Sound effect is an important part of a prgogramme. The article discusses various points associated with it.
Radio drama
ध्वनि प्रभाव – प्रकृति में चारों तरफ विभिन्न प्रकार के क्रियाकलापों की ध्वनि उत्पन्न होती रहती है। इन ध्वनियों को सुन करके व्यक्ति संबंधित क्रियाकलापों के बारे में अनुमान लगाता है। उसके बारे में अपनी समझ बनाता है। भिन्न-भिन्न क्रियाकलापों की ध्वनियाॅं भी भिन्न भिन्न प्रकार की होती हैं। इसलिए संबंधित ध्वनि को सुनकर के व्यक्ति अपने पूर्व समझ के अनुसार उस क्रिया कलाप का अंदाजा लगा लेता है। अर्थात जब वह उस ध्वनि को सुनता है तो उसे संबंधित जो भी कार्य या घटना हो रहा होता है , उसकी उसे जानकारी मिल जाती है।
Classification of sound effect
ध्वनि प्रभाव भी कई प्रकार के होते हैं। इन्हें मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित किया जाता है।
Radio magazine
प्रथम वर्ग के अंतर्गत वे ध्वनियाॅं होती हैं जो प्राकृतिक रूप से विभिन्न प्रकार के घटित हो रहे घटित हो रहे क्रियाकलापों के कारण उत्पन्न होती हैं। उदाहरण के लिए नदी, झरने का प्रवाह, बादल की गड़गड़ाहट, बरसात की ध्वनि, हवा का बहना, आंधी तूफान की ध्वनि, प्रकृति विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु आदि के बोलने की ध्वनियाॅं। इस प्रकार की ध्वनि उत्पन्न करने में मनुष्य की अपनी तरफ से कोई स्पष्ट प्रत्यक्ष भूमिका नहीं होती है। जब हम ऐसी ध्वनियाॅं सुनते हैं तो हमें प्राकृतिक रूप में होने वाली घटनाओं के आभास हो जाता है। हमारे अपने आंखों के सामने संबंधित घटना के एक काल्पनिक दृश्य भी उत्पन्न होते हैं।
ध्वनि प्रभाव के अंतर्गत दूसरे वर्ग में वे ध्वनियाॅं आती हैं जो कि मनुष्य द्वारा विभिन्न क्रियाकलापों के करने के संदर्भ में उत्पन्न होती हैं। इस प्रकार के ध्वनियाॅं विभिन्न प्रकार के मशीनों के संचालित होने से विशेष रूप से उत्पन्न होती हैं। इसके अंतर्गत गाड़ी की ध्वनि, फैक्ट्री के मशीनों की ध्वनि, आफिस, घरों में चलने वाले विभिन्न प्रकार के उपकरणों के ध्वनि, गाड़ी आदि की ध्वनियां आती हैं। तकनीकी समाज में इस प्रकार की ध्वनियाॅं बहुत बड़ी मात्रा में उत्पन्न होती हैं। इन सब ध्वनियों को सुन करके व्यक्ति संबंधित तकनीकी मशीन या मनुष्य द्वारा किए जाने वाले अन्य प्रकार के क्रियाकलापों का अनुमान लगा लेता है। उसके बारे में वह एक समझ बना लेता है। उसके मस्तिष्क पर उससे संबंधित एक काल्पनिक दृश्य भी उत्पन्न हो जाता है। अतः जब कभी भी इस प्रकार के दृश्य का आभास कराना होता है तो संबंधित ध्वनि उत्पन्न करके इसका आभास कराया जाता है।
ध्वनि प्रभाव के अंतर्गत ही तीसरे वर्ग में ध्वनियां जाती हैं जो कि पूरी तरह काल्पनिक होती हैं। इसमें किसी न किसी घटना का आभास करते हैं जो वास्तव में किसी क्रिया कलाप में उस रूप में उत्पन्न नहीं होते है, किंतु इसको सुनकर के किसी ऐसे काल्पनिक दृष्य की कल्पना की जा सकती है या उसक एहसास होता है। विविध प्रकार के क्रिया कलापों की पृष्ठभूमि में इस प्रकार की ध्वनियों का इस्तेमाल किया जाता है।
