रुकावट होती है तो फिर संचार का वांछित उद्देश्य पूरा नहीं होता है।


जब हम संचार प्रक्रिया के अंतर्गत संचार के उद्गम और संचार के गंतव्य की बात करते हैं तो इसमें दोनों स्थलों पर संचार सामान्य तौर पर व्यक्तियों के बीच में होने की ही बात कही जाती है। किंतु निरपेक्ष रूप में हम यह कह सकते हैं कि दोनों स्तरों पर व्यक्तियों के अतिरिक्त अन्य प्रकार के प्राणी अथवा वस्तु भी हो सकती हैं। वर्तमान तकनीकी युग में संचार प्रक्रिया में विविध प्रकार की जटिल मशीनों का भी समावेश हो चुका है। यह माध्यम के रूप में तो संचार प्रक्रिया को पूरा करने में मदद करती है, किंतु इसी के साथ ही वह संचार को प्रेषित करने अथवा संचार को प्राप्त करने के कार्य में भी अपनी भूमिका निभाने लगी हैं। इस प्रकार से संचार प्रक्रिया में दोनों तरफ तकनीकी यंत्र ही संचार के संप्रेषण और संचार के ग्रहण के कार्य को कर सकते हैं अथवा एक तरफ व्यक्ति हो सकते हैं और दूसरी तरफ मशीन हो सकती है। मशीन संचार के संप्रेषण अथवा संचार के ग्रहण करने के कार्य को तकनीकी तौर पर कर सकती है। भले ही बाद में उसका व्यक्ति द्वारा अन्य तरीके से इस्तेमाल किया जाए।
जब कोई संचार प्रक्रिया होती है, तो उसके अंतर्गत शामिल सभी घटक अपने-अपने ढंग से संचार की प्रक्रिया को पूर्ण करने में भूमिका निभाते हैं । इन सभी घटकों को संचार के तत्व के रूप में हम जानते हैं। संचार किस माध्यम से प्रेषित किया गया है, यह भी बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। एक ही संदेश को अगर हम भिन्न-भिन्न माध्यमों से प्रेषित करते हैं तो वह भिन्न-भिन्न तरीके से अपना प्रभाव डालता है। इस बात को भी हमें संचार प्रक्रिया के अंतर्गत ध्यान में रखने की आवश्यकता होती है ।

सुप्रसिद्ध संचार वैज्ञानिक मार्शल मैक्लुहान ने तो संचार communication प्रक्रिया में माध्यम को इतना महत्वपूर्ण माना कि उसने तो यहां तक कहा कि माध्यम ही संदेश है। उसके द्वारा कही गई उक्ति मीडियम इज द मैसेज काफी महत्वपूर्ण और चर्चित उक्त मानी जाती है ।
इसी प्रकार से संचार करने के अंतर्गत व्यक्तियों की संख्या भी विभिन्न रूपों में हो सकती है । संचार के अपने विविध रूप होते हैं। इसके बारे में अलग अध्याय में विस्तार से चर्चा की गई है और इसे कई आधार पर वर्गीकृत भी किया गया है। संचार करने वाले व्यक्ति विभिन्न प्रकार से संचार करते हैं। यह संचार करने की आवश्यकता , संदेश के स्वरूप, उपलब्ध साधन आदि बातों पर निर्भर करता है। सामान्य तौर पर हम यही समझते हैं कि जब हम किसी से संवाद प्रक्रिया को करते हैं तभी संचार होता है । किंतु संचार एक ऐसी प्रक्रिया है जो कि सतत रूप में होती रहती है । व्यक्ति जब हर प्रकार से अकेला होता है, उसी स्थिति में भी वह संचार करता है । भले ही वह खुद से ही क्यों न करें। वैसे वर्तमान में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के संचार साधनों के मदद से व्यक्ति उचित रूप से अकेले रह करके कहीं से भी किसी से भी संवाद संचार कर सकता है। वहीं , व्यक्ति जब किसी से संचार करता है तो उस समय भी वह स्वयं सं संचार करता है।


हमारे जीवन में संचार का बहुत ही अधिक महत्व है। संपूर्ण जीवन की कार्य प्रणाली और हमारा अस्तित्व संचार प्रक्रिया पर ही निर्भर है। विभिन्न प्रकार के क्रिया कलापों में संचार कार्य की पृष्ठभूमि से लेकर के कार्य होने की प्रक्रिया के दौरान एक आवश्यक तत्व के रूप में कम या अधिक मात्रा में शामिल रहता है। हम अपने जीवन में जितना ही अधिक कुशलता के साथ संचार करते हैं, वह उतनी ही हम अपने जीवन को सफल बनाने में सक्षम होते हैं और जीवन की सभी सफलताएं हमारे संचार कुशलता पर ही निर्भर है । इसलिए यह आवश्यक है कि हम संचार के विभिन्न बारीकियों को अच्छी तरीके से जाने और अपने जीवन में संचार को सही प्रकार से करें।


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कैसे करें सफल संचार
क्या होते है संचार के विविध तत्व

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