Radio sangeet rupak is a very beautiful programme of radio which describes about our culture , tradion and values. Song and music is main part of such programme.
रेडियो संगीत रूपक Radio drama
रेडियो संगीत रूपक एक विशेष प्रकार का रेडियो रिपोर्ट कार्यक्रम है। किंतु यह रेडियो रिपोर्ट से कई तरीके से भिन्न होता है। इसमें किसी समसामयिक घटना की जगह इतिहास, परम्परा एवं साहित्य आदि विषयों की गौरव गाथा परम्परा आदि को सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया जाता है।
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रेडियो संगीत रूपक रेडियो का एक ऐसा कार्यक्रम है जो समाज के देष, समाज , कला, साहित्य, संस्कृति, परम्परा के बारे में जानकारी देने के लिए विशेष रूप से उपयोगी है। यह एक ऐसा कार्यक्रम है जो कि संगीत और गीत को मुख्य रूप से शामिल करते हुए विभिन्न प्रकार के सूचना, जानकारी देने के साथ-साथ मनोरंजन भी किया जाता है। इसके माध्यम से सामाजिक, सांस्कृतिक गतिविधियों मूल्यों परम्परा के बारे में जानकारी दी जाती है। इसी के साथ ही इससे आर्थिक विकास की गतिविधियों के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ समाज के विकास एवं जागरूकता का भी आवाहन भी किया जाता है।
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इस कार्यक्रम की कुछ अपनी कुछ खास विशेषताएं होती हैं। यह कार्यक्रम पूरी तरीके से गीत संगीत पर आधारित रहता है। इसमें हमारे समाज में पारंपरिक गीत, संगीत को ही मुख्यतः शामिल किया जाता है। इसमें हमारे सभ्यता, संस्कृति साहित्य में वर्णित हमारे सांस्कृतिक मूल्यों, परंपराओं को विशेष रूप से बताया जाता है। इस प्रकार से विविध रेडियो रूपक कार्यक्रम में सांस्कृतिक मूल्यों की झलक मिलती है। यह इस बात की जानकारी देता है कि किस प्रकार से हमारी सभ्यता, संस्कृति परम्परा हमारे गीतों में प्रस्तुत किया गया है। उदाहरण के लिए यह हमारे समाज में विवाह के विभिन्न अवसरों पर गाये जाने वाले गीतो के माध्यम से क्या बातें कही जाती है। इसे समझाते हुए गीतों को प्रस्तुत प्रस्तुत किया ता रहा है तो फिर यह रेडियो संगीत रूपक कहलायेगा। इसी प्रकार से अन्य सामाजिक रीति रिवाज पर गीतों को लेकर कार्यक्रम बनाये जा सकते है।
Importance of Radio Sangeet Rupak
संगीत रूपक कार्यक्रम का अपना एक अलग महत्व है। यह हमारे सभ्यता, संस्कृति परंपरा के बारे में न सिर्फ जानकारी देता है, वरन् उसे गौरवमय और रूचिकर ढंग से प्रस्तुत करता है। यह इसके समाज परम्परा के बारे में कहीं अधिक सजीव एवं आकर्षण तरीके से वर्णन करता है। यह हमारे मन में उसके प्रति भावनात्मक लगाव उत्पन्न करता है। इस प्रकार के कार्यक्रमों को सुनकर के किसी भी सभ्यता, संस्कृत के विभिन्न पहलुओं के बारे में कहीं अधिक जीवन्त सही तरीके से जानकारी एवं समझ बनतीे हैं। यह शुष्क तरीके के बजाय बहुत ही सरस तरीके से जानकारी प्रस्तुत करता है। रेडियो संगीत रूपक के अंतर्गत विभिन्न विषयों की बात करें तो इसके अन्तर्गत निम्न पहलू विशेष रूप से शामिल किए जाते हैं-
सभ्यता संस्कृति और परंपरा
साहित्य
सामाजिक आंदोलन किया
विभिन्न प्रकार के पर्व उत्सव
सामाजिक जागरूकता
विभिन्न महत्वपूर्ण दिवस
अन्य प्रकार के विषय