ध्वनि प्रभाव के चौथे वर्ग के अंतर्गत संगीत को लिया जाता है। यह एक विशेष प्रकार की ध्वनि है जो कि सभी प्रकार के ध्वनि प्रभाव से अलग होती है। इन्हें लयबद्ध रूप में उत्पन्न किया जाता है। यह ध्वनि कर्ण प्रिय होती है। इन्हे किसी न किसी वाद्य यंत्र द्वारा उत्पन्न करते हैं। यह अपने आप में स्वतंत्र रूप में तो प्रस्तुत की ही जाती है और यह इस रूप में ही विशेष रूप से प्रसिद्ध है। किंतु इसी के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की घटनाओं के साथ भी ध्वनि प्रभाव के तौर पर इन्हे प्रस्तुत किया जाता है। इससे श्रोता संबंधित घटना के दृष्य एवं भाव को याद करता है। लोगों के मन में विभिन्न प्रकार के भावों को जगाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। यह कार्यक्रम में विषय परिवर्तन, समापन, आरम्भ, भावों का एकसास कराने आदि के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके बारे में अन्य अध्याय में विशेष रूप से चर्चा की गई है।
Use of sound effect
Use of sound effect
इस प्रकार रेडियो के विभिन्न कार्यक्रमों में ध्वनि प्रभाव का बहुत ही महत्व होता है। वैसे तो इसका इस्तेमाल सभी प्रकार के कार्यक्रम होता है। किंतु इसका अधिकतम इस्तेमाल रेडियो नाटक में ही विशेष रूप से होता है। यहां पर विभिन्न प्रकार के दृश्य को स्पष्ट करने ,उसका एहसास कराने के लिए ऐसे ध्वनि प्रभाव का इस्तेमाल किया जाता है। नाटक में विभिन्न प्रकार की दूसरी ध्वनियों की एक लंबी सूची है। जिसमें संबंधित ध्वनि प्रभाव का इस्तेमाल किया जाता रहा है। इससे नाटक की प्रस्तुति काफी प्रभावी तरीके से होती है। यदि नाटक में सिर्फ संवादों के माध्यम से ही प्रस्तुत किया जाए तो उसका स्पष्टता और उसका प्रभाव उतना नहीं होता है। किंतु ध्वनि प्रभाव नाटक की जीवन्तता तथा एवं प्रभाव को काफी बढ़ा देता है।
Sound other radio programme
इसी के साथ ध्वनि प्रभाव का इस्तेमाल रेडियो डॉक्यूमेंट्री कार्यक्रम में भी किया जाता है। जब किसी खास प्रकार के सूचना देने के लिए तथ्यों को सही तरीके से प्रस्तुत करने के लिए कई बार घटना के साथ उसके ध्वनि प्रभाव को भी शामिल करना पड़ता है। इससे उस कार्यक्रम का प्रभाव बढ़ जाता है। समाचार रिपोर्ट में रिपोर्टर द्वारा घटना के बारे में जब जानकारी दी जाती है तो उस स्थिति में भी उसी संबंधित घटनाओं के ध्वनि प्रभाव को शामिल करते हुए प्रस्तुत किया जा सकता है। रेडियो रिपोर्ट कार्यक्रम में तो उसका एक बहुत ही महत्वपूर्ण भाग होता है। विभिन्न प्रकार के रिपोर्ट कार्यक्रम तैयार किये जाते हैं तो उसमें जो कुछ भी घटना घटित होती है, उससे संबंधित ध्वनि प्रभाव भी प्रस्तुत किया जाता है जिससे कि ज्यादा से ज्यादा सजीव तरीके से प्रस्तुत किया जा सके।
Production of sound effect
ध्वनि प्रभाव को तैयार करने के संदर्भ में एक कार्यक्रम निर्माता को जहाॅं पर कार्यक्रम हो रहे होते हैं , उस संदर्भ में वहां पर जो वास्तविक ध्वनि प्रभाव उत्पन्न हैं, उसे ही दिया जाता है। इस प्रकार से नान फिक्शनल कार्यक्रम मे तो ये वास्तविक होते हैं । किंतु जब नाटक आदि जगहों पर ध्वनि प्रभाव देने की बात होती है, वहां पर इसे खास तौर पर तैयार भी किया जाता है। इसके लिए कंप्यूटर से भी मदद ली जाती हैं। इसे ध्वनि प्रभाव संगहालय से भी प्राप्त किया जाता है।
इस प्रकार से हम देखते है कि ध्वनि प्रभाव रेडियो कार्यक्रम का एक बहुत ही महत्वपूर्ण भाग होता है और इसे सही प्रकार से इस्तेमाल करने से कार्यक्रम का स्वरूप एवं प्रभाव अधिक हो जाता है।