Narration in Radio Sangeet Rupak नैरेशन रेडियो रूपक कार्यक्रम का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू होता है। इसकी स्क्रिप्ट लेखन एवं इसका पठन कार्य सुन्दर तरीके से किया जाना चाहिए। रेडियो संगीत रूपक के लिए स्क्रिप्ट चरणबद्ध तरीके से प्रस्तुत किया जाता है। इसके अन्तर्गत रेडियो संगीत रूप के विषय का निर्धारण किया जाता है। विषय का निर्धारण करने के संदर्भ इस बात का ध्यान रखा जाता है कि जो कुछ भी समसामयिक विषय होते हैं, उसी में से ही किसी विषय का चयन करना चाहिए। वर्तमान में ये विषय चर्चा में रहते हैं या उसमें उसका कोई न कोई सरोकार रहता है। उसके बारे में शोधपरक ढंग से अन्य जानकारियाॅं भी एकत्र की जाती है । इससे उसके बारे में सही प्रकार की जानकारी प्राप्त की जा सके। जो सूचना सामग्री लिया जाता है उसमें से प्रस्तुत किए जाने वाले महत्वपूर्ण तथ्यों को सरल ढंग से एक जगह रखते हैं। इसके पश्चात विषय, परिस्थिति भाव के अनुसार लेखन आरंभ करते हैं।
गीत एवं संगीत का चयन Selection of song in Radio snageet supak
रेडियो संगीत और ऊपर कार्यक्रम में गीत और संगीत का चयन एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू होता है। वास्तव में गीत और संगीत ही इसकी प्राण हैं। हमारी परम्परा में जो कुछ भी गीत और संगीत होते है उनमें किन बातों का कैसे उल्लेख किया गया है और उसका क्या महत्व है, इसको ध्यान में रखकर के ही स्क्रिप्ट के लिखना पड़ता है। गीतों में जिन बातों का उल्लेख होता है, उन्हे इस स्क्रिप्ट में विशेष रूप से शामिल करके सुनाने की आवश्यकता होती है। उसके संदर्भ में ही उसकी पृष्ठभूमि और अन्य बातों का अध्ययन एवं शोध भी किया जाता है। अच्छी तरीके से स्क्रिप्ट प्रस्तुत करने के लिए अच्छे ढंग से लेखन भी आवश्यक होता है
इस प्रकार के रेडिया संगीत रूपक कार्यक्रम को तैयार करने हेतु संबंधित विषय के बारे में शोध कार्य एवं अध्ययन कार्य का बहुत महत्व जिससे कि उस विषय के बारे में सही बातें तथ्यात्मक रूप से प्रस्तुत हो। जिस किसी भी विषय पर तैयारी की जाती है, उसके सभी प्रकार के विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी करनी चाहिए। जिससे कि जो भी बात प्रस्तुत की जा रही है, वह अपने आप में सही हो।
स्क्रिप्ट लेखन में उन सब बातों को ध्यान देना चाहिए जो कि किसी भी अन्य रेडियो कार्यक्रम के लिए ध्यान रखना पड़ता है। रेडियो कार्यक्रम जनसामान्य के लिए होता है। अतः जनसामान्य की भाषा को ध्यान में रखकर के ही इसको लिखा जाता है। इसके अंतर्गत बहुत ही शब्द चित्र, शब्द एवं वाक्यों का गठन करते हैं। इसको बहुत ही वर्णनात्मक, रुचिकर आकर्षक रूप में लिखते हैं। इसमें विभिन्न प्रकार के मनोभावों को शामिल करते हैं जिसमें वह सुनने में कर्णप्रिय लगे।
Radio sangeet rupak
रेडियो संगीत रुपक में गीत संगीत मुख्य भाग है। प्रायः जो गीत एवं संगीत समाज में पहले से उपलब्ध होते हैं उन्हीं को दिया जाता है। किंतु यह आवश्यक नहीं है। अतः रेडियो संगीत स्क्रिप्ट के संदर्भ में गीत-संगीत की भी रचना की जा सकते हैं और वह विषय को ध्यान में रखकर के उसमें बातें कहीं जाती हैं ।
कार्यक्रम की प्रस्तुति
रेडियो संगीत रूप में संगीत और नैरेशन के समुचित तरीके से प्रस्तुत करना ही उस कार्यक्रम की जान है। इसे एक सही तरीके से प्रस्तुत करना आवश्यक है। इसका अच्छे एवं प्रभावी ढंग से पठन कार्यक्रम को सुंदर बनाता है। जो कोई व्यक्ति इस स्क्रिप्ट को प्रस्तुत कर रहा है , उसे पहले इसे अच्छी ढंग से अभ्यास करने की आवष्कता होती है। इस प्रकार से रेडियो संगीत को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जा सकता है